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BPSC के जरिए चिराग पासवान की SEAT टैक्टिस? इस बार विधानसभा में एंट्री की तैयारी के लिए नया ‘मॉडल’?

नया विचार पटना– बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर का अनशन समाप्त हो गया है। मामला हाईकोर्ट में है। 30 जनवरी को अगली सुनवाई है। आश्चर्यजनक ढंग से प्रशासन और प्रतिपक्ष तकरीबन साढ़े तीन लाख अभ्यर्थियों के भविष्य से जुड़े इस मसले पर चुप हैं। दोनों की अब तक की कोशिश यही दिखती है कि बीपीएससी को बचाया जाए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुरू में रुचि तो दिखाई, लेकिन प्रशांत किशोर की इस मामले में एंट्री से उन्होंने भी कदम खींच लिए। एनडीए में अपवाद स्वरूप चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर ही है, जिसने अभ्यर्थियों को नैतिक समर्थन दिया है। इसकी क्या वजह है, यह तो चिराग ही बेहतर बता सकते हैं। चिराग को धांधली का शक चिराग पासवान कहते हैं- ‘मैं और मेरी पार्टी पूरी तरह से छात्रों के साथ हैं। मैं मानता हूं कि कहीं ना कहीं इस परीक्षा में धांधली हुई है। कुछ तो अनियमितता बरती गई, जिसकी वजह से कुछ केंद्रों पर दोबारा परीक्षा की नौबत आई। मामले की गंभीरता इससे ही पता चलती है कि एक ही परीक्षा दो बार कराई गई। जिन 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा हुई, वहां गड़बड़ी की पुष्टि जरूर हुई होगी। BPSC की जिम्मेदारी बनती है कि सभी बच्चों को समान मौके मिलें। किसी को एडवांटेज न मिले। इसलिए पूरी परीक्षा को फिर से करानी चाहिए।’ राज्य प्रशासन ने पल्ला झाड़ा राज्य प्रशासन ने बीपीएससी को स्वशासी संस्था मानते हुए अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री समझ ली। आयोग अपनी जिद पर अड़ा है। अभ्यर्थी आंदोलन की राह पर हैं। प्रशासन अभ्यर्थियों की बात मानने की कौन कहे, सुनने तक को तैयार नहीं है। अभ्यर्थी प्रशासन से बात कराने के लिए राज्यपाल से मिले। राज्यपाल ने उनकी मांगों पर गौर करने का आश्वासन भी दिया। पर, यह सबको पता है कि राज्यपाल की अपनी सीमाएं हैं। वे प्रशासन या आयोग के मामले में सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते। अभ्यर्थियों के साथ आए चिराग सवाल उठता है कि प्रशासन चुप है, प्रशासन में सहयोगी भाजपा चुप है और एनडीए के अन्य घटक भी नहीं बोल रहे तो चिराग पासवान ने अलग स्टैंड कैसे ले लिया! कहीं वे राज्य प्रशासन के मुखिया नीतीश कुमार से 2020 की तरह पंगा लेने की भूमिका तो नहीं तैयार कर रहे! या कि विधानसभा चुनाव में सीटों के लिए प्रेशर बनाने की उनकी यह टैक्टिस है। एलजेपीआर पहले ही 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी है। एनडीए में समझौता हुए बगैर चिराग ने कुछ सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है। इसमें शेखपुरा की सीट भी शामिल है। चिराग ने वहां से पार्टी जिला अध्यक्ष इमाम गजाली को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है। नीतीश से चिराग की दोस्ती न के बराबर? जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। प्रशासन बनाने के लिए भी वे किसी से तालमेल नहीं करेंगे। ऐसे में एनडीए से सिर्फ चिराग के दोबारा बीपीएससी परीक्षा कराने के लिए अभ्यर्थियों के साथ खड़े होने के क्या मायने हो सकते हैं। अतीत में नीतीश से उनके रिश्ते कैसे रहे हैं, यह सबको पता है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने नीतीश को ऐसी चोट पहुंचाई, जिसका दर्द पांच साल बाद भी उन्हें सालता है। चिराग को बिहार में संभावनाएं दिख रही हैं। नेतृत्व में नीतीश कुमार की यह आखिरी पारी हो सकती है। भाजपा के पास भी कोई दमदार युवा चेहरा नहीं है। यानी आगे भी गठबंधन प्रशासन की ही संभावनाएं हैं। ऐसे में चिराग के पास बिहार की नेतृत्व के लिए कुछ विधायक तो होने ही चाहिए। सीटों की बारगेनिंग की टैक्टिस! चिराग को यह भी पता है अपने दम पर चुनाव में उनकी सफलता संभव नहीं। लोकसभा चुनाव में पांच सीटें एलजेपीआर को मिलीं तो उसमें एनडीए की साझा ताकत थी। अपने दम पर तो वे 2020 में 134 उम्मीदवार उतार कर देख चुके हैं। एक भी नहीं जीता। हां, किसी को हराने का माद्दा जरूर उनमें है। विधानसभा चुनाव में जेडीयू को तकरीबन तीन दर्जन सीटों पर हार का कारण चिराग ही बने थे। चिराग अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं, ताकि वे एनडीए में सीटों की बारगेनिंग कर सकें।

