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Economic Survey: वित्त वर्ष 2024-25 में 6.3% से 6.8% के बीच रहेगी भारत की जीडीपी वृद्धि, पढ़ें प्रमुख बातें

Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण को पेश कर दिया है. संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में हिंदुस्तान की वित्तीय स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 के बीच रहने का अनुमान है. आइए, इससे जुड़ी प्रमुख बातों के बारे में जानते हैं. आर्थिक सर्वेक्षण की प्रमुख बातें आर्थिक वृद्धि दर: आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 के बीच रहने का अनुमान है. वित्तीय स्थिति की बुनियाद मजबूत: आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, मजबूत बाहरी खाता और स्थिर निजी खपत के साथ हिंदुस्तानीय वित्तीय स्थिति की बुनियाद मजबूत बनी हुई है. इसमें कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक, सूझ-बूझ और नीतिगत प्रबंधन के साथ घरेलू बुनियाद को और मजबूत करने की जरूरत होगी. निवेश में तेजी आने की उम्मीद: आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि प्रशासनी खर्च में बढ़ोतरी होने और बेहतर होती कारोबारी उम्मीदों से निवेश गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है. आर्थिक वृद्धि की बाधाएं: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए हिंदुस्तान की आर्थिक संभावनाएं संतुलित हैं. भू-नेतृत्वक और व्यापार अनिश्चितताएं आर्थिक वृद्धि की राह की प्रमुख बाधाएं हैं. महंगाई दर में कमी: वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 5.4% रही, जो पिछले वर्ष 6.7% थी. आर्थिक सवेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में खाद्य महंगाई के नरम पड़ने की संभावना है. सब्जियों की कीमतों में गिरावट और खरीफ फसलों की आवक से महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी. महंगाई का जोखिम: वित्त वर्ष 2025-26 में वस्तुओं की ऊंची कीमतों से महंगाई का जोखिम सीमित लगता है. भू-नेतृत्वक दबाव अब भी जोखिम पैदा कर रहा है. वैश्विक प्रतिस्पर्धा बेहतर करने की जरूरत: हिंदुस्तान को जमीनी स्तर के संरचनात्मक सुधारों और नियमन को शिथिल करते हुए अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बेहतर करने की जरूरत है. तकनीकी दुरुपयोग: एआई के लिए उचित शासन ढांचे की कमी से तकनीकी का दुरुपयोग होने की आशंका बनी हुई है. दिवाला कानून: दिवाला कानून के निवारक प्रभाव ने हजारों देनदारों को शुरुआती चरण में ही संकट से बाहर निकलने में मदद की. इसे भी पढ़ें: Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण The post Economic Survey: वित्त वर्ष 2024-25 में 6.3% से 6.8% के बीच रहेगी हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि, पढ़ें प्रमुख बातें appeared first on Naya Vichar.

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Sonia Gandhi Statement : सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को बताया बेचारी, भड़की बीजेपी

Sonia Gandhi Statement : कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के बयान पर हंगामा मच गया है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘राष्ट्रपति का ऐसा अपमान कभी नहीं किया गया. कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, मैं उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता. उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है? #WATCH | Delhi: On Congress MP Sonia Gandhi’s statement, Union Minister Dharmendra Pradhan says, “Such an insult of the President was unprecedented. The kind of words Congress MP Sonia Gandhi and his son and LoP Rahul Gandhi used against the President, I cannot even imagine. What… https://t.co/VGnuNY5J63 pic.twitter.com/gpOjW1olEv — ANI (@ANI) January 31, 2025 क्या कहा सोनिया गांधी ने? कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अंत तक ‘बहुत थकी हुई’ दिखीं. सोनिया गांधी ने कहा, ”वह बहुत थकी हुई नजर आ रहीं थीं, अंत में मुश्किल से बोल पा रही थीं. बेचारी स्त्री…वहीं राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण बहुत ज्यादा उबाऊ था. The post Sonia Gandhi Statement : सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को बताया बेचारी, भड़की बीजेपी appeared first on Naya Vichar.

