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बिहार की सियासी विसात पर रंग दिखाने लगे लालू यादव के ‘मोहरे’, पारस के ‘सिपाही’ को आगे कर सेट कर दिया ‘अनंत प्लान’

नया विचार – बिहार की नेतृत्व में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बिछाए मोहरे अभी से ही रंग दिखाने लगे हैं। जिस दिन राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस और लालू प्रसाद यादव के बीच बातचीत हुई तभी से यह पक्का हो गया कि पशुपति पारस अब महागठबंधन के साथ होंगे। लेकिन जब दफादार चौकीदार के मसले पर बैठ राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पासवान विरोधी कह डाला तो यह स्पष्ट हो गया कि वे महागठबंधन की तरफ से चुनाव लड़ अपनी उपेक्षा का हिसाब लेंगे। यह लालू यादव का प्लानिंग है भाई! बिहार विधान सभा चुनाव के मद्दे नजर यह माना जा रहा था कि राष्ट्रीय लोजपा के नेता सूरजभान सिंह की एंट्री अब तय है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की नजर में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, बलिया और नवादा में प्रभावी होंगे। इसके साथ-साथ मैन टू मैन मोहरे बिछाने की पहल भी राजद सुप्रीमो की तरफ से की जाने लगी है। तब नेतृत्वक गलियारों में यह चर्चा भी थी कि मोकामा और लखीसराय यानी अनंत सिंह और राज्य के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के विरुद्ध सूरजभान सिंह को अपरोक्ष रूप से उतारा जाएगा। इन दोनों जगहों पर सूरजभान के संबंधी (भाई या पत्नी) मोकामा और लखीसराय में मौजूदा विधायक को चुनौती देने जा रहे हैं। सूरजभान की एंट्री अभी तक तो यह अनुमान ही था कि सूरजभान कमांडर की भूमिका में एनडीए प्रशासन के विरुद्ध अपना दम खम दिखाएंगे। पर मोकामा गोलीकांड में पूर्व विधायक अनंत सिंह के जेल जाने के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह का गर्जन एक तरह से उस अनुमान पर मुहर लगाने जैसा है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने तंज कसते यहां तक कह डाला कि अनंत सिंह रावण जैसे हैं। रावण का भी अंत हुआ था तो अनंत सिंह का भी अंत होगा। लगे हाथ उन्होंने अनंत सिंह को सुझाव भी दे डाला कोई भी विधायक हों, उनका ये काम नहीं है। ये काम प्रशासन का है। प्रशासन के काम में किसी भी विधायक को इस चीज की शोभा नहीं देता है। कहीं जाकर ऐसी घटना हो, हम ये काम करें। मधुबनी हो, मोहनिया हो, मोकामा हो, सब बिहार में ही है। किसी भी विधायक को लोकतंत्र का आदर करना चाहिए। सूरजभान कितने प्रभावी? सूरजभान सिंह राज्य के भूमिहार बहुल क्षेत्र में प्रभावी हो सकते हैं। ऐसे भी सूरजभान सिंह बलिया से सांसद रहे। उनकी पत्नी वीणा देवी मुंगेर से सांसद रहीं। इनका भाई चंदन सिंह नवादा से संसद रहे। इन तीन लोकसभा क्षेत्रों में प्रभावी सूरजभान सिंह लालू प्रसाद के साथ मिल कर एनडीए के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। अनंत और सूरजभान का जंग पुराना अदावत की नेतृत्व तो उसी दिन शुरू हो गई जब मोकामा विधानसभा सीट से वर्ष 2000 में सूरजभान सिंह ने निर्दलीय नॉमिनेशन किया था और अनंत सिंह के बडे़ भाई और आरजेडी प्रत्याशी दिलीप सिंह को हराया था। उसके बाद 2005 के विधानसभा चुनाव में दिलीप सिंह की मौत के बाद अनंत सिंह जेडीयू के टिकट पर मोकामा से मैदान में उतरे और पहली बार विधायक बने। इसके बाद अब तक जितने चुनाव मोकामा विधानसभा या मुंगेर लोकसभा के चुनाव हुए सूरजभान सिंह की भूमिका रही। तब एनडीए में थे और अब महागठबंधन की नेतृत्व में आने वाले हैं। लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के पहले तो बलिया, बेगूसराय, लखीसराय और नवादा की नेतृत्व पर बाहुबली इफेक्ट तो पड़ ही गया।