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चिराग पासवान और प्रशांत किशोर में हो रही ‘अंडर टेबल डील’, BJP को किनारे कर हथियाएंगे नीतीश की कुर्सी?

नया विचार – बिहार को नेतृत्व की प्रयोगशाला कहा जाता रहा है। यहां अक्सर अप्रत्याशित नेतृत्वक गठजोड़ और समीकरण देखने को मिलते रहे हैं। खासकर मकर संक्रांति के बाद बिहार की नेतृत्व में कुछ ना कुछ फेरबदल होते रहे हैं। इस बार भी इसके संकेत मिल रहे हैं। पहला नेतृत्वक बदलाव तो सार्वजनिक है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस का हाथ थामने की तैयारी में हैं। दही चूड़ा भोज के बहाने दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद इनके बीच गठबंधन होने के संकेत मिल रहे हैं। असली नेतृत्वक फेरबदल दूसरी है, जिसपर हमारा मकसद आपका ध्यान दिलाना है। मकर संक्रांति के बाद यानी खरमास खत्म होते ही लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में चिराग की ओर से कही गई बातों पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि उनके और नये-नये नेतृत्व में आए प्रशांत किशोर के बीच कोई अंडर टेबल डील हो रही है। चिराग ने पढ़े प्रशांत के लिए कसीदे जन सुराज पार्टी और प्रशांत किशोर को लेकर पूछे गए सवाल पर चिराग पासवान ने बेहद सधे हुए अंदाज में जवाब दिया। चिराग ने कहा- ‘चुनावी नेतृत्व में किसकी कितनी ताकत है इसका अंदाजा इसी से लगता है कि आपके पास कितने विधायक या सांसद हैं। नेतृत्वक स्तर पर और चुनावी रणक्षेत्र में अभी भी उनको (प्रशांत किशोर) प्रूफ करना है। मुझे नहीं पता कि वह उसमें कितना खरा उतरेंगे। उपचुनाव में उन्होंने जरूर प्रयास किया। वो सफलता उनको नहीं मिली।’ चिराग ने आगे कहा कि प्रशांत जी मेरे पुराने मित्र हैं। इतना मैं जरूर मानता हूं कि वो भी एक नई सोच के साथ बिहार को एक बदलाव की दिशा में लेकर जाना चाहते हैं, जिसका मैं जरूर सम्मान करता हूं। भविष्य के गर्भ में उनके लिए क्या है, क्या नहीं ये मुझे नहीं पता। लेकिन ये जरूर है कि वह एक नई सोच के साथ आए हैं। कम से कम वह जात-पात, धर्म-मजहब से उठकर कोई सामने आता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। MY समीकरण ने दशकों तक हमारे प्रदेश को जातीयता और सांप्रदायिकता में बांटने का काम किया। मैं भी अपने MY समीकरण की बात करता हूं, जिसमें M का मतलब स्त्री और Y का अर्थ युवा है। मैंने लोकसभा चुनाव में उसे प्रमाणित करके भी दिखाया है। पांच लोकसभा सीटों में 4 युवा (एक स्त्री युवा) और दो स्त्रीओं को टिकट दिया। मोदी का हनुमान वाले बयान को बताया फिल्मी डायलॉग पिछले 10 साल की नेतृत्व देखें तो चिराग पासवान हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति समर्पण को दर्शाने के प्रयास में होते हैं। यही वजह है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होने के बाद भी चिराग पासवान ने खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान बता दिया था। मोदी के हनुमान वाले बयान पर उनसे सवाल पूछा गया तो पहली बार ऐसा लगा कि वह इससे बाहर निकलना चाहते हैं। चिराग ने