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CUJ में मनायी गयी जयशंकर प्रसाद की जयंती, जानें क्या क्या हुआ कार्यक्रम में

रांची : केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के हिंदी विभाग में कालजयी रचनाकार जयशंकर प्रसाद की 136 वीं जयंती मनाई गयी. दीप प्रज्वलन और कुलगीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. शोधार्थी दीपक कुमार ने जयशंकर प्रसाद के जीवन पर प्रकाश डाला. वहीं, स्नातक की छात्रा निशा, अभिनंदा और गरिमा ने बीती विभावरी, हिमाद्रि तुंग श्रृंग और आत्मकथ्य कविता का पाठ किया. अतुल प्रियंका और निशा ने अरूण यह मधुमय देश हमारा नामक कविता का सामूहिक सस्वर पाठ किया. इसके बाद पुरस्कार नाटक का नाट्य मंचन प्रस्तुत किया गया. प्राध्यापक डॉ जगदीश सौरभ ने किया तुमुल कोलाहल कलह में काव्य गायन सीयूजी झारखंड हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ जगदीश सौरभ ने तुमुल कोलाहल कलह में काव्य का गायन किया. डॉ रवि रंजन और डॉ उपेंद्र कुमार ने गांधी तथा प्रसाद के जीवन मूल्यों पर तुलनात्मक बात रखी. वहीं, संगीत विभाग की जया शाही ने हिंदुस्तान महिमा गीत की प्रस्तुति दी. विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रत्नेश विश्वक्सेन ने कामायनी का आंशिक सस्वर पाठ किया. मंच संचालन शोधार्थी चंदन और धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी अभिषेक ने किया. इस अवसर पर विभाग के सभी अध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे. Also Read: साइबर अपराध के लिए नया विचार का जन आंदोलन शुरू, ग्रामीण SP बोले- डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई कार्रवाई नहीं The post CUJ में मनायी गयी जयशंकर प्रसाद की जयंती, जानें क्या क्या हुआ कार्यक्रम में appeared first on Naya Vichar.

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Budget 2025-26: वरिष्ठ नागरिकों को मिल सकती है बड़ी राहत, टैक्स छूट से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं तक का लाभ!

Budget 2025-26: वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट से वरिष्ठ नागरिकों को कई महत्वपूर्ण राहत मिलने की उम्मीद है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए जाने वाले इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार के लिए विभिन्न प्रावधान शामिल किए जा सकते हैं. आइए, जानते हैं कि इस बजट से वरिष्ठ नागरिकों को क्या-क्या मिल सकता है. आयकर में छूट की सीमा में वृद्धि वर्तमान में, वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर में मूल छूट सीमा 3,00,000 रुपये है, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के सुपर सीनियर सिटिजन्स के लिए यह सीमा 5,00,000 रुपये है. नई कर व्यवस्था के तहत व्यक्तियों को 7 लाख रुपये तक की कुल आय पर आयकर का भुगतान नहीं करना पड़ता हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि नई कर व्यवस्था में मूल छूट सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया जाए, तो कई वरिष्ठ नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर वर्तमान में 18% वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू है, जो उनके लिए एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ है. बजट 2025-26 में इस जीएसटी दर को कम करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को वहन करना आसान होगा. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर कर से छूट वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) एक लोकप्रिय निवेश का विकल्प है, जिससे वर्तमान में 8.2% की ब्याज मिलता है. बजट में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत अर्जित ब्याज पर कर छूट या कटौती की पेशकश करने के प्रावधान पेश किए जा सकते हैं, जिससे वरिष्ठ नागरिकों पर वित्तीय बोझ कम होगा. टीडीएस सीमा में बदलाव वर्तमान में, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये से अधिक की ब्याज आय पर टैक्स काटना होता है. यदि कोई वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15एच जमा करने में विफल रहता है, तो उसे काटे गए करों की वापसी के लिए कर रिटर्न दाखिल करना पड़ता है, भले ही उनकी कुल आय मूल छूट सीमा से कम हो. बजट में टीडीएस सीमा को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी. चिकित्सा व्यय पर कर कटौती में वृद्धि बढ़ती चिकित्सा लागतों के मद्देनजर बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा व्यय के संबंध में विस्तारित कर लाभ पेश किए जा सकते हैं. वर्तमान में धारा 80डी के तहत, व्यक्ति स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, निवारक जांच या चिकित्सा व्यय से संबंधित खर्च के लिए 50,000 रुपये की कटौती के लिए पात्र हैं. इस कटौती की सीमा को बढ़ाने से वरिष्ठ नागरिकों को बढ़ती स्वास्थ्य सेवा लागतों से निपटने में मदद मिलेगी. इसे भी पढ़ें: Budget 2025-26: मिलिए बजट तैयार करने वाली टीम निर्मला सीतारमण से, कठिन चुनौतियों के बीच किया है काम आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में सरलता वर्तमान में, 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को, जिनकी आय केवल पेंशन और ब्याज से होती है, आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है. इस आयु सीमा को घटाकर 70 वर्ष करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे अधिक वरिष्ठ नागरिकों को यह लाभ मिलेगा. इसे भी पढ़ें: 31 जनवरी को संसद में खींची जाएगी विकास की लकीर, वी अनंत पेश करेंगे आर्थिक समीक्षा The post Budget 2025-26: वरिष्ठ नागरिकों को मिल सकती है बड़ी राहत, टैक्स छूट से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं तक का लाभ! appeared first on Naya Vichar.