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समस्तीपुर से शुरू हुई थी भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश की मुहिम, खड़े-खड़े कर दिया था बीडीओ का तबादला,

नया विचार पटना– विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता और अफसरों को सीधा संदेश दिया कि रिश्वतखोरों की अब यहां गुंजाइश नहीं होगी. समस्तीपुर के झखरा में कहा,”यह बीडीओ साहेब कल से सरायरंजन में नहीं रहेंगे.” समस्तीपुर जिले के झखरा में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन बनाने वाली जनता को शक्तिशाली बनाना चाहिए. हमारा प्रयास सत्ता में रहते हुए लोकतंत्र को मजबूत बनाना है. जनता दरबार में सरायरंजन के बीडीओ के खिलाफ अधिक शिकायतें मिलने पर मंच से ही कहा “यह बीडीओ साहब कल से सरायरंजन में नहीं रहेंगे.” मुख्यमंत्री के सामने सारे अधिकारी लाइन से खड़े थे, न जाने किसकी बारी आ जाये और उन्हें तलब कर लिया जाये. गुढ़वी गांव की आंख की अंधी युवती भी पहुंची थी, उसे नौकरी चाहिए थी. सीएम ने बगल में खड़े अधिकारी को उसे मदद करने का निर्देश दिया. यहां उजियारपुर के सुनील चौधरी, दुधपुरा के संजय कर्ण भी अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सभी से उनके आवेदन लिये और कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया. जाति के घरौंदे से बाहर निकलने की अपील दलसिंहसराय पहुंचे तो वहां मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहारी होने पर गर्व होने का मान दिलायेंगे. जिले के आरबी कॉलेज मैदान में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री ने मौजूद भारी भीड़ से अपील की, जाति के घरौंदे से बाहर निकलें और बिहारी होने का अभिमान तथा स्वाभिमान जगायें. इससे एकजुट होकर समृद्ध बिहार के निर्माण का उनका सपना पूरा हो सकेगा. यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार देश का पहला ई-गवर्नेंस वाला राज्य बन चुका है. उन्होंने यहां भी भ्रष्टाचारियों और रिश्वतखोरों को पकड़वाने में आम लोगों से सहयोग मांगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिश्वतखोरों को पकड़वाने वालों को एक हजार रुपये से लेकर पचास हजार रुपये तक का ईनाम दिया जायेगा. अपनी प्रशासन की विकास योजनाओं की भी चर्चा की. बिहार को वाजिब हक दिलाने की होगी कोशिश बेगूसराय में जनता से कहा, असली मकसद तो आपके दरबार में हाजिरी लगाना है. मुख्यमंत्री ने बेगूसराय में कहा कि योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन तो एक बहाना है. विकास यात्रा का असली उद्देश्य तो आप सबसे जनता से मिलना है. आपके दरबार में हाजिरी लगाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की आज भी हकमारी हो रही है. जबकि वह बिहार को वाजिब हक दिलाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल उपलब्ध संसाधनों से ही राज्य का विकास होगा. बेगूसराय में वहां के तत्कालीन सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की मांग पर जिले के गुप्ता बांध का विकास बाइपास सड़क के रूप में किये जाने की घोषणा की. बताया कि चार साल के उनके शासन काल में कृषि उत्पाद दो गुना हो गया. यहां 63 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया गया और 87 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन हुआ.