कहा, ‘2020 का बिहार विधानसभा चुनाव मैं अकेले लड़ रहा था। मतभेद की वजह से मैंने जेडीयू के सामने अपने प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि बीजेपी का मैं समर्थन कर रहा था। उस वक्त कहा गया था कि मैं प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल कहीं भी प्रचार में नहीं कर सकता हूं। जब दो तीन बार यही बात पूछी गई तो उस वक्त आया तो फिल्मों के बैकग्राउंड से ही तो कहीं ना कहीं वो डायलॉगबाजी चलती है मन में। उस वक्त बोलते बोलते थोड़ा नाटकीय होते हुए बोल दिया था कि मुझे प्रधानमंत्री की तस्वीर होर्डिंग्स पर लगाने की जरूरत नहीं है, वो मेरे दिल में बसते हैं। जरूरत हुई तो दिल चीर कर दिखा दूंगा। उसी बात को लोगों ने हनुमान से जोड़ा।’ कई मुद्दों पर चिराग की बीजेपी से अलग राय 1. जातीय जनगणना और आरक्षण: इस मुद्दे पर चिराग बीजेपी से इतर राय रखते हैं। चिराग कहते हैं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। साथ 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने के कांग्रेस के दावे पर वह कहते हैं- ‘मैं मानता हूं कि जितने भी प्रावधान हैं, जो भी इस व्यवस्था को और भी सशक्त करने की सोच को मजबूती दे सकते हैं वह किया जाना चाहिए।’ वह कहते हैं कि आज भी कई योजनाएं हैं जिसके लिए जातीय अनुपात के आंकड़े होना जरूरी है। 2. वक्फ संशोधन बिल: बीजेपी जहां इस बिल को लाने पर आमदा है, वहीं चिराग इसके खिलाफ हैं। चिराग कहते हैं कि हम और बीजेपी अलग-अलग पार्टी हैं, इसलिए कई मुद्दों पर हमारी अलग-अलग राय है। वक्फ बिल जब कैबिनेट में आया, उस वक्त हमारी पार्टी की सोच थी कि जितने भी स्टेक होल्डर हैं उनको अपनी बातें रखने का मौका मिलना चाहिए। हम लोगों का मत था कि इसको एक कमेटी में भेजा जाना चाहिए। इसके लिए जेपीसी का गठन किया गया है, जो भी कमेटी का फैसला होगा वह पार्टी को स्वीकार होगा। 3. संभल जैसी घटना: बीजेपी से इतर चिराग कहते हैं कि ऐसी कोई भी घटना आपको परेशान कर सकती है। लेकिन वहीं पर आपको अपनी प्रशासन पर विश्वास रखना होता है। कोर्ट को माध्यम बनाकर मस्जिद मस्जिद मंदिर ढूंढने के सवाल पर चिराग कहते हैं कि उनकी प्राथमिकताओं में ये है ही नहीं। ये आस्था का सवाल है। इसपर किसी के लिए भी कॉमेंट करना ठीक नहीं है। मैं कतई इस बात का पक्षधर नहीं हूं कि आप जगह जगह जाकर खुदाई करें। 4. यूनिफॉर्म सिविल कोड: गृहमंत्री अमित शाह खुद कह चुके हैं कि वह इसे देशभर में लागू करके रहेंगे। वहीं चिराग पासवान इसके खिलाफ में हैं। वह इसपर कुछ भी खुलकर बोलने से बचते रहें हैं। 5. तेजस्वी की शिक्षा: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की शिक्षा को लेकर बीजेपी, जेडीयू और प्रशांत किशोर लगातार आक्रामक है, लेकिन चिराग की इसपर अलग राय है। चिराग कहते हैं कि एजुकेशन जरूर मायने रखती है, लेकिन आपकी नीति, आपकी सोच आपके विचार, आपके फैसले आपके व्यक्तित्व को प्रस्तुत करते हैं। मैं कतई किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी का पक्षधर नहीं हूं। कौन कितना पढ़ा-लिखा है इसपर उनका मूल्यांकन करने के बजाय

