नया विचार न्यूज़ मोतिहारी – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के मोतिहारी में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया। सावन के पवित्र महीने में बाबा सोमेश्वरनाथ के चरणों में शीश झुकाते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार के सभी निवासियों के जीवन में सुख और समृद्धि की कामना की और आशीर्वाद लिया। श्री मोदी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह चम्पारण की भूमि है, एक ऐसी धरती जिसने इतिहास रचा है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, इसी भूमि ने महात्मा गांधी को नई दिशा दी थी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इसी भूमि से मिली प्रेरणा अब बिहार के नए भविष्य को आकार देगी। उन्होंने इन विकास पहलों के लिए उपस्थित सभी व्यक्तियों और बिहार के लोगों को बधाई दी। श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी तेज़ी से वैश्विक प्रगति का साक्षी बन रही है। उन्होंने कहा कि जो प्रभुत्व कभी केवल पश्चिमी देशों का था, वह अब पूर्वी देशों द्वारा साझा किया जा रहा है, जिनकी भागीदारी और प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पूर्वी देश अब विकास की नई गति प्राप्त कर रहे हैं। इसी संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह पूर्वी देश वैश्विक स्तर पर प्रगति कर रहे हैं, उसी तरह हिंदुस्तान में भी पूर्वी राज्यों का युग है। उन्होंने प्रशासन के इस संकल्प की पुष्टि की कि आने वाले समय में पूर्व में मोतिहारी का स्थान पश्चिम में मुंबई की तरह ही प्रमुख स्थान बन जाएगा। श्री मोदी ने गया में गुरुग्राम जैसे समान अवसर, पटना में पुणे जैसा औद्योगिक विकास और संथाल परगना में सूरत जैसा विकास सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जलपाईगुड़ी और जाजपुर में पर्यटन जयपुर की तरह नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और बीरभूम के लोग बेंगलुरु के लोगों की तरह प्रगति करेंगे। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि पूर्वी हिंदुस्तान को आगे बढ़ाने के लिए, बिहार को एक विकसित राज्य में रूपांतरित होना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में आज तीव्र प्रगति संभव है, क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों में बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रशासनें हैं। उन्होंने इस तथ्य के समर्थन में अंतर को दर्शाने के लिए आंकड़ों का हवाला दिया : पिछली प्रशासनों के 10 वर्षों के दौरान जब वे केंद्र में सत्ता में थे, बिहार को केवल लगभग 2 लाख करोड़ रुपये मिले। उन्होंने कहा कि यह श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली प्रशासन के विरूद्ध नेतृत्वक प्रतिशोध का एक रूप था। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद, उनकी प्रशासन ने बिहार के विरूद्ध प्रतिशोध की इस नेतृत्व को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनके शासन में, बिहार के विकास के लिए लगभग 9 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह पिछली प्रशासन के तहत प्रदान की गई राशि से चार गुना अधिक है। दो दशक पहले बिहार की निराशा को समझने में आज की पीढ़ी के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछली प्रशासनों के शासन में विकास अवरुद्ध था और निर्धन वर्गों के लिए निर्धारित धन का उन तक पहुंचना लगभग असंभव था। उन्होंने तत्कालीन नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि उनका ध्यान केवल गरीबों के धन को लूटने पर केंद्रित था। प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों के दृढ़ निश्चय की प्रशंसा की और इसे एक ऐसी भूमि बताया जहाँ असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने बिहार को पिछली प्रशासनों की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए जनता की सराहना की, जिससे कल्याणकारी योजनाओं को गरीबों तक सीधे पहुंचाया जा सका। श्री मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि पिछले 11 वर्षों में, देश भर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं, जिनमें से लगभग 60 लाख अकेले बिहार में बने हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा नॉर्वे, न्यूज़ीलैंड और सिंगापुर जैसे देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। श्री मोदी ने कहा कि अकेले मोतिहारी ज़िले में ही लगभग 3 लाख परिवारों को पक्के घर मिले हैं और यह संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र के 12,000 से अधिक परिवारों को आज उनके नए घरों की चाबियां मिल गई हैं। इसके अतिरिक्त, 40,000 से अधिक निर्धन परिवारों को पक्के घर बनाने के लिए उनके बैंक खातों में धनराशि प्राप्त हुई है, जिनमें से अधिकतर दलित, महादलित और पिछड़े समुदायों से हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली प्रशासनों के शासनकाल में, गरीबों के लिए ऐसे आवास प्राप्त करना अकल्पनीय था। उन्होंने याद किया कि उनके कार्यकाल के दौरान, इस चिंता में कि कहीं भूमिधारकों को निशाना न बनाया जाए, लोग अपने घरों की रंगाई-पुताई से भी डरते थे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पूर्ववर्ती सत्तारूढ़ दल के नेता लोगों को कभी भी पक्के घर नहीं दे सकते थे। बिहार की प्रगति का श्रेय राज्य की माताओं और बहनों की शक्ति तथा दृढ़ संकल्प को देते हुए, श्री मोदी ने कहा कि बिहार की स्त्रीएं अपनी प्रशासन द्वारा उठाए गए हर कदम के महत्व को भली-भांति समझती हैं। उन्होंने कार्यक्रम में स्त्रीओं की भारी उपस्थिति की सराहना की और उन दिनों का स्मरण किया जब उन्हें 10 रुपए भी छुपाने पड़ते थे, बैंक खातों तक उनकी पहुंच नहीं थी और उन्हें बैंकों में प्रवेश नहीं दिया जाता था। प्रधानमंत्री ने निर्धनों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने बैंकों से प्रश्न किया था कि वंचितों के लिए उनके दरवाजे क्यों बंद हैं। उन्होंने जन-धन खाते खोलने के लिए शुरू किए गए व्यापक अभियान का उल्लेख किया, जिससे स्त्रीओं को बहुत लाभ हुआ है। बिहार में अब लगभग 3.5 करोड़ स्त्रीओं के जन-धन खाते हैं। श्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रशासनी योजनाओं का धन अब सीधे इन खातों में स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार प्रशासन ने हाल ही में बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा माताओं के लिए मासिक पेंशन 400 रुपए से बढ़ाकर 1,100 रुपये कर दी है। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में