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विधायक ने चलाया राजद का प्रचार अभियान 

नया विचार (प्रो अवधेश झा) मोरवा  विधायक रणविजय साहू ने प्रखंड के विभिन्न पंचायत में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन कर राष्ट्रीय जनता दल का प्रचार अभियान चलाया। विधायक ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजद की प्रशासन बनाने पर प्रदेश की सभी स्त्रीओं को माई बहिन योजना के तहत ढ़ाई हजार रुपए प्रति महीना एवं सालाना तीस हजार रुपए देकर एवं अन्य रोजगार सृजन से पूरी तरह आत्म निर्भर बनाकर हर परिवार को सुखी बनाया जायेगा। इस अवसर पर विधायक ने संपूर्ण प्रखंड के गरीबों में कंबल वितरण एवं धोती वितरण करने का भी आश्वासन दिया। सैकड़ों लोगों में माई बहन योजना का पत्रक वितरण किया गया। मौके पर प्रखंड महासचिव अजय कुमार शाह, अध्यक्ष मुन्ना कुमार यादव, मनोज कुमार राय, पंचायत समिति चंदन शाह, राजबली पोद्दार ,पूर्व अध्यक्ष दिनेश चौधरी, दिनेश यादव, स्त्री अध्यक्ष अनुपम कुमारी,रजी अहमद सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।

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मांझी मांग रहे 20 लेकिन NDA में किसे कितनी सीट, बड़ा भाई कौन? अंदर चल रही बात जान लीजिए

नया विचार पटना– बिहार की नेतृत्व में खरमास खत्म होते ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की महक बढ़ने लगी है। लगभग नौ महीने बाद निर्धारित विधानसभा चुनाव को लेकर अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल सीट बंटवारे पर खुलकर बात करने लगे हैं। पशुपति कुमार पारस का दल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए से बाहर हो गया है। अब बिहार एनडीए में हिंदुस्तानीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी – रामविलास (लोजपा-आर), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) शामिल है। 243 सीट का बंटवारा इन पांच दलों के भीतर होना है अगर चुनाव तक कोई और नेता अपनी पार्टी के साथ इस तरफ ना आ जाए। खुलकर बोलने के लिए चर्चित हम नेता और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने 20 सीटों की मांग कर दी है और साथ ही ये भी कहा कि उनके कार्यकर्ता तो तैयारी 40 सीट पर कर रहे हैं। जब मीडिया ने पूछा कि नहीं मिली 20 सीट तो क्या करेंगे, तो मांझी बोले कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार जो प्यार और प्रतिष्ठा देते हैं, वो कहां मिलेगा। ये हमारे परिवार की बात है। मांझी के इशारों को समझें तो सीटों को लेकर तगड़ा घमासान होने वाला है लेकिन एनडीए में रहकर। मांझी ने गांधी मैदान में 2 लाख लोगों को जुटाने का भी ऐलान किया है। एनडीए दलों के सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे पर अभी कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो रही है लेकिन बड़े नेताओं की मेल-मुलाकात में कौन कितनी सीटें लड़ सकता है, इसके संभावित स्वरूप पर विमर्श लगातार चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बेहतर स्ट्राइक रेट (लड़ी सीटों पर जीत का प्रतिशत) और नीतीश के चेहरे के दम पर जेडीयू बड़ा भाई का दर्जा वापस लेना चाहती है। लोकसभा चुनाव में जेडीयू 16 जबकि बीजेपी 17 सीट लड़ी थी। 5 सीट लोजपा और 1-1 सीट हम और रालोमो को मिली थी। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि इस समय जो बातचीत चल रही है, उसके हिसाब से कम से कम 100 सीट दोनों बड़े दल यानी भाजपा और जदयू लड़ेंगे ही लड़ेंगे। जेडीयू की कोशिश है कि उसे भाजपा से 2-3 सीट ज्यादा मिले, जिससे बिहार एनडीए में बड़े भाई के दर्जे को लेकर कन्फ्यूजन ना हो। इन चर्चाओं में जेडीयू 102 से 103 सीट, भाजपा 100 से 101 सीट, लोजपा-आर 25 से 26 सीट, जीतनराम मांझी की हम 7 से 8 सीट और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम 7 से 8 सीट लड़े, इस तरह का सीन बन रहा है।