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बिहार में कुर्की के डर से मंत्री के भाई ने किया सरेंडर, अपहरण मामले के बाद नेपाल में छिपा था पिन्नू

नया विचार बेतिया – बिहार के बेतिया में एक राइस मील से मजदूर को पिस्तौल का भय दिखाकर अगवा करने और जबरन उससे जमीन लिखवाने के मामले में पुलिस को मंत्री रेणु देवी के भाई की तलाश थी. ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही थी लेकिन मुख्य अभियुक्त रवि कुमार उर्फ पन्नू फरार था. इस बीच कुर्की की तैयारी तेज हो गयी. पुलिस ने पन्नू के घर पर इश्तेहार चिपकाया. जिसके बाद उसने सरेंडर कर दिया. वह नेपाल में छिपा था. कुर्की के डर से उसने शनिवार को सरेंडर कर दिया. कुर्की के डर से पिन्नू ने किया सरेंडर एसपी डॉ शौर्य सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि अपहरण मामले के मुख्य अभियुक्त रवि कुमार उर्फ पिन्नू ने सरेंडर कर दिया है. पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में उसने सरेंडर किया. एसपी ने कहा कि लगातार कुछ दिनों से छापेमारी चल रही थी. कोर्ट में हल्की चूक पुलिस से हुई थी और इसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. उसके बाद वारंट लेकर अब कुर्की की तैयारी चल रही थी. कुर्की के डर से पिन्नू ने सरेंडर कर दिया. नेपाल में छिपा था पिन्नू एसपी ने बताया कि पिन्नू नेपाल में छिपा था. बेतिया पुलिस नेपाल भी गयी थी. अब कुर्की की कार्रवाई शुरू होने वाली थी. इश्तेहार आज ही चिपकाया गया था. कुर्की के डर से पिन्नू ने सरेंडर कर दिया. एसपी ने बताया कि जिस पिस्टल का इस्तेमाल अपहरण के लिए हुआ था, उसे जब्त करने की तैयारी हो रही है. एसपी ने दी कड़ी चेतावनी एसपी ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि बेतिया में ये साफ हिदायत देना चाहता हूं कि इस तरह के अपराध जो भी करते हैं या जो करने की मंशा रखते हैं, वो किसी भी तबके से आते हैं, वो क्राइम करने के बाद केवल अपराधी हैं. उसपर सख्त कार्रवाई होगी.