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महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ट्रेन लेट होने की वजह से हो रही परेशानी

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद काशी में पलट प्रवाह देखने के लिए मिल रहा है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं और अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. कैंट रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है और कई ट्रेन निर्धारित समय से पांच से ज्यादा घंटे लेट हैं. श्रद्धालुओं ने मीडिया से बात करते हुए अपने परेशानी बताया.   महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ट्रेन लेट होने की वजह से हो रही परेशानी 4 घर की ट्रेन खोज रहे: तीर्थयात्री मधुबनी के रहने वाले राजा ने बताया, “हम पहले प्रयागराज रेलवे स्टेशन गए थे, फिर संगम नहाए. हम अभी काशी नहीं घूमे हैं. अब हम लोग सीधे घर की ट्रेन खोज रहे हैं. यहां भीड़ बहुत ज्यादा है इसलिए घूमने का समय भी नहीं है. ट्रेन छूट सकती है.” नेपाल से आए देवराज ने बताया, “हम कुंभ के लिए प्रयागराज आए थे. जहां संगम में स्नान करने के बाद हम बनारस आए. यहां बहुत भीड़ है. हम लोग ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं.” अहमदाबाद से आए ललित ने बताया कि प्रयागराज, बनारस और अयोध्या में भी बहुत ज्यादा भीड़ है. पैर रखने के लिए भी जगह नहीं है. बनारस में कल रात से पब्लिक बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है.  महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ट्रेन लेट होने की वजह से हो रही परेशानी 5 बनारस आने में लगे 15 घंटे   बिहार से आए विनय कुमार ने कहा, “हम प्रयागराज गए और कुंभ में संगम में नहाए. इसके बाद अमावस्या को स्नान करने के बाद बनारस आए हैं. हमको बनारस आने के लिए 15 घंटे लग गए. बहुत ज्यादा भीड़ है.” इस तरह से बहुत अधिक भीड़ और ट्रेन लेट होने की वजह से श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही है. बता दें कि  मौनी अमावस्या के स्नान के बाद लगभग 20 लाख से अधिक श्रद्धालु काशी पहुंचे हैं. इनमें से अधिकतर ने घाट पर स्नान के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किए. स्टेशन के पास तीन होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं. ट्रेन का अनाउंसमेंट होने के बाद ही यात्रियों को छोड़ा जा रहा है. इसके अलावा रेलवे ने श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए कई जगह पूछताछ केंद्र बनाए हैं. इसे भी पढ़ें: महाकुंभ भगदड़ में बिहार के एक और व्यक्ति की मौत, अब तक 8 लोगों ने गंवाई जान The post महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ट्रेन लेट होने की वजह से हो रही परेशानी appeared first on Naya Vichar.