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राजद नेता व विधायक आलोक मेहता के 19 ठिकानों पर ED की रेड जारी 

नया विचार – इस वक्त की बड़ी समाचार बिहार के सियासी गलियारों से निकलकर सामने आ रही है। जहां पूर्व मंत्री व उजियारपुर से राजद के विधायक आलोक मेहता के 19 ठिकानों पर आज सुबह ED की रेड पड़ी है। यह मामला बैंक लोन से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। यह छापेमारी बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत 19 ठिकानों पर जारी है। जानकारी के मुताबिक बिहार प्रशासन के पूर्व मंत्री और राजद के विधायक आलोक मेहता के कई ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। ED की टीम आलोक मेहता और उनसे जुड़ी कई कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय कि टीम आज सुबह-सुबह राजधानी पटना के आवास पर पहुंची है और यहां भी छापेमारी कर रही है। इस टीम के दर्जनों अधिकारी राजद के विधायक से मामले कि जानकारी ले रहे हैं और छापेमारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वैशाली शहरी कॉरपोरेशन बैंक से जुड़ा करोड़ों रुपए के बैंक लोन घोटाला का मामला है। इस मामले में बैंक के प्रमोटर, चेयरमैन,CMD,CEO सहित कई अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। ऐसे में अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम 19 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी पटना,दिल्ली,उत्तर प्रदेश, कोलकाता समेत कुल 19 ठिकानों पर चल रही है। फिलहाल राजद विधायाक के पटना के प्रशासनी आवास पर भी एक टीम छापेमारी कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 85 करोड़ के बैंक घोटाले की बात कही जा रही है। इसमें फर्जी तरीके से लोन अकाउंट बनाया गया और पैसे का फर्जीवाड़ा किया गया। आलोक मेहता राजद के बड़े नेता है और उजियारपुर इलाके से इनका वास्ता रहा है। ऐसे में बिहार के 9 ठिकानों पर ईडी की टीम छापेमारी कर रही है। आलोक मेहता इस प्रशासनी बैंक के प्रमोटर रहे हैं। ऐसे में उनकी भूमिका काफी संदिग्ध बताई जा रही है। बता दें, राजधानी पटना में राजद विधायक आलोक मेहता के प्रशासनी आवास पर भी छापेमारी जारी है। आज सुबह ही बड़ी संख्या में पुलिस वहां पहुंची हुई है। आलोक मेहता राजद के वरिष्ठ नेता हैं। महागठबंधन की प्रशासन में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। ऐसे में अब उनके आवास पर यह छापेमारी चल रही है। मुखिया के साथ दिखे थे मंत्री छापेमारी से ठीक एक दिन पहले गुरुवार के दिन दोपहर में बिना लाव लश्कर के आलोक मेहता के करीबी और बिहार प्रशासन के पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक सादे लिबास पैंट, हवाई चप्पल और जैकेट में एक मुखिया के साथ फ्रेजर रोड स्थित बैंक की शाखा में गए थे। हालांकि किस लिए गए थे ये स्पष्ट नहीं है।   इस समाचार को अपडेट की जा रही है

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दिल्ली विधानसभा चुनाव – बिहार की पार्टियां बढ़ाएंगी BJP कांग्रेस की टेंशन? दिल्ली में 24% पूर्वांचल के वोटर्स