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RJD की बैठक के बीच तेजस्वी से मिलने पहुंचे राहुल गांधी, होटल मौर्या में मुलाकात, सियासी चर्चा…

नय विचार पटना– कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिन के बिहार दौरे पर शनिवार को पटना पहुंचे। राहुल का कार्यक्रम सबसे पहले बापू सभागार में विधान सुरक्षा सम्मेलन संवाद का था, फिर कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करना था। लेकिन पटना पहुंचने के बाद राहुल सीधे होटल मौर्या पहुंचे। जहां आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक चल रही है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद से उन्होने मुलाकात की। तेजस्वी ने उनका स्वागत किया। हालांकि दोनों के बीच क्या चर्चा हुई ये अभी तक साफ नहीं हो सका है। इस मुलाकाक को इसलिए भी अहम समझा जा रहा है। क्योंकि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान शुरू हो गई है। तय कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी पटना में 6 घंटे रहेंगे। इस दौरान ग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। कांग्रेस सदाकत आश्रम में भी वे करीब दो घंटे रहेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी यह पहली बिहार यात्रा है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि सदाकत आश्रम के कर्मचारियों के लिए नवनिर्मित इंदिरा भवन का राहुल गांधी उद्घाटन कर कर्मचारियों को आवास की चाबी सौपेंगे।

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राहुल गांधी आ रहे बिहार, पटना में बिताएंगे 6 घंटे, विधानसभा चुनाव पर कार्यकर्ताओं को देंगे टिप्स

नया विचार पटना– कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को बिहार आ रहे हैं। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर पार्टी के बड़े नेता के स्वागत के लिए खास तैयारी की गयी है। राहुल गांधी एक दिन के दौरे पर बिहार आ रहे हैं जिसमें वे कई कार्यक्रमों में भाग लेने वाले हैं। सियासी हलके में राहुल गांधी के बिहार दौरे को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। पटना में लगभग 6 घंटे रहेंगे। दिल्ली से 12 बजे पटना एयरपोर्ट पर आने के बाद वे सीधे बापू सभागार जाएंगे। यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद करेंगे। बापू सभागार में वे दो घंटे रहेंगे। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। कांग्रेस सदाकत आश्रम में भी वे करीब दो घंटे रहेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी यह पहली बिहार यात्रा है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि सदाकत आश्रम में नवनिर्मित इंदिरा भवन का उद्घाटन कर कर्मियों को चाबी सौपेंगे। राहुल गांधी का बिहार आगमन ऐसे समय मे हो रहा है जब महागठबंधन में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर रस्साकशी चल रही है। कांग्रेस की ओर से आगामी चुनाव को लेकर कम से कम 70 सीटों की मांग की जा रही है। उधर राजद 150 से कम सीट लेने को तैयार नहीं है। लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बयानबाजी भी शुरू हो गयी है। माना जा रहा है कि सदाकत आश्रम में राहुल गांधी जब कार्यकर्ताओं के साथ 2 घंटे बिताएंगे उस दौरान विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के स्टैंड पर चर्चा होगी। राहुल गांधी अपने नेताओं को चुनाव को लेकर गाइड करेंगे और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत के लिए टिप्स देंगे।

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बिहार के किसानों को अब मिलेगी सस्ती बिजली और मुफ्त कनेक्शन, इस तारीख तक करें आवेदन

नया विचार पटना– बिहार प्रशासन ने राज्य के सभी किसानों के हित में एक बड़ी पहल करते हुए सिंचाई के लिए खेतों तक मुफ्त कृषि बिजली कनेक्शन देने की योजना शुरू की है. मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत प्रशासन ने किसानों को उनके खेतों तक मुफ्त बिजली कनेक्शन देने की व्यवस्था की है. इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान 28 फरवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं. सितंबर 2026 तक 8 लाख से अधिक किसानों को कनेक्शन देने का लक्ष्य राज्य में सिंचाई के लिए बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से ऊर्जा विभाग ने कई बड़े कदम उठाए हैं. जिसमें चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत सितंबर 2026 तक राज्य के कुल 8 लाख 40 हजार किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक 5 लाख 42 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री कृषि विद्युत योजना के मुख्य बिंदु •ऊर्जा विभाग खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर कृषि पावर सबस्टेशन का निर्माण कर रहा है. •इस योजना के तहत किसानों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. अगले तीन महीने के अंदर सभी इच्छुक किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य है. •राज्य प्रशासन द्वारा निर्धारित कृषि विद्युत दर 6.74 रुपए प्रति यूनिट में से 6.19 रुपए प्रति यूनिट अनुदान के रूप में दी जा रही है. जिससे किसानों को मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है. •योजना के तहत स्थानीय बिजली कार्यालय या ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. आवेदन कैसे करें किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिजली विभाग के सुविधा ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा बिजली कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट nbpdcl.co.in या sbpdcl.co.in पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं. ऑफलाइन आवेदन करने के लिए बिजली विभाग के नजदीकी कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है. किसानों को होगा फायदा प्रशासन का कहना है कि इस योजना से किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं का समाधान होगा और उनकी कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ेगी. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बिजली की दरें भी कम रखी गई हैं.

