Hot News

राजनीति

ताजा ख़बर, बिहार, राजनीति, समस्तीपुर

प्रशांत किशोर की धरना में मोरवा के कार्यकर्ताओं ने किया प्रतिनिधित्व गिरफ्तारी की निंदा

नया विचार मोरवा: बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की धरना में मोरवा प्रखंड के कार्यकर्ताओं ने भी प्रतिनिधित्व किया। धर्मपुर बांदे पंचायत निवासी धर्मनाथ शाह उर्फ विरू का नेतृत्व में आधे दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने कड़ाके की ठंढ में भी पटना की धरना सभा में शामिल होकर तथा प्रशांत किशोर के साथ अपनी गिरफ्तारी देकर प्रतिनिधित्व किया। बिहार प्रशासन द्वारा धरना एवं अनशन को शांति वार्ता के द्वारा तोड़वाने की बजाय प्रशांत किशोर को गिरफ्तार किए जाने और फिर छोड़ देने की निंदा की । धर्मनाथ शाह ने बताया कि प्रशासन के प्रति विरोध प्रदर्शन एवं धरना बिहार के विभिन्न स्थानों पर जारी रहेगी। साथ ही मोरवा प्रखंड के सभी जनसुराज कार्यकर्ताओं से बारी बारी से जनसुराज संस्थापक प्रशांत किशोर की सभी जायज मांगों के समर्थन शुरू किए गए आंदोलन में सहभागी बनने का आह्वान किया। मौके पर दर्जनों जनसुराज कार्यकर्ता मौजूद थे।

ताजा ख़बर, बिहार, राजनीति

प्रशांत किशोर ने बेल लेने से किया इनकार, जेल जाने से पहले बोले – गांधी के बिहार में अगर अनशन और सत्याग्रह करना गुनाह है तो मैं यह गुनाह करूंगा

नया विचार पटना: जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर 2 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे थे। जिसके बाद 6 जनवरी की सुबह 4 बजे बिहार पुलिस प्रशांत किशोर को आमरण अनशन स्थल गांधी मूर्ति से गिरफ्तार कर 5 घंटे तक एंबुलेंस में घुमाती रही फिर उन्हें फतुआ के सामुदायिक अस्पताल ले गई और उसके बाद पीरबहोर सिविल कोर्ट पटना लेकर आई। जहां से निकलने के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत की और उन्होंने कहा कि आज सुबह 4 बजे जहां हमलोग पिछले 5 दिनों से सत्याग्रह कर रहें थे, करीब 4 बजे पुलिस के साथी आए और बोले मेरे साथ चलिए। जाहिर सी बात है हमारे साथ भी काफी लोग मौजूद थे भीड़ थी लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं। पुलिस का बरताव खराब नहीं रहा है। जेल जाने के क्रम में मिडिया को संबोधित करते प्रशांत किशोर थप्पड़ मारने वाली समाचार जो मीडिया में चल रही है वो बेबुनियाद है। हमारी लड़ाई पुलिस से नहीं हैं। लेकिन मैं बताना चाहता हूं इसके बाद पुलिस मुझे लेकर AIIMS गई, वहां मुझे एक डेढ़ घंटे बैठा कर रखा वहां की हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने मेरा एडमिशन करने से मना कर दिया इसके पीछे क्या कारण रही। मुझे नहीं बताया गया। इस बीच में मेरे कई साथी समर्थक AIIMS के गेट पर आ गए थे। वहां से निकलते वक्त थोड़ी बहुत हाथापाई की गई।लेकिन वहां से पुलिस का बरताव गलत रहा 5 बजे से लेकर 11 बजे तक पुलिस मुझे एंबुलेंस में बैठा कर अलग अलग जगहों पर घुमाती रही है, लेकिन किसी ने नहीं बताया हम कहां जा रहें हैं। 5 घंटे बाद मुझे फतुआ के सामुदायिक केंद्र में ले गए। वह डॉक्टरों से मेरा परीक्षण करा कर एक सर्टिफिकेट लेना चाहते थें। लेकिन मैंने उसकी इजाजत नहीं दी क्योंकि मैं कोई गलत काम नहीं कर रहा। जिस कारण से डॉक्टर ने सार्टिफिकेट नहीं दिया और मैं वहां के डॉक्टर का धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने किसी गैरकानूनी काम में साथ नहीं दिया। इसके बाद पुलिस ने मेरा एक वीडियो रिकॉर्डिंग करवाया जिसमें पूछा गया मैं परीक्षण क्यों नही करवा रहा हूं। AIIMS से निकलते हुए प्रशांत किशोर “प्रशांत किशोर ने कहा सत्याग्रह जारी रहेगा .. बेल ठुकराकर जेल जाना स्वीकार किया, कहा– यह मौलिक लड़ाई है नीतीश और भाजपा के लाठीतंत्र को उखाड़ फेकना है!“ आगे प्रशांत किशोर ने बताया कि फिर पुलिस मुझे वापस पटना लाएं, करीब 2 घंटे घुमाकर। फिर मुझे कोर्ट में लाया गया यहां सीडीजीएम ने मुझे बेल दी है। लेकिन शर्त रखा गया की आप फिर से ये सब नही करेंगे इसलिए मैने उस बेल को रिजेक्ट कर दिया है। और जेल जाना स्वीकार किया है, इसलिए स्वीकार किया क्योंकि यह एक मौलिक लड़ाई है, बिहार में स्त्रीओं और युवाओं पर लाठी चलाना जायज है, और उसके खिलाफ आवाज उठाना जुर्म है। तो हम जेल जाने के लिए तैयार हैं। गांधी मैंदान जो की एक पब्लिक प्रॉपर्टी है वहां जाकर अपनी मन की बात रखना और जिस बिहार में गांधी ने सत्याग्रह की अगर वहां सत्याग्रह करना गुनाह है तो हमें वो गुनाह करना मंजूर हैं। इसलिए मैने बेल नही लिया, क्योंकि ये मेरी लड़ाई खिलाफ है जिन युवाओं ने मेरा साथ दिया, ये उनके साथ धोखा होगा। और ये जो मेरा अनशन 5 दिन से चल रहा है वह जेल में भी जारी रहेगा जब तक प्रशासन इसका रास्ता नहीं निकलती ये बदलने वाला नहीं है। आगे उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की पुलिस वालों के साथ धक्का – मुक्की नहीं कीजिए, इन्हे ऊपर से आदेश इसलिए ये ऐसा कर रहें हैं। यह अभियान लाठीतंत्र चलाने वाले नीतीश और भाजपा को उखाड़ने का अभियान हैं।