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Astro Tips: घर में रखी ये 5 चीजें आपको दिलाएंगी सुख और समृद्धि, धन और धान्य से भरा रहेगा जीवन

Astro Tips: सभी लोग चाहते हैं कि उनके घर सुख-समृद्धि और धन-धान्य बना रहे. ऐसे में हर कोई मेहनत कर तरक्की और सफलता को हासिल करता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लाख कोशिशों के बाद भी उनको तरक्की और सफलता नहीं मिलती है जिसके कारण लोग अपने भाग्य को दोष देने लगते हैं पर यह हो सकता है कि आपके आसपास के नकारात्मक चीजों का प्रभाव हो या आपके ग्रह नक्षत्रों के फेर बदल का प्रभाव हो जो आपको आगे नही बढ़ने देता है. यह आपके सफलता के रास्ते में बाधा उतपन्न करता है. वहीं, जिस घर का वातावरण सकारात्मक होता है, उस घर की सुख समृद्धि और तरक्की हमेशा होती रहती है. ऐसे में आज हम आपको ऐसी 5 चीजों के बारे में बताने जा रहें हैं, जिनको घर में रखने से सुख-समृद्धि और धन-धान्य हमेशा बना रहता है. तिजोरी में रखें चांदी का सिक्का चांदी का सिक्का तिजोरी में रखना काफी शुभ माना जाता है. चांदी का संबंध चंद्रमा से माना जाता है, जो शांति का प्रतीक होता है. चांदी का सिक्का तिजोरी में रखने से घर में सुख शांति बनी रहेगी और आप सकारात्मक फैसला ले सकेंगे. जब भी आप तिजोरी या पैसे रखने वाले स्थान पर चांदी का सिक्का रखें तो उसमें रोली लगाकर मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए स्थापित करें. वास्तु टिप्स से जुड़ी ट्रेंडिंग समाचारें यहां पढ़ें ये भी पढ़ें: Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में बताये गए ये नियम दिलाएंगे आपको सुख-समृद्धि और पैसे, जरूर रखें ख्याल ये भी पढ़ें:  Vastu Tips: वैवाहिक जीवन में बार-बार आ रही परेशानी? वास्तु शास्त्र में बताये गए इन नियमों का करें पालन लक्ष्मी माता के पास रखें पांच कौड़ियां कौड़ियों का संबंध माता लक्ष्मी से माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि कौड़ियां समुद्र में उत्पन्न हुई थी. ऐसे में आप मंदिर में माता लक्ष्मी के सामने पांच कौड़ियों को हल्दी से तिलक लगाकर रखें. यह बहुत फलदाई माना जाता है और सुख समृद्धि बनी रहती है. तिजोरी में रखें हल्दी का गांठ वास्तु शास्त्र में हल्दी का संबंध भगवान विष्णु से माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि, जहां विष्णु भगवान विष्णु का वास होता है वही माता लक्ष्मी का भी वास होता है. इसलिए तिजोरी या पैसे रखने वाले स्थान पर हल्दी का गांठ रखने से माता लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहती है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है. ये भी पढ़ें: Vastu Tips: इस दिन और समय में कपड़े धोने से जीवन में छा जाता है बर्बादी का साया, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे गलती घर में रखें श्रीमद्भागवत गीता घर में श्रीमद्भागवत गीता रखने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से व्यक्ति अपने जीवन मे तरक्की और सफलता को हसील करता है. श्रीमद्भागवत का पाठ करने से व्यक्ति का आत्मबल भी बढ़ता है, और वह धैर्य और संयम के साथ कठिनाईयों का सामना करता है. घर में लगाएं गुलाब का पौधा घर में गुलाब का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और माता लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहती है. ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी को कमल के साथ गुलाब भी बेहद पसंद है. आप गुलाब के पौधे को घर के अंदर लगाने की बजाय घर के बाहर या बालकनी में लगाएं क्योंकि गुलाब के पौधे में कांटे भी होते हैं. इनपुट: आस्था सिंह राजपूत ये भी पढ़ें: Vastu Tips: जीवन में कभी दरिद्रता का नहीं देखना पड़ेगा चेहरा, तुलसी के पास रख दें ये पौधा Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर बेस्ड है. नया विचार किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है. The post Astro Tips: घर में रखी ये 5 चीजें आपको दिलाएंगी सुख और समृद्धि, धन और धान्य से भरा रहेगा जीवन appeared first on Naya Vichar.