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Delhi Election 2025: इन ‘तीन’ की नाराजगी कही BJP को न पड़ जाए भारी, जानें इसका कारण

Delhi Election 2025: दिल्ली में बीजेपी पिछले कई सालों से सत्ता से दूर है. बीजेपी का प्रयास है कि इस बार 28 साल के नेतृत्वक सूखे को खत्म कर सके. लेकिन बीजेपी को इन तीन की नाराजगी भारी पड़ सकती है. पीएम मोदी दिल्ली चुनाव में प्रचार अभियान को देख रहे हैं. माना जा रहा है कि पार्टी को इन तीन वर्गों की नाराजगी झेलना पड़ सकता है. पूर्वांचालियों उम्मीदवारों के अनदेखी पर है नाराजगी दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या लगभग 30% के करीब है. इस बार आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने पूर्वांचली वोटों को साधने के लिए पूरे प्रयास में है. बीजेपी ने इस बार पूर्वांचल के रहने वाले नेताओं को प्रचार में खूब उतारा है. लेकिन टिकट देने के मामले में बीजेपी घिरते नजर आ रही है. इस बार सबसे अधिक टिकट आम आदमी पार्टी ने दिया है. मनोज तिवारी बीजेपी के दिल्ली में पूर्वांचली चेहरे हैं लेकिन कुछ वर्गों में इस बात की नाराजगी है कि पार्टी ने पूर्वांचल के लोगों का ख्याल नहीं रखा है. वैश्य वर्ग का अच्छा है दिल्ली में प्रभाव बीजेपी को लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि पार्टी ब्राह्मण और वैश्य की पार्टी है. दिल्ली में वैश्य मतदाताओं की संख्या लगभग 8% है. पार्टी ने इस बार 9 उम्मीदवारों को उतारा है. लेकिन दिल्ली में रवींद्र गुप्ता, डॉ. हर्षवर्धन और कई बड़े वैश्य नेताओं की अनदेखी से पार्टी को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. दलित वोटर्स पर टिकीं है नजर दिल्ली में दलित वोटर्स की संख्या लगभग 18% के करीब है और 70 में से 12 सीटें आरक्षित हैं. मायावती की पार्टी के कमजोर होने के बाद बीजेपी का इन वर्गों में प्रभाव बढ़ा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में अंबेडकर का मुद्दा विपक्षी दलों ने खूब उठाया है. अब अगर पार्टी को दलित वोटर्स का साथ नहीं मिला तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. The post Delhi Election 2025: इन ‘तीन’ की नाराजगी कही BJP को न पड़ जाए भारी, जानें इसका कारण appeared first on Naya Vichar.

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WATCH: बाबा रामदेव के संगम में डुबकी लगाते ही क्यों हंसने लगीं हेमा मालिनी? सामने आया महाकुंभ से मजेदार VIDEO

View this post on Instagram A post shared by Buzzzooka Prime (@buzzzookaprime) WATCH: प्रयागराज के महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. यहां बाबा रामदेव और हेमा मालिनी भी त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान करने पहुंची. उन्होंने बुधवार को मौनी अमावस के मौके पर गंगा नदी में डुबकी लगाई. इसी बीच कुछ ऐसा होता है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिंदुस्तानीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी बाबा रामदेव को देख जोर-जोर से ठहाके लगाने लगती हैं. इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो की शुरुआत में बाबा रामदेव संगम में डुबकी लगा रहे हैं और उन्हीं से कुछ दुरी पर हेमा मालिनी खड़ी हैं. जब रामदेव डुबकी लगाकर खड़े होते हैं, तो उनके पुरे बाल पीछे खड़े हुए शख्स को छू जाते हैं, जिसे देखकर हेमा मालिनी खूब हंसने लगती हैं. हेमा मालिनी को देख बाबा रामदेव भी अपनी हंसी रोक नहीं पाते हैं. ऐसे में अब इस मजेदार वीडियो पर फैंस लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. यह भी पढ़े: KBC 16 में पूछा गया भुवन बाम से जुड़ा यह सवाल, VIDEO शेयर कर यूट्यूबर बोले- स्पीचलेस The post WATCH: बाबा रामदेव के संगम में डुबकी लगाते ही क्यों हंसने लगीं हेमा मालिनी? सामने आया महाकुंभ से मजेदार VIDEO appeared first on Naya Vichar.