बिहार, राजनीति

नीतीश कुमार को लेकर बिहार में फिर से क्यों है हलचल, क्या करवट बदलेगी राजनीति

  नया विचार – कहा जाता है कि नेतृत्व में कुछ भी बेवजह नहीं होता है. संभव है कि वजह बाद में पता चले. बिहार में नीतीश कुमार कुछ भी करने वाले होते हैं तो उसके संकेत पहले से ही मिलने लगते हैं. कई बार लगता है कि ये तो सामान्य बात है लेकिन कुछ महीने बाद ही असामान्य हो जाती है. नीतीश कुमार की एक तस्वीर पर ख़ूब बात हो रही है. इस तस्वीर में नीतीश कुमार ने हँसते हुए तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ रखा है और तेजस्वी हाथ जोड़कर थोड़ा झुक कर हँस रहे हैं. हालांकि यह एक प्रशासनी कार्यक्रम की तस्वीर है. जहां पक्ष और विपक्ष का आना एक औपचारिक रस्म होता है. लेकिन कई बार औपचारिक रस्म में ही अनौपचारिक चीज़ें हो जाती हैं. दरअसल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान राज्यपाल की शपथ ले रहे थे और इसी कार्यक्रम में नीतीश कुमार भी मौजूद थे और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी. दोनों नेताओं की यह तस्वीर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाज़े खुले हुए हैं. बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और राज्य के सियासी गलियारों में पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार को लेकर लगातर अटकलें लगाई जा रही हैं. इन अटकलों को नीतीश की चुप्पी ने भी हवा दी है. लालू के इस बयान के बाद बिहार में कांग्रेस के नेता शकील अहमद ख़ान ने भी कहा, “गांधीवादी विचारधारा में विश्वास करने वाले लोग गोडसेवादियों से अलग हो जाएंगे, सब साथ हैं, नीतीश जी तो गांधीजी के सात उपदेश अपने टेबल पर रखते हैं.” क़रीब एक साल पहले ही नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन का साथ छोड़ा था और वापस एनडीए में चले गए थे. वो अगस्त 2022 में दोबारा बिहार में महागठबंधन से जुड़े थे. गुरुवार को जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने इस मुद्दे पर सवाल किया तो वो ख़ामोश दिखे, लेकिन राज्य के नए राज्यपाल ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, “आज शपथ ग्रहण का दिन है, नेतृत्वक सवाल मत पूछिए.” हालांकि जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने लालू के बयान से किनारा करते हुए कहा, “छोड़िए न… लालू जी क्या बोलते हैं, क्या नहीं बोलते हैं ये लालू जी से जाकर पूछिए हमलोग एनडीए में हैं और मज़बूती से एनडीए में हैं.” हालांकि ललन सिंह का यह कहना बहुत मायने नहीं रखता है क्योंकि नीतीश कुमार ने तो यहां तक कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन फिर से बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. क्या नीतीश फिर पाला बदल सकते हैं ? बिहार में बीजेपी के नेता कई बार इस तरह का बयान देते हैं कि वो राज्य में अपना मुख्यमंत्री और अपनी प्रशासन चाहते हैं. पिछले दिनों बीजेपी विधायक और राज्य प्रशासन में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौक़े पर कहा था कि अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब राज्य में