जेडीयू का कहना है कि नीतीश कुमार के चेहरे को जनता देश के स्तर पर पसंद करती है. आरजेडी ने लालू-तेजस्वी की लोकप्रियता का जिक्र किया है नया विचार – दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो चुका है. बिहार की पार्टियां भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं. दिल्ली में करीब 24 फीसद पूर्वांचल के वोटर्स हैं. पूर्वांचल के करीब 40 लाख वोटर्स दिल्ली में कई सीटों पर असर डालते हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या बिहार की पार्टियां दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ाने वाली हैं? जेडीयू और एलजेपी रामविलास के साथ उधर आरजेडी भी दिल्ली में लड़ना चाहती है. सवाल यह भी है कि पूर्वांचल के वोटर्स की संख्या अधिक होने के कारण क्या दोनों राष्ट्रीय पार्टियां सहयोगी दलों की अनदेखी कर पाएंगी? जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार के चेहरे को जनता देश के स्तर पर पसंद करती है. नीतीश के कारण बीजेपी को हर जगह लाभ होता है. दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहारी वोटर रहते हैं जो नीतीश कुमार की विचारधारा और उनके कामकाज को पसंद करते हैं. दिल्ली चुनाव में जेडीयू की इस बार पहले के मुकाबले मजबूत धमक रहेगी. पिछली बार दो सीट मिली थी. इस बार सीट कितनी होगी यह एनडीए के नेता तय करेंगे, लेकिन इस बार पहले से बेहतर रहेगा. हर पार्टी चाहती है गठबंधन के अंदर उसको ज्यादा सीट मिले. दिल्ली चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन बिखरता दिख रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग हुए थे उसके बाद ये डूबने लगा था. खुद को बचाने के लिए यह लोग एक नाव पर सवार हो गए थे, लेकिन हर विधानसभा चुनाव में इन लोगों का असली चेहरा दिख रहा है. सब एक दूसरे की पोल खोल रहे हैं. क्या कांग्रेस से बात करेगी लालू की पार्टी? दिल्ली विधानसभा चुनाव के मसले पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर हम लोग लड़े थे. चार सीट कांग्रेस ने हम लोगों को दी थी. दिल्ली में प्रशासन बनाने और बिगाड़ने में पूर्वांचल वोटरों की अहम भूमिका रहती है. दिल्ली में पूर्वांचल के वोटर्स के बीच लालू-तेजस्वी की लोकप्रियता है. हमारा आलाकमान कांग्रेस आलाकमान से क्या बातचीत करेगा, क्या तय होगा, यह बताया जाएगा. आरजेडी जहां भी लड़ती है उसका लाभ गठबंधन को मिलता है. झारखंड में बीजेपी का सफाया हो गया. दिल्ली में बीजेपी का सफाया होगा और उसमें आरजेडी की बड़ी भूमिका होगी. कितनी सीट पर लड़ेंगे, कौन सी सीटें होंगी, ये सब तय होगा. दिल्ली चुनाव से पहले क्या इंडिया गठबंधन बिखर गया है? ममता बनर्जी की पार्टी बोली बीजेपी को हराए आम आदमी पार्टी, अखिलेश ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया, आरजेडी का कांग्रेस की ओर झुकाव है. इस पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हर राज्यों की परिस्थितियां अलग हैं. दिल्ली में कांग्रेस व आप अलग-अलग लड़ रही है. राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन एकजुट था व लोकसभा चुनाव बीजेपी के खिलाफ लड़े. बीजेपी के 400 पार नारे की हवा निकाल दी. दिल्ली में बीजेपी की प्रशासन नहीं आएगी. उधर एलजेपी रामविलास के प्रवक्ता राजू तिवारी ने कहा कि पूर्वांचल के वोटर्स में चिराग सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. दलित वोट 17 फीसद है जो चिराग के साथ है. इसका लाभ दिल्ली में एनडीए को मिलेगा. पिछली बार हम लोग दिल्ली में एनडीए में एक सीट पर लड़े थे. इस बार कितनी सीट पर लड़ेंगे इस पर बातचीत चल रही है. एक दो दिन में ही फैसला हो जाएगा.