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Budget 2025: मिडिल क्लास, किसान और साधु-संतों को बड़ी उम्मीदें, इनकम टैक्स में भी बदलाव की आस

Budget 2025: मध्यम वर्ग को उम्मीद है कि इस बार बजट में इनकम टैक्स के नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए जा सकते हैं. हर साल टैक्स छूट को लेकर चर्चा होती है और इस बार भी लोगों को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है. किसानों के लिए बढ़ सकती है पीएम किसान निधि की राशि सूत्रों के अनुसार, केंद्र प्रशासन इस बार किसानों के लिए बजट में खास प्रावधान कर सकती है. लंबे समय से पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की मांग की जा रही है. इस योजना के तहत अभी किसानों को सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं, जिसे बढ़ाकर 9,000 या 12,000 रुपये किए जाने की उम्मीद है. महाकुंभ में जुटे साधु-संतों को भी बजट से उम्मीदें प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में देशभर से आए साधु-संतों को भी मोदी प्रशासन के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. उनका मानना है कि प्रशासन राष्ट्रहित को प्राथमिकता देती है, इसलिए यह बजट भी लोकहित और देश को मजबूत करने वाला होगा. रेल किराए और माल भाड़े में कटौती की मांग अखिल हिंदुस्तानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मांग की है कि प्रशासन रेल किराए और माल भाड़े में कटौती करे. उन्होंने कहा कि केंद्र प्रशासन ने धार्मिक स्थलों के विकास में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे काशी कॉरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मंदिर और उज्जैन महाकाल कॉरिडोर. उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों के विकास से पर्यटन बढ़ता है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं और वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलती है. आर्थिक रूप से कमजोर संतों के लिए पेंशन योजना की मांग महंत रवींद्र पुरी ने प्रशासन से अपील की कि जो संत आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके लिए पेंशन की व्यवस्था की जाए. इससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे और अपनी धार्मिक गतिविधियों को जारी रख सकेंगे. स्त्री संतों के लिए अलग प्रावधान की अपील निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा हिंदुस्तानी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि स्त्री संतों के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि यदि स्त्री संत आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो वे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में और अधिक योगदान दे सकेंगी. हर वर्ग को उम्मीदें, प्रशासन पर नजरें साधु-संतों और आम जनता को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह बजट 2025 हर वर्ग को लाभ पहुंचाने की कोशिश करेगा. इसके जरिए देश की आर्थिक स्थिति को और मजबूती मिलेगी और हिंदुस्तान को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नए कदम उठाए जाएंगे. Also Read : Budget 2025: 18वीं लोकसभा बजट सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण, आदिवासी कल्याण,स्वास्थ्य और बैंकिंग सुधार पर जोर The post Budget 2025: मिडिल क्लास, किसान और साधु-संतों को बड़ी उम्मीदें, इनकम टैक्स में भी बदलाव की आस appeared first on Naya Vichar.

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इस वजह से किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से हटाई गईं ममता कुलकर्णी, ग्लैमर की दुनिया छोड़ महाकुंभ में बनी थी संन्यासी