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Share Market: बजट के दिन बाजार खुला रहेगा या बंद? जानिए पूरी जानकारी

Share Market: हिंदुस्तान में केंद्रीय बजट की घोषणा का दिन वित्तीय जगत और निवेशकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस दिन शेयर बाजार से लेकर वाणिज्यिक गतिविधियों पर खास नजर रहती है. लेकिन सवाल यह उठता है कि बजट के दिन बाजार खुला रहेगा या बंद? यह सवाल उन निवेशकों और व्यापारियों के लिए बेहद अहम हो जाता है, जो बाजार की चाल पर निर्भर रहते हैं. आइए जानते हैं कि 2025 के केंद्रीय बजट के दिन हिंदुस्तानीय शेयर बाजार और अन्य प्रमुख बाजारों की स्थिति क्या रहेगी. क्या बजट के दिन शेयर बाजार खुला रहेगा? हिंदुस्तानीय शेयर बाजार (BSE और NSE) आमतौर पर बजट के दिन खुले रहते हैं. हालांकि, यदि बजट किसी सार्वजनिक अवकाश पर पड़ता है, तो बाजार बंद रह सकता है. केंद्रीय बजट आमतौर पर फरवरी के पहले दिन पेश किया जाता है, और इस दिन कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता, इसलिए शेयर बाजार अपने निर्धारित समय पर खुला रहता है. बजट के दिन शेयर बाजार में अस्थिरता (Volatility) बढ़ जाती है. वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान निवेशक बाजार की चाल पर करीबी नजर रखते हैं. बजट में घोषित नीतियों और सुधारों के आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. क्या कमोडिटी और करेंसी बाजार खुले रहेंगे? शेयर बाजार के साथ-साथ कमोडिटी (MCX) और करेंसी बाजार भी बजट के दिन खुले रहते हैं. ये बाजार भी आर्थिक नीतियों और प्रशासनी घोषणाओं के प्रभाव में आते हैं, जिससे व्यापारियों और निवेशकों के लिए यह दिन खास हो जाता है. क्या प्रशासनी और प्राइवेट बैंक खुले रहेंगे? बजट के दिन बैंक सामान्य दिनों की तरह काम करते हैं, क्योंकि यह कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता. हालांकि, यदि बजट किसी विशेष तिथि पर पड़ता है, जैसे कि रविवार या किसी राष्ट्रीय अवकाश पर, तो बैंक बंद रह सकते हैं. बजट का बाजार पर प्रभाव यदि प्रशासन पूंजीगत व्यय बढ़ाने, टैक्स रियायतें देने और आर्थिक सुधारों की घोषणाएं करती है, तो बाजार में तेजी आ सकती है. यदि बजट में निवेशकों या उद्योगों के लिए प्रतिकूल घोषणाएं की जाती हैं, तो गिरावट भी देखी जा सकती है. सोना-चांदी और करेंसी बाजार आयात-निर्यात शुल्क में बदलाव का असर सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ सकता है. बजट में विदेशी निवेश से जुड़ी घोषणाओं का असर रुपये की विनिमय दर पर हो सकता है. Also Read : Budget 2025: शिक्षा पर अमेरिका 6%, चीन 4%, लेकिन हिंदुस्तान का खर्च जानकर रह जाएंगे दंग! The post Share Market: बजट के दिन बाजार खुला रहेगा या बंद? जानिए पूरी जानकारी appeared first on Naya Vichar.