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प्रशांत किशोर और BPSC अभ्यर्थियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई निंदनीय, जन सुराज बिहार के युवाओं के लिए सत्याग्रह जारी रखेगा – चंद्रमणि

नया विचार   : जन सुराज पार्टी के समस्तीपुर जिला अध्यक्ष चंद्रमणि सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पटना में पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के खिलाफ हुई कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। चंद्रमणि सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर BPSC छात्रों के समर्थन में उनकी मांगों को लेकर गांधी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से 2 जनवरी से अनशन पर बैठे थे। 6 जनवरी की सुबह करीब 4 बजे पुलिस ने अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर, BPSC छात्रों और अन्य समर्थकों को बलपूर्वक अनशन स्थल से हटाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। गांधी मूर्ति के नीचे अगर बैठ कर कोई सत्याग्रह कर रहा है तो इसमें क्या गुनाह है? प्रशासन को इस बात का जवाब देना चाहिए।   *प्रशांत किशोर ने सत्याग्रह करने का आह्वान 30 दिसंबर को किया था, छात्रों की मांग मानने के लिए प्रशासन को दिए थे 2 दिन* जिला अध्यक्ष चंद्रमणि सिंह ने आगे बताया कि जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर जी 2 जनवरी 2025 से लगातार आमरण अनशन पर हैं। बिहार में BPSC परीक्षा में हुई धांधली और अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को समर्थन देते हुए प्रशांत किशोर सबसे पहले 29 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान में छात्र संसद में शामिल हुए थे। छात्र संसद में ये निर्णय हुआ कि मार्च निकाला जाए। पुलिस ने छात्रों के मार्च को जेपी गोलंबर पर रोक दिया था। प्रशांत किशोर जी छात्रों के प्रतिनिधिमंडल और हजारों छात्रों के साथ इस मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। अधिकारियों ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को बिहार के मुख्य सचिव से मिलवाने का वादा किया और सभी छात्रों से मार्च को खत्म करने की अपील की। प्रशांत जी ने भी ये बात मीडिया और छात्रों के साथ साझा किया। इसके प्रशांत जी और ज्यादातर छात्र वहां से लौट गए। इसके बाद पुलिस ने कायरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए कुछ बचे हुए सैकड़ों छात्र पर लाठियां बरसाई, पानी की बौछार की और उन्हें बेरहमी से पीटा। इस घटना से प्रशांत किशोर जी बेहद आहत हुए। हालांकि अगले दिन छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य सचिव से मुलाकात की और अपनी बातों को रखा। प्रशांत किशोर जी ने 30 दिसंबर को कहा कि अगर प्रशासन 2 दिनों में छात्रों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो वो खुद 2 जनवरी से BPSC के छात्रों के साथ सत्याग्रह करेंगे।   प्रशासन ने BPSC छात्रों की मांगें नहीं मानी। इसके बाद 2 जनवरी से प्रशांत किशोर जी छात्रों के साथ पटना में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्हें लगातार छात्रों का समर्थन मिलता रहा और बिहार के सभी ज़िलों के युवा, छात्र और उनके माता-पिता इस अभियान से जुड़ते चले गए और बड़ी संख्या में लोग पटना के गांधी मैदान पहुंच कर प्रशांत जी को अपना समर्थन देने लगे। प्रशांत जी को पूरे बिहार से मिल रहे इस व्यापक समर्थन से घबरा कर नीतीश और भाजपा की प्रशासन ने एक बार फिर कायरता दिखाई और 6 जनवरी के अहले सुबह करीब 4 बजे प्रशांत किशोर जी समेत सभी अनशनकारियों को जबरन उठाकर ले गई और गिरफ्तार कर उनके ऊपर FIR कर दिया। प्रशांत जी को पुलिस 5 घंटे से अधिक एंबुलेंस और फिर अन्य वाहन में पटना और उसके आसपास के इलाके में घुमाती रही। फिर उन्हें कोर्ट लेकर गई, जहां से उन्हें जमानत मिल गया।   *प्रशांत किशोर का आमरण अनशन अस्पताल में भी जारी, छात्रों के साथ न्याय करने की मांग पर कायम है जन सुराज* छात्रों और आमलोगों ने इस पुलिसिया कार्रवाई का भारी विरोध किया। हजारों की संख्या में लोगों ने पटना में सड़क पर उतरकर प्रशांत किशोर और अन्य लोगों की गिरफ्तारी का विरोध किया। पुलिस ने प्रशांत किशोर जी को सिविल कोर्ट में पेश किया, जहां उन्होंने सशर्त बेल लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया। उनके बेऊर जेल पहुंचने के कुछ घंटों के भीतर ही कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी। इस बीच प्रशांत किशोर जी ने अपना आमरण अनशन जारी रखा है। 7 जनवरी की सुबह प्रशांत जी की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया। उन्होंने कुछ खाने से इनकार कर दिया है और अस्पताल में भी अनशन जारी रखा है। जन सुराज पार्टी प्रशांत किशोर जी और BPSC छात्रों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन की इस कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है। हमारी मांग है कि प्रशासन छात्र सत्याग्रह समिति की सभी 5 मांगों को मान कर अविलंब छात्र हित में निर्णय लें अन्यथा ये आंदोलन और तीव्र होगा। मौके पर जनसुराज जिला अध्यक्ष चंद्रमणि सिंह, निरंजन ठाकुर संयोजक, रिंकी पासवान स्त्री अध्यक्ष,  राम बालक पासवान प्रदेश कोर कमेटी राज कपूर सिंह प्रदेश कार्य समिति सदस्य,  गोविंद कुमार,  मनीष हिंदुस्तानी,  महेश ठाकुर, अमरेंद्र कुमार, विजय वात्स्यायन उपस्थित रहें।

