Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी जीवन का मार्गदर्शन करती हैं. उनकी नीतियों में कर्म, ज्ञान और व्यवहारिकता को बहुत महत्व दिया गया है. चाणक्य का मानना था कि कोई भी व्यक्ति जन्म से महान या सफल नहीं होता, बल्कि उसकी योग्यताएं और सफलता उसके निरंतर प्रयासों और कर्मों का परिणाम होती हैं.
चाणक्य नीति में कहा गया है –
“यथा कर्म तथा फलः. योग्यताएं जन्म से नहीं, कर्म से उत्पन्न होती हैं. जन्म लेते समय हर व्यक्ति शून्य होता है.”
इस विचार का गहरा अर्थ है कि इंसान के भीतर छिपी प्रतिभा और सामर्थ्य तभी उजागर होती है जब वह परिश्रम करता है. चाहे व्यक्ति किसी भी परिवार में जन्म ले, उसकी असली पहचान उसके कर्म, लगन और सीखने की जिज्ञासा से बनती है.
Chanakya Niti Importance of Karma: कठिन परिश्रम और सही दिशा में किए गए प्रयास
चाणक्य कहते हैं – कठिन परिश्रम और सही दिशा में किए गए प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं.
इसलिए यदि कोई व्यक्ति अपनी योग्यताओं को निखारना चाहता