Mamta Kulkarni Expelled From Kinnar Akhara: 90 के दशक की ग्लैमरस एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने हाल ही में सांसारिक जीवन त्यागकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की. ममता को महाकुंभ मेला 2025 में किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर की उपाधि दी. उनका नाम बदलकर श्री यामाई ममता नंदगिरी कर दिया गया. हालांकि उनके महामंडलेश्वर बनाए जाने पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी. इसमें एक नाम बाबा रामदेव का भी था. अब सुनने में आ रहा है कि किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है. जी हां, आप ये सही पढ़ रहे हैं. किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से हटाई गईं ममता कुलकर्णी न्यूज एजेंसी एनएनआई ने बताया कि, किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है. उन्होंने महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है.उन पर आरोप है कि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया और उनकी जानकारी के बिना उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया. उनके अनुसार, आर्चाय महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी तथा कथित ने असवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकुर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त मिहला जो की फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है. उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया. जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है. Rishi Ajay Das, founder of Kinnar Akhara, expels Mamta Kulkarni from the Akhara. He has also expelled Mahamandaleshwar Laxminarayan Tripathi from the Kinnar Akhara for inducting Mamta Kulkarni, who is accused of treason, to the Akhara and designating her as Mahamandaleshwar… pic.twitter.com/Hhzezst49r — ANI (@ANI) January 31, 2025 ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर बनाए जाने पर कही थी ये बात ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर बनाए जाने पर कही थी ये बात ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर जाने पर कहा था, मैंने साल 2000 से ही तपस्या शुरू कर दी थी. मैंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अपना पट्टागुरु चुना क्योंकि आज शुक्रवार है. आज का दिन महाकाली का है. आज मां शक्ति ने मुझे निर्देश दिया कि मैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को चुनूं क्योंकि वह इंसान साक्षात अर्धनारीश्वर का रूप है. यह भी पढ़ें– महाकुंभ में संन्यास लेने के बाद मूवीज में वापसी को लेकर ममता कुलकर्णी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- फिल्म इंडस्ट्री में दोबारा से आना… यह भी पढ़ें– ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने बाबा रामदेव ने किया रिएक्ट, कहा- हमें संत बनने के लिए 50 साल… The post इस वजह से किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से हटाई गईं ममता कुलकर्णी, ग्लैमर की दुनिया छोड़ महाकुंभ में बनी थी संन्यासी appeared first on Naya Vichar.

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गया को मिली एक और सौगात, IIM बोधगया और GCE के लिए जीतन राम मांझी ने किया बड़ा ऐलान

बिहार के गया जिले के दो शैक्षणिक संस्थानों गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (GCE) और हिंदुस्तानीय प्रबंधन संस्थान (IIM) बोधगया को हिंदुस्तान प्रशासन के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा एमएसएमई-होस्ट संस्थान के रूप में चुना गया है. इस पहल को गया के औद्योगिक और शैक्षणिक विकास में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर गया के लिए इस खुशसमाचारी की जानकारी दी. जीतन राम मांझी ने दी सोशल मीडिया पर जानकारी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘लीजिए गया जी के लिए एक और खुशसमाचारी, हमारे MSME मंत्रालय ने गया जी के दो शिक्षण संस्थान गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एवं IIM बोधगया को MSME होस्ट इंस्टिट्यूट बनाया है. आज इसको लेकर गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डॉ राजन प्रशासन ने मुझसे मिलकर मार्गदर्शन हासिल किया और गया जी के लिए किए जा रहे कार्यों को लेकर आभार प्रकट किया.’ उन्होंने अपने पोस्ट के आखिर में लिखा, ‘HAM हर वादा पूरा करेंगें’. HAM जीतन राम आम मांझी की पार्टी का नाम है. लिजिए गया जी के लिए एक और ख़ुशख़बरी….हमारे मंत्रालय @minmsme ने गया जी के दो शिक्षक संस्थान गया कॉलेज आफ़ इंजीनियरिंग एवं IIM बोधगया को MSME होस्ट इंस्टिट्यूट बनाया है।आज इसको लेकर गया कॉलेज आफ़ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डॉ राजन प्रशासन ने मुझसे मिलकर मार्गदर्शन हासिल किया और गया… pic.twitter.com/oSe9yhJ4tj — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 31, 2025 प्राचार्य ने जताया आभार गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य डॉ. राजन प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात कर इस नई पहल के लिए मार्गदर्शन मांगा. उन्होंने गया के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया. Also Read : Bihar Education : अचानक नालंदा पहुंचे ACS एस सिद्धार्थ, विभागीय अधिकारियो में मची खलबली MSME होस्ट संस्थान का क्या है महत्व एमएसएमई होस्ट संस्थान बनने का मतलब है कि स्थानीय उद्यमियों और छात्रों को इन संस्थानों के माध्यम से उद्योग से जुड़ी सुविधाएं, तकनीकी प्रशिक्षण, स्टार्टअप इनक्यूबेशन और प्रशासनी योजनाओं का लाभ मिलेगा. इस पहल से गया के युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर पैदा होंगे. Also Read : महात्मा गांधी सेतु पर लगने वाले जाम का मिल गया समाधान, DM-SP ने बनाया मास्टर प्लान The post गया को मिली एक और सौगात, IIM बोधगया और GCE के लिए जीतन राम मांझी ने किया बड़ा ऐलान appeared first on Naya Vichar.