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मांझी मांग रहे 20 लेकिन NDA में किसे कितनी सीट, बड़ा भाई कौन? अंदर चल रही बात जान लीजिए

नया विचार पटना– बिहार की नेतृत्व में खरमास खत्म होते ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की महक बढ़ने लगी है। लगभग नौ महीने बाद निर्धारित विधानसभा चुनाव को लेकर अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल सीट बंटवारे पर खुलकर बात करने लगे हैं। पशुपति कुमार पारस का दल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए से बाहर हो गया है। अब बिहार एनडीए में हिंदुस्तानीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी – रामविलास (लोजपा-आर), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) शामिल है। 243 सीट का बंटवारा इन पांच दलों के भीतर होना है अगर चुनाव तक कोई और नेता अपनी पार्टी के साथ इस तरफ ना आ जाए। खुलकर बोलने के लिए चर्चित हम नेता और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने 20 सीटों की मांग कर दी है और साथ ही ये भी कहा कि उनके कार्यकर्ता तो तैयारी 40 सीट पर कर रहे हैं। जब मीडिया ने पूछा कि नहीं मिली 20 सीट तो क्या करेंगे, तो मांझी बोले कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार जो प्यार और प्रतिष्ठा देते हैं, वो कहां मिलेगा। ये हमारे परिवार की बात है। मांझी के इशारों को समझें तो सीटों को लेकर तगड़ा घमासान होने वाला है लेकिन एनडीए में रहकर। मांझी ने गांधी मैदान में 2 लाख लोगों को जुटाने का भी ऐलान किया है। एनडीए दलों के सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे पर अभी कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो रही है लेकिन बड़े नेताओं की मेल-मुलाकात में कौन कितनी सीटें लड़ सकता है, इसके संभावित स्वरूप पर विमर्श लगातार चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बेहतर स्ट्राइक रेट (लड़ी सीटों पर जीत का प्रतिशत) और नीतीश के चेहरे के दम पर जेडीयू बड़ा भाई का दर्जा वापस लेना चाहती है। लोकसभा चुनाव में जेडीयू 16 जबकि बीजेपी 17 सीट लड़ी थी। 5 सीट लोजपा और 1-1 सीट हम और रालोमो को मिली थी। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि इस समय जो बातचीत चल रही है, उसके हिसाब से कम से कम 100 सीट दोनों बड़े दल यानी भाजपा और जदयू लड़ेंगे ही लड़ेंगे। जेडीयू की कोशिश है कि उसे भाजपा से 2-3 सीट ज्यादा मिले, जिससे बिहार एनडीए में बड़े भाई के दर्जे को लेकर कन्फ्यूजन ना हो। इन चर्चाओं में जेडीयू 102 से 103 सीट, भाजपा 100 से 101 सीट, लोजपा-आर 25 से 26 सीट, जीतनराम मांझी की हम 7 से 8 सीट और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम 7 से 8 सीट लड़े, इस तरह का सीन बन रहा है।

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बिहार के मंदार महोत्सव में बवाल कटा, स्टेज पर नाचने लगे अधिकारी, दर्शकों ने जमकर तोड़ी कुर्सियां