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Budget 2025-26: मिलिए बजट तैयार करने वाली टीम निर्मला सीतारमण से, कठिन चुनौतियों के बीच किया है काम

Budget 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने 8वें आम बजट 2025-26 को पेश करने के लिए तैयार हैं, जो 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है. यह बजट ऐसे समय में आ रहा है, जब हिंदुस्तान आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट, रुपये की कमजोरी और उपभोग मांग में कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है. बजट 2025-26 की प्रमुख आर्थिक चुनौतियां आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट: वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान है, जो चार वर्षों में सबसे कम होगी. राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखना: प्रशासन का लक्ष्य 2025-26 में इसे जीडीपी के 4.5% से नीचे रखना है. रुपये की कमजोरी: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट बनी हुई है, जिससे आयात महंगा हो रहा है. उपभोग मांग में कमी: महंगाई और ब्याज दरों के कारण घरेलू उपभोग में गिरावट आई है. बजट 2025-26 तैयार करने वाली निर्मला सीतारमण की टीम वित्त मंत्रालय की अनुभवी टीम इस बजट को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. निर्मला सीतारमण: वित्त मंत्री, 2019 से लगातार बजट पेश कर रही हैं. तुहिन कांत पांडेय: वित्त और राजस्व सचिव, अक्टूबर 2019 से बजट प्रक्रिया का हिस्सा. अजय सेठ: आर्थिक मामलों के सचिव, 2021 से बजट प्रक्रिया को देख रहे हैं. मनोज गोविल: व्यय सचिव, 2024 में कार्यभार संभाला. अरुणिश चावला: दीपम और डीपीई सचिव, दिसंबर 2024 में नियुक्त. एम नागराजू: वित्तीय सेवा सचिव, बैंकिंग और बीमा सुधारों पर ध्यान केंद्रित. वी अनंत नागेश्वरन: मुख्य आर्थिक सलाहकार, आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. इसे भी पढ़ें: Budget: 1 फरवरी को पेश होगा हिंदुस्तान का 79वां बजट, ब्रीफकेस को छोड़ बही-खाता में बदल गया चोला प्रशासन की प्राथमिकताएं और नीतियां कर प्रणाली में बदलाव: टैक्स स्लैब में राहत और बचत योजनाओं में प्रोत्साहन संभव है. बुनियादी ढांचे पर खर्च: पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है. रुपये को मजबूत करने के उपाय: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नई नीतियां. रोजगार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा: नए स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए राहत पैकेज. मुद्रास्फीति नियंत्रण: आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती संभव. इसे भी पढ़ें: Budget 2025: मिडिल क्लास को मिल सकती है बड़ी राहत, पेट्रोल-डीजल, मोबाइल, दवा और चार्जर होंगे सस्ते! The post Budget 2025-26: मिलिए बजट तैयार करने वाली टीम निर्मला सीतारमण से, कठिन चुनौतियों के बीच किया है काम appeared first on Naya Vichar.

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Ring Road: बिहार के इस जिले में बनने जा रहा है दो-दो रिंग रोड, बजट और रूट भी हो गया तय