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नीतीश की यात्राएं-21 : प्रवास यात्रा में रहा धरोहर पर फोकस, तैयार हुआ था पर्यटन नीति का खाका

Nitish Kumar Yatra: प्रवास यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सारण जिले के एकमा पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सारण और सीवान जिलों का दौरा किया. इन जिलों में तीन दिनों के प्रवास पर वे रहे. इस दौरान सारण जिले में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्म स्थली, सिताबदियारा का भ्रमण किया. प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल चिरांद का भ्रमण किया. सीवान जिले के सिसवन प्रखंड के मेंहदार ग्राम में आठ सौ साल पुराने बाबा महेंद्रनाथ शिवमंदिर और देशरत्न डा राजेंद्र्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई का भी भ्रमण किया. इसके साथ ही मौलाना मजहरूल हक की कर्मस्थली फरीदपुर की मिट्टी को नमन किया. चिरांद में संग्रहालय बनाने की योजना प्रवास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री सारण जिले के चिरांद पहुंचे थे. चिरांद में गंगा नदी के किनारे उन्होंने पुरातात्विक स्थलों का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी प्रसाद शोध जायसवाल संस्थान को भी चिरांद से संबंधित खुदाई को कहा गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि चिरांद में भी एक अलग से संग्रहालय बनेगा. लोग यहां देखने आयेंगे, ठहरेंगे तो यहां की इकोनामी भी बदलेगी और अर्थतंत्र मजबूत होगा. लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा. चिरांद को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां प्राक एतिहासिक काल की चीजें मिली है. यहां हो रहे कटाव को रोकने की भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया. केंद्र से बात करने का दिलाया भरोसा मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है. हजारों साल पुराना यहां इतिहास छिपा है. सभी चरणों के दौरे और भ्रमण के बाद केंद्र प्रशासन से बिहार के इस धरोहरों को लेकर बात करेंगे. वैशाली गढ़ को लेकर भी बात की जायेगी. यहां छोटे इलाके में कभी खुदाई की गयी. बौद्धकालीन मूर्तियां मिली. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ बिहार का ही इतिहास नहीं छिपा है, देश का इतिहास छिपा है. यह कहिये कि मानवता का इतिहास यहां दफन है. राज्य के अंदर और भी जगहें हैं, तेलहाड़ा, इसमें शामिल है. राज्य पुरातत्व निदेशालय को भी कहा गया है. जब खुदाई होगी, छिपा हुआ इतिहास सामने आयेगा तो दूनिया भर के लोग वहां देखने आयेंगे. The post नीतीश की यात्राएं-21 : प्रवास यात्रा में रहा धरोहर पर फोकस, तैयार हुआ था पर्यटन नीति का खाका appeared first on Naya Vichar.

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Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक समीक्षा

Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. समीक्षा चालू वित्त वर्ष में वित्तीय स्थिति के प्रदर्शन के आकलन के साथ देश के समक्ष चुनौतियों को बयां करती है. वार्षिक दस्तावेज है आर्थिक समीक्षा आर्थिक समीक्षा एक वार्षिक दस्तावेज है, जिसे प्रशासन केंद्रीय बजट से पहले वित्तीय स्थिति की स्थिति की समीक्षा के लिए पेश करती है. यह सुधारों और विकास का खाका भी प्रदान करती है. यह अगले वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण प्रदान करने के अलावा वित्तीय स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की रूपरेखा को बयां करती है. कौन तैयार करता है आर्थिक समीक्षा आर्थिक समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग का आर्थिक प्रकोष्ठ तैयार करता है. पहली आर्थिक समीक्षा 1950-51 में पेश की गयी थी. उस समय यह बजट दस्तावेज का हिस्सा होती थी. इसे 1960 के दशक में केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया और बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा. वित्त मंत्री सीतारमण शनिवार को 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इसे भी पढ़ें: Budget 2025: 18वीं लोकसभा बजट सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण, आदिवासी कल्याण,स्वास्थ्य और बैंकिंग सुधार पर जोर The post Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक समीक्षा appeared first on Naya Vichar.