बीजेपी का अपना मुख्यमंत्री होगा. हालांकि बाद में वो अपने बयान से पलटते नज़र आए और एक बयान जारी कर नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए का चेहरा बताया. हाल के समय में देशभर में कई क्षेत्रीय दलों में टूट हुई है, जिनमें महाराष्ट्र की शिव सेना और एनसीपी जैसे दल भी शामिल हैं. बिहार में रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी एलजेपी के भी दो टुकड़े हो गए, जिसके लिए चिराग पासवान ने बीजेपी के प्रति नाराज़गी भी जताई थी. इसके अलावा ओडिशा में बीजू जनता दल जैसी ताक़तवर क्षेत्रीय पार्टी भी बीजेपी से हार गई. क्षेत्रीय पार्टियों के कमज़ोर पड़ने का सीधा फायदा बीजेपी को हो रहा है. ऐसे में क्या नीतीश के मन में भी बीजेपी का डर है? वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं, “डर बड़े-बड़े नेताओं को होता है तो नीतीश कुमार को क्यों नहीं होगा. इसलिए नीतीश कुमार दो तरह से स्पोर्ट्स रहे हैं. वो बीजेपी के साथ हैं और तेजस्वी के कंधे पर हाथ रखकर संकेत दे रहे हैं कि हालात बदले तो वो आरजेडी के साथ भी आ सकते हैं.” वरिष्ठ पत्रकार मानते हैं कि अगर नीतीश को कभी बिहार की सत्ता किसी और को सौंपनी पड़े तो उनकी पार्टी में कोई नेता नहीं है और वो बिहार के मौजूदा नेताओं को यहां की सत्ता नहीं सौंपेंगे, ऐसी स्थिति में उनके लिए तेजस्वी यादव ज़्यादा सही हैं. हालांकि वरिष्ठ पत्रकार बिहार की मौजूदा सियासत को कुछ अलग नज़रिए से देखते हैं. उनका कहना है, “नीतीश नेतृत्वक तौर पर मज़बूत हैं, इसलिए उनकी चर्चा होती रहती है. अलग बीजेपी ने नीतीश की पार्टी तोड़ी तो भी उनका वोट नहीं तोड़ पाएंगे. नीतीश के भरोसे ही केंद्र की प्रशासन चल रही है तो बीजेपी ऐसा क्यों करेगी.” उनका मानना है कि बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्य में बहुत फ़र्क़ है. नीतीश कुमार सियासी तौर पर बहुत अनुभवि नेता हैं, जो हर चाल को पहले ही भांप लेते हैं. वो कहते हैं, ” नीतीश अगर आरजेडी के साथ जाते हैं तो भी वो ज़्यादा से ज़्यादा सीएम ही रहेंगे, पीएम नहीं बन जाएंगे. हो सकता है कि नीतीश कुमार बीजेपी पर दबाव बना रहे हों कि वो 122 विधानसभा सीटें चाहते हैं, बाक़ी सीटें बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ बांटे.” बिहार में कैसे शुरू हुईं अटकलें बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं और राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू को महज़ 43 सीटों पर जीत मिली थी जबकि उसने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि इसके बाद भी नीतीश कुमार ही राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. पहले उन्होंने एनडीए में रहकर सीएम पद अपना दावा बनाए रखा और फिर अगस्त 2022 में महागठबंधन में आ गए. उनकी पार्टी ने उस वक़्त आरोप भी लगाया था कि जेडीयू को तोड़ने की कोशिश की जा रही थी. एक चैनल के कार्यक्रम में अमित शाह से पूछा गया कि एनडीए ने महाराष्ट्र में बिना सीएम का चेहरा पेश किए बड़ी जीत हासिल की है, तो क्या बीजेपी बिहार में भी ऐसा प्रयोग करना चाहेगी? तो अमित शाह ने कहा मैं पार्टी का