Ring Road in Munger: प्रगति यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) 5 फरवरी को तारापुर में दो रिंग रोड का शिलान्यास करेंगे. इन रिंग रोड के बनाने से टाउन में लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिलेगी साथ ही दूसरे जिलों में जाने वाली गाड़ियों को भी टाउन में आने से रोका जा सकेगा. इसके अलावा जमुई और देवघर जाने वाले बिना मुंगेर के तारापुर में प्रवेश किए ही वहां जा सकेंगे. इससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा. बिहार प्रशासन की महत्वकांक्षी परियोजना है मुंगेर में बनाने जा रही रिंग रोड बिहार प्रशासन की एक महत्वाकांक्षी योजना में शामिल है. इसका उद्देश्य मुंगेर टाउन के ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करना और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है. मुंगेर रिंग रोड के बन जाने से टाउन के अंदर आने वाली गाड़ियों को शहर के बीच से नहीं गुजरना पड़ेगा. इससे लोगों को ट्रैफिक जाम की स्थिति से राहत मिलेगी. बिहार की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें रिंग रोड लागत और रूट जानिए मुंगेर शहर में बनने जा रहे दोनों रिंग रोड को बनाने में लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा. मुंगेर टाउन का पहला रिंग रोड रणगांव-तारापुर-बंशीपुर-धोबई कांवरिया रोड से होकर छत्रहार-धर्मराय के आगे बिहमा मोड़ होते हुए सुल्तानगंज-देवघर को जोड़ेगा. दूसरा रिंग रोड मुंगेर के मधुरा-सतखड़िया से होते हुए खड़गपुर-तारापुर मार्ग को पार कर सुल्तानगंज-देवघर मुख्य पथ पर धौनी गांव के नजदीक जाकर मिलेगा. शहर के लोगों को क्या-क्या लाभ मिलेगा मुंगेर टाउन में रिंग रोड के बनने से शहर के भीतर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और वाहनों को मुख्य सड़क से बाहर रखा जा सकेगा. इससे यात्रा में समय की बचत होगी. बेहतर कनेक्टिविटी और परिवहन के कारण स्थानीय व्यापारियों और उद्योगों को खूब फायदा होगा. साथ ही, रिंग रोड के किनारे नए व्यवसाय भी स्थापित किये जा सकेंगे. रिंग रोड बन जाने के बाद इस रोड से टाउन से गुजरने वाले भारी ट्रकों और वाहनों को बाहर किया जाएगा इससे दुर्घटनाओं और सड़क एक्सीडेंट में कमी आएगी. इसे भी पढ़ें: बिहार के इस पुल पर दो दिन नहीं चलेंगी गाड़ियां, जानिए क्या है वजह… The post Ring Road: बिहार के इस जिले में बनने जा रहा है दो-दो रिंग रोड, बजट और रूट भी हो गया तय appeared first on Naya Vichar.

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Chandigarh Mayor Elections: पिता कर्नल, पति कांग्रेसी…जानें कौन हैं चंडीगढ़ की नई मेयर हरप्रीत कौर बबला

Chandigarh Mayor Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला को बड़ी जीत मिली है. उन्होंने आप के उम्मीदवार प्रेमलता को हराया और नई मेयर चुनी गईं. मेयर बनने के बाद क्या बोलीं हरप्रीत कौर चंडीगढ़ की नवनिर्वाचित मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा, “हमें 19 वोट मिले और इसे बड़ी जीत के रूप में देखा जा सकता है. वे जानते थे कि केवल भाजपा ही काम करवा सकती है. चंडीगढ़ के सुनहरे दिन शुरू होने वाले हैं.” कौन हैं नई मेयर हरप्रीत कौर बबला? चंडीगढ़ की नई मेयर हरप्रीत कौर बबला का पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस के रहा है. उनके पति कांग्रेस के पूर्व पार्षद रहे हैं. यही नहीं खुद हरप्रीत कौर भी कांग्रेस में ही थीं. लेकिन बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं. लोकप्रियता के मामले में हरप्रीत कौर कम नहीं हैं. उन्हें नेतृत्व में काफी अनुभव प्राप्त है. 2001 में पहली बार कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर निकाय चुनाव लड़ी थीं और जीत दर्ज की थीं. 2021 में भी वो निकाय चुनाव जीती थीं. हरप्रीत कौर अपने पति के साथ 2022 में बीजेपी में शामिल हो गई थीं. यह भी पढ़ें: Chandigarh Mayor Chunav : चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP ने दर्ज की जीत, तीन क्रॉस वोट से आप-कांग्रेस को लगा झटका कितनी पढ़ी-लिखी हैं चंडीगढ़ की नई मेयर चंडीगढ़ की नई मेयर बीजेपी नेता हरप्रीत कौर बबला इतिहास में स्नातक और अंग्रेजी से एमए हैं. हरप्रीत कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी देहरादून की छात्रा रही हैं. The post Chandigarh Mayor Elections: पिता कर्नल, पति कांग्रेसी…जानें कौन हैं चंडीगढ़ की नई मेयर हरप्रीत कौर बबला appeared first on Naya Vichar.

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Swapna Shastra: अगर आपको भी आते हैं ऐसे सपने,तो जल्द ही बदलने वाली है आपकी किस्मत

Swapna Shastra: क्या आप जानते हैं हम कभी ऐसे सपने देखते हैं जो हमारे भविष्य को लेकर शुभ संकेत देते हैं. स्वप्न शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष सपने जीवन में समृद्धि, खुशहाली और भाग्य में बदलाव लाने वाले होते हैं. यदि आपको भी ऐसे सपने आते हैं तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी किस्मत जल्द ही बदलने वाली है. ये सपने न केवल आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं बल्कि यह भी बताते हैं कि अच्छे दिन आपकी राह देख रहे हैं. आइए जानते हैं उन शुभ सपनों के बारे में जो आपकी किस्मत के ताले को खोल सकते हैं. सपने में बारिश देखना सपने में झमाझम बारिश देखना एक शुभ संकेत है. स्वप्न शास्त्र के अनुसार यह सपना दर्शाता है कि आपकी किस्मत पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी हुई है. यह संकेत है कि आपको जल्द ही नौकरी या व्यापार में बड़ी सफलता मिल सकती है. यदि सपने में साफ पानी दिखाई दे तो इसका मतलब है कि नौकरी में आपको उन्नति और उच्च पद मिल सकता है. सपने में गुलाब का फूल देखना गुलाब का फूल स्वप्न शास्त्र में एक बहुत शुभ प्रतीक माना जाता है. सपने में गुलाब का फूल देखना यह संकेत देता है कि मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आपके ऊपर है. यह सपना घर में खुशियों की दस्तक और लंबे समय से पूरा होने वाले सपने की ओर इशारा करता है. सपने में खुद को कंगाल देखना यदि आप सपने में खुद को कंगाल होते देखते हैं तो स्वप्न शास्त्र के अनुसार यह चिन्ता का कारण नहीं है. उल्टा यह सपना आपके लिए शुभ होता है क्योंकि इसका अर्थ है कि आपकी आर्थिक स्थिति जल्द ही सुधरेगी और धन-दौलत में वृद्धि होगी. सपने में तोता देखना तोता शुभता का प्रतीक माना जाता है. स्वप्न शास्त्र में यदि आप सपने में तोता देखते हैं तो यह संकेत है कि आपको जल्द ही कोई अच्छा समाचार मिलने वाला है जो आपके जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आएगा. Also Read : Girlfriend or Boyfriend Dream: अगर पार्टनर सपने में आए, तो जानें इसके पीछे छुपे हुए संकेत का मतलब सपने में फलों से लदा हुआ पेड़ देखना अगर आप सपने में फल से लदे हुए पेड़ को देखते हैं तो यह कारोबार और व्यापार से जुड़ा एक बहुत शुभ सपना है. इसका मतलब है कि आपका व्यापार जल्द ही फल-फूलने वाला है और आपको आर्थिक सफलता मिलने की संभावना है. सपने में पैसे देखना यदि आप सपने में नए नोट देखते हैं तो यह संकेत है कि आपको भविष्य में बड़ा धन लाभ हो सकता है. ऐसे सपने आर्थिक समस्याओं के दूर होने और समृद्धि की ओर इशारा करते हैं. वहीं सिक्कों की खनक सुनना भी आय में वृद्धि का संकेत है. Also Read : Swapna Shastra: यदि दिखें ये सपने, तो समझें आपकी जल्द होने वाली है शादी Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है. The post Swapna Shastra: अगर आपको भी आते हैं ऐसे सपने,तो जल्द ही बदलने वाली है आपकी किस्मत appeared first on Naya Vichar.

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