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चुनाव याचिका खारिज

नया विचार पटना– हाईकोर्ट ने बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पराजित उम्मीदवार गजानंद शाही की ओर से दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है। शाही ने जदयू विधायक सुदर्शन कुमार के निर्वाचन की वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। मंगलवार को न्यायमूर्ति नवनीत कुमार पांडे की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की और याचिका को खारिज कर दिया। वर्ष 2020 में बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार सुदर्शन कुमार को 113 मतों से निर्वाचित घोषित किया गया था। कांग्रेस प्रत्याशी गज्जानंद शाही ने नामांकन पत्र और मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए यह चुनाव याचिका दायर की थी।

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केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के लिए निचली अदालत से मांगा रिकॉर्ड

मामला प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द के प्रयोग का नया विचार- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करने के आरोप में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जारी सम्मन के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए पटना सिविल कोर्ट की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को निचली अदालत से अभिलेख मांगा। सांसदों और विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश अक्षय कुमार सिंह की अदालत ने केजरीवाल की ओर से दाखिल की गई पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए निचली अदालत से मामले के अभिलेख की मांग करते हुए 27 जनवरी की अगली तिथि निश्चित की है। इस बीच मामले के शिकायतकर्ता रविभूषण प्रसाद वर्मा भी अदालत में उपस्थित हुए जिन्हें पुनरीक्षण याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता रविभूषण प्रसाद वर्मा ने हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 332, 500 और 505 के तहत शिकायती मुकदमा दायर किया था। अदालत ने शिकापती मुकदमा संख्या 4908/2023 दर्ज करते हुए जांच के लिए विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत को सौंपा था। जांच के बाद विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 500 और 505 के तहत मामला प्रथमदृष्टया सही पाते हुए उनकी उपस्थिति के लिए सम्मन जारी करने का आदेश दिया था।

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प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी, डॉक्टर्स ने जारी की स्वास्थ्य बुलेटिन

6 दिन से अनशन के कारण उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, पूरे दिन जांच के बाद शाम को जारी की जाएगी मेडिकल रिपोर्ट नया विचार –  जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार में शिक्षा व्यवस्था की खराब स्थिति के मद्देनजर वे 2 जनवरी से लगातार आमरण अनशन पर हैं। आज अब अनशन का छठवां दिन है। देर रात उनकी तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर रविशंकर ने बताया कि आज पूरे दिन उनकी जांच की जाएगी, उनकी स्थिति अभी स्थिर है शाम तक कुछ कहा जा सकता है उन्हें क्या हुआ है। मोटे तौर पर डॉक्टर ने बताया कि ठंड में बैठे थे इसलिए तबियत बिगड़ी, सभी तरह की जांच की जाएगी फिर शाम में एक रिपोर्ट जारी किया जाएगा।

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