राजनीति

आगामी विधानसभा चुनाव में फिर मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश कुमार 

  नवि प्रतिनिधि मोरवा : आगामी विधानसभा चुनाव में फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश कुमार। उक्त बातें पूर्व विधायक विद्यासागर सिंह निषाद ने जदयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहीं। प्रखंड के ररियाही पंचायत में जदयू के राष्ट्रीय सचिव विद्यासागर सिंह निषाद की उपस्थिति एवं प्रखंड अध्यक्ष शर्वेन्दु कुमार शरण की अध्यक्षता में जदयू कार्यकर्ताओं की आवश्यक बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयार रहने का आह्वान किया।कार्यकर्ताओं को संबोधित कर नीतीश प्रशासन के द्वारा चलाए जा रही लाभकारी योजनाओं को विस्तार से बताया और 2025 से 2030 में बिहार की कमान नीतीश जी को सौपने का संकल्प दिलाया । प्रखंड अध्यक्ष शर्वेन्दु कुमार शरण ने 10 जनवरी से घरविहीन लोगों के प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार जताया। मुखिया सीताराम राय, पंचायत अध्यक्ष मुकेश राय, गणेश पटेल, प्रखण्ड उपाध्यक्ष विजय साह, बलिद्र राय , पंकज राय, रामबलि राम, महेंद्र राय , संजय सहनी, श्यामबाबू दाहा, नरेश मल्लिक, सुरवली राम, संजय सिन्हा, हरिहर पंडित, अरविंद दास, मुखिया चौधरी सहनी, राजेश सहनी, वीरेंद्र दास ,धीरेंद्र राय, विपिन राय, सखिचंद सादा, मिथलेश साह, रामचंद्र साह, नथुनी साह ,उपेद्र साह, रामबाबू राम, मो. अमीम बख्खों, देवेंद्र पासवान, चंदन चौधरी आदि ने बैठक को सम्बोधित किया। मौके पर प्रखंड के अधिकांश कार्यकर्ता एवं ग्रामीण मौजूद थे।

ताजा ख़बर, राजनीति, समस्तीपुर

महिलाओं के लिए वरदान बनेगा माई-बहन मान योजना 

नया विचार प्रतिनिधि,मोरवा : बिहार की स्त्रीओं के लिए वरदान बनेगा माई बहन मान योजना। उक्त बातें विधायक रणविजय साहू ने हलई हाट पर आयोजित कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। विधायक ने बताया कि बिहार प्रशासन के प्रतिपक्ष के नेता सह पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा घोषित बिहार की स्त्रीओं के लिए प्रति महीने 2500 रुपए बिहार की स्त्रीओं के लिए वरदान साबित होगा। विधायक ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजद की प्रशासन बनने पर इस योजना से गरीब –अमीर सभी घरों की स्त्रीओं को इसका लाभ मिलेगा। प्रचार रथ को रवाना करते राजद विधायक रणविजय साहू  इसके साथ ही माई-बहन मान योजना का साइकिल प्रचार रथ को विधायक रणविजय साहू के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। साइकिल प्रचार रथ यात्रा में मोरवा से राजेन्द्र आर्य, पटोरी एवं ताजपुर से जीतेन्द्र कुमार, दिलीप कुमार एवं दीपनारायण सिंह के नेतृत्व में रवाना किया गया। प्रखंड अध्यक्ष मुन्ना कुमार यादव एवं व्यावसायिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष चंदन साह की संयुक्त अध्यक्षता तथा उपाध्यक्ष मनोज कुमार राय के संचालन में राजद कार्यकर्ताओं ने इस योजना के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी। योगेंद्र राय, रामानंद राय, रघुवीर आजाद, दिनेश राय, रामबाबू पासबान, हरेंद्र पंडित, पटोरी प्रमुख सुरेश राय, जितेंद्र राय, राम शंकर राय, देवानंद राय, सुरेश राय, रेणु देवी,रिंकू देवी, धर्मशिला देवी आदि ने संबोधित किया। मौके पर सैंकड़ो लोग मौजूद थे।

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top