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‘भारतीयों से दोस्ताना व्यवहार मत करना’, पाकिस्तान खिलाड़ियों के लिए कोच का फरमान, आखिर ऐसा क्यों कह रहे?

Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने में अब केवल 20 दिन बचे हैं. पाकिस्तान में मैदान और आयोजन की तैयारियां भी जोरों पर हैं, हालांकि इसकी वजह से आईसीसी के सीईओ ने भी इस्तीफा दे दिया है, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अपनी बात पर अड़ा हुआ है कि वह समय से मैदान के सभी काम पूरा कर लेगा. लेकिन इन सबसे परे पूर्व खिलाड़ियों के बयान दनादन आ रहे हैं. हिंदुस्तान पाकिस्तान का हाई प्रोफाइल मैच 23 फरवरी को दुबई में होना है, उससे पहले पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी मोईन खान ने अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने अपने खिलाड़ियों को हिंदुस्तानीय खिलाड़ियों से फ्रेंडली व्यवहार न करने की सलाह दी है. पूर्व कप्तान और मुख्य कोच मोईन खान ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से आग्रह किया है कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में 23 फरवरी को दुबई में होने वाले मैच में वे मैदान पर हिंदुस्तानीय खिलाड़ियों के साथ दोस्ताना व्यवहार नहीं करें. मोईन ने अभिनेता उशना शाह से एक पॉडकास्ट में कहा, ‘‘जब मैं इन दिनों पाकिस्तान और हिंदुस्तान के मैच देखता हूं तो मुझे यह समझ नहीं आता है कि जैसे ही हिंदुस्तानीय खिलाड़ी क्रीज पर आते हैं, हमारे खिलाड़ी उनके बल्ले की जांच करते हैं, उन्हें थपथपाते हैं और दोस्ताना बातचीत करते हैं.’’ हिंदुस्तान के खिलाफ कई मैच स्पोर्ट्सने वाले मोईन ने कहा कि वह विपक्षी खिलाड़ियों के प्रति सम्मान रखने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उनके साथ जरूरत से ज्यादा मित्रता रखना सही नहीं है. पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘हमारे सीनियर खिलाड़ी हमें बताया करते थे कि हिंदुस्तान के खिलाफ स्पोर्ट्सते समय कोई शिकायत न करें और मैदान पर उनसे बात करने की भी जरूरत नहीं है. जब आप उनके साथ दोस्ताना व्यवहार करते हैं तो वे इसे आपकी कमजोरी मान लेते हैं.’’ मोईन ने आगे कहा, ‘‘आजकल हिंदुस्तान के खिलाफ स्पोर्ट्सते समय हमारे खिलाड़ियों का व्यवहार मेरे लिए समझ से परे है. यहां तक ​​कि मैदान के बाहर भी पेशेवर खिलाड़ी होने के कारण आपकी कुछ सीमाएं होनी चाहिए.’’ हालांकि उन्होंने मैदान पर कभी इसका प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन 53 वर्षीय मोइन ने दावा किया कि उनके समय के कुछ हिंदुस्तानीय खिलाड़ियों के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है. मोइन के अनुसार, उनकी पीढ़ी के खिलाड़ियों का सबसे बड़ा अफसोस यह है कि वे अभी भी वनडे विश्व कप के किसी भी मैच में हिंदुस्तान को नहीं हरा पाए हैं. 219 वनडे और 69 टेस्ट मैचों में हिस्सा लेने वाले मोइन ने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के दो सबसे पसंदीदा टीमें हैं. चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 19 फरवरी से पाकिस्तान के कराची स्टेडियम में स्पोर्ट्सा जाएगा. उद्घाटन मैच पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मैच से होगी. चैपियंस ट्रॉफी के लिए सबसे बड़ी दिक्कत मैदान ही माना जा रहा है. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, एक सूत्र ने बताया कि मैदान 11 फरवरी तक ब्रांडिंग और अन्य कार्यों के लिए ICC को सौंप दिए जाएंगे. हालांकि, ICC ने मैदानों को सौंपने की अंतिम तारीख 31 जनवरी तय की थी, लेकिन PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) इस डेडलाइन को पूरा करने में विफल हो सकता है. सूत्र ने यह भी खुलासा किया कि मैदानों को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो चुका है, लेकिन कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य के कारण अब भी पत्थर पड़े हुए हैं, जिन्हें जल्द ही हटाने की योजना बनाई जा रही है. गौरतलब है कि PCB ने कराची, रावलपिंडी और लाहौर के मैदानों के नवीकरण पर 1,200 करोड़ पाकिस्तानी रुपये खर्च किए हैं, जो हिंदुस्तानीय मुद्रा में लगभग 373 करोड़ रुपये के बराबर है. हालांकि, टिकटों की बिक्री शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक मैदानों की पूरी तैयारियों का कोई ठोस संकेत नहीं मिला है. इससे टूर्नामेंट की तैयारियों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. ‘जंग लगे बैट की खुरचन भी न हटी’ और 15 गेंद में हो गया सफाया, विराट को क्लीन बोल्ड करने वाले गेंदबाज का सेलीब्रेशन तो देखिए बीसीबी ने नहीं दिया पैसा तो खिलाड़ियों ने कर दी मैच फिक्सिंग! बांग्लादेश प्रीमियर लीग में जमकर मचा बवाल न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ The post ‘हिंदुस्तानीयों से दोस्ताना व्यवहार मत करना’, पाकिस्तान खिलाड़ियों के लिए कोच का फरमान, आखिर ऐसा क्यों कह रहे? appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Education : अचानक नालंदा पहुंचे ACS एस सिद्धार्थ, विभागीय अधिकारियो में मची खलबली