नया विचार – बांका के बौंसी में मंदार महोत्सव 2025 के सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुरुवार की देर शाम को दर्शकों ने जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान वहां रखी करीब 100 कुर्सियां तोड़ दी गयी . सांस्कृतिक कार्यक्रम अंतिम पड़ाव में था लेकिन एक अधिकारी स्टेज पर चढ़कर स्त्री कलाकार के साथ गाने पर थिरकने लगे. जिसके बाद दर्शक भी झूमना शुरू कर दिए और देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गयी और प्रशासन व दर्शकों आमने-सामने हो गए. मंच पर चढ़कर डांस करने लगे वरीय कोषागार पदाधिकारी दरअसल, मंदार महोत्सव के अंतिम दिन मुख्य मंच पर बॉलीवुड गायक विनोद राठौड़ का कार्यक्रम चल रहा था .गायक के द्वारा लगातार दर्शकों को नृत्य करने के लिए उत्साहित किया जा रहा था. लेकिन दर्शक शांत थे.कुछ देर के बाद जब डीएम अंशुल कुमार और एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा कार्यक्रम स्थल से चले गये. तब वरीय कोषागार पदाधिकारी अमरेश कुमार स्टेज पर चढ़ गए और कलाकारों के साथ नृत्य करने कर लगे. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो वरीय कोषागार पदाधिकारी गायक विनोद राठौर के साथ आई स्त्री कलाकार और एंकर अंकिता आर्या के साथ गाने के बोल पर झूमने लगे. इतना ही नहीं जोश में आए पदाधिकारी बॉलीवुड सिंगर के साथ गाना भी गाने लगे.जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहा है. हालांकि नया विचार वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. देखें वीडियो https://youtu.be/QL7NuzPdSNY?si=Rr_tDrq7Ug_H6QZ6 बिगड़ा माहौल, जमकर तोड़ी गयी कुर्सियां अधिकारी के डांस से उत्साहित होकर दर्शक भी अपनी जगह पर खड़े होकर नाचने लगे.लेकिन वहां मौजूद पुलिस प्रशासन के द्वारा हस्तक्षेप कर दर्शकों को वहां हटाया जाने लगा.जिसका विरोध दर्शकों ने किया, और आक्रोशित होकर दर्जनों कुर्सियां तोड़ दी गई .हालांकि जिला प्रशासन ने इसे अति उत्साह की बात बता रहे हैं .लेकिन मंदार महोत्सव जैसे कार्यक्रम में भारी सुरक्षा के बीच इस तरह की भगदड़ सुरक्षा में चूक मानी जा रही है.उधर मुख्य मंच पर प्रशासन के अधिकारी के द्वारा नृत्य किये जाने का भी दर्शकों ने विरोध किया है.मालूम हो कि पिछले वर्ष भी गायक सलमान अली के कार्यक्रम में यहां कुर्सियां टूटी थी.

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बिहार पुल निर्माण निगम के इंजीनियर पर विजिलेंस का एक्शन, 4 ठिकानों पर की छापेमारी

नया विचार पटना- बिहार पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति मामले में गुरुवार देर रात निगरानी ब्यूरो ने दबिश दी. छापेमारी की कार्रवाई शुक्रवार सुबह 4 बजे खत्म हुई है. विजिलेंस की टीम मे जंग बहादुर सिंह के चार ठिकानों पर छापेमारी की. पुनाईचक स्थित फ्लैट, पटना के रूपसपुर थाना क्षेत्र के वेद नगर मोहल्ला, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड स्थित कार्यालय और बक्सर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दुधानी गांव में यह छापा मारा गया है. इंजीनियर पर आरोप है कि अपने और परिवार के सदस्यों के नाम से पटना एवं बक्सर शहर में करोड़ों की फ्लैट के साथ जमीन खरीदी है. गोपनीय जांच में निगरानी ने इंजीनियर के खिलाफ लगाए गए आरोप को प्रथम दृष्ट्या सही पाया है. जांच के क्रम में आय से अधिक संपत्ति का साक्ष्य पाए जाने के आधार पर निगरानी थाना काण्ड सं0-03/25, 16 जनवरी 2025 धारा-13 (2) सहपठित धारा 13 (1) (बी) भ्र०नि०अधि० 1988 (संशोधित 2018) दर्ज कर लिया गया है. न्यायालय से सर्च वारंट मिलने के बाद गुरुवार को विजिलेंस की टीम ने इंजीनियर जंगबहादुर सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की. विजिलेंस की ओर से बताया गया है कि तलाशी के दौरान बरामद नकद, निवेश से संबंधित कागजात, आभूषण एवं अभिलेख आदि का ब्यौरा पूर्ण रूप से प्राप्त होने पर अलग से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी जाएगी. विजिलेंस की टीम को मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज इंजीनियर जंग बहादुर सिंह को विजिलेंस की टीम ने लोहिया पथचक्र पुल के नीचे बने कार्यालय से पकड़ा. यहां विजिलेंस की टीम के साथ इंजीनियर की काफी कहासुनी हुई. इंजीनियर कार्यालय के अंदर जाने को तैयार नहीं था. लेकिन जब विजिलेंस टीम ने उनपर दवाब बनाया तो इंजीनियर ने कार्यालय का कमरा खोला. कार्यालय से विजिलेंस की टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले, जिसे जब्त कर लिया गया. इंजीनियर ने लगाए ये आरोप वहीं इंजीनियर जंग बहादुर सिंह का कहना है कि पूर्व डीजीपी योगेश्वर नाथ श्रीवास्तव से जमीन का विवाद था. जिसको लेकर उन्होंने निगरानी विभाग में शिकायत की थी. ये मामला कोर्ट में चल रहा है इसी को लेकर छापेमारी की गई है.

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BPSC 70वीं PT पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार 

नया विचार पटना- BPSC 70वीं PT पर रोक लगाने से पटना हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने 30 जनवरी से पहले BPSC को एफिडेविट देने को कहा है। इस मामले में अब 31 जनवरी को अगली सुनवाई होगी। BPSC 70वीं PT री-एग्जाम को लेकर आज यानी गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में सुबह करीब एक घंटे बहस हुई। इस दौरान प्रशासनी वकील पीके शाही और जनसुराज के वकील वाईबी गिरी के बीच तीखी बहस हुई। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाया है। जबकि प्रशासनी वकील ने इसे नेतृत्व से प्रेरित बताया है। दरअसल, प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज की ओर से BPSC 70वीं PT री-एग्जाम को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। प्रशांत किशोर ने 14 दिन बाद अपना आमरण अनशन खत्म करते हुए कहा कि ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हाईकोर्ट हमारी नहीं सुनेगा तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।’ परीक्षा रद्द करने और रिजल्ट पर रोक की मांग जनसुराज के वकील प्रणव कुमार ने आर्टिकल 226 के तहत याचिका दायर की है। साथ ही ये अपील की है कि जब तक री-एग्जाम न हो जाए, तब तक रिजल्ट जारी नहीं किया जाए। जनसुराज के अलावा पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और खान सर की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें री-एग्जाम कराने और प्रदर्शनकारी अभ्यथियों के खिलाफ दर्ज FIR को वापस लेने की मांग की गई है। पप्पू यादव ने 11 जनवरी को री-एग्जाम की मांग को लेकर हाईकोर्ट में 150 पेज की याचिका दायर की है। उन्होंने कहा था, ‘अभ्यर्थियों पर जो केस हुए हैं। इसको लेकर अलग से पिटीशन फाइल हुआ है। लाठीचार्ज के लिए भी अलग से पिटीशन फाइल किया गया है। BPSC के खिलाफ आंदोलन को खत्म करने में कोचिंग माफियाओं का हाथ है।’ सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार इससे पहले बिहार की आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन SC ने इसपर सुनवाई से इनकार कर दिया था। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा था- ‘आपको आर्टिकल 226 के तहत पटना हाईकोर्ट जाना चाहिए।’

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