Bihar Education : पटना. बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी डॉ एस सिद्धार्थ ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है, तब से वे अपने ढंग से राज्य के प्रशासनी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में लगे हुए हैं. सरल और सौम्य स्वभाव के लिए चर्चित बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थका एक अनोखा अंदाज शुक्रवार को सामने आया. एसीएस नालंदा के नूरसराय के सरदारबिगहा स्कूल में बिना तामझाम के अकेले पहुंच गए और सामान्य व्यक्ति के रूप में प्रार्थना की कतार में शामिल हो गए. लेकिन, कुछ शिक्षकों ने उन्हें पहचान लिया. स्कूल में बच्चों से की बात शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ शुक्रवार को अचानक नालंदा के नूरसराय के सरदार बीघा स्कूल पहुंचे. स्कूल तक पहुंचने से पूर्व उन्होंने प्रशासनी वाहन को काफी पहले रोक दिया और अकेले सरदार बिगहा स्कूल पहुंचे गए. इस वजह से शुरुआत में एसीएस के आने का पता किसी को नहीं चला, लेकिन एक शिक्षक का ध्यान जब एसीएस पर गया तो शिक्षा विभाग के सबसे बड़े अधिकारी को देख सभी चौंक गए. उन्होंने स्कूल का निरीक्षण किया. एसीएस बच्चों और शिक्षकों से रूबरू हुए विद्यालय में पठन पाठन समेत सभी प्रकार की व्यवस्था का जायजा लिया. विभागीय अधिकारियो में खलबली उन्होंने बच्चों से शिक्षा, सुविधा, एमडीएम, नया मेनू, अन्य प्रशासनी योजनाओं की जानकारी छात्रों के साथ साथ शिक्षकों से ली. इस दौरान बच्चों से उन्होंने घुल मिलकर बात की. एस सिद्धार्थ ने बच्चों से स्कूल के बारे में जानकारी लेनी शुरू कर दी. एस सिद्धार्थ ने बच्चों से की सवाल किए. स्कूल में साफ सफाई कम होने पर एसीएस ने बच्चों को इसकी महत्ता बतायी. साथ ही, नियमित रूप से सफाई करने व कराने का आदेश दिया. एसीएस के अचानक पहुंचने की समाचार सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से फैल गई. यह जानकारी मिलने पर शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी समेत विभाग के अन्य अधिकारी आनन फानन में नूरसराय पहुंचे. Also Read: बिहार में शिक्षकों मिलेगा टैब, मार्च से लागू हो सकती है बच्चों के लिए डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था The post Bihar Education : अचानक नालंदा पहुंचे ACS एस सिद्धार्थ, विभागीय अधिकारियो में मची खलबली appeared first on Naya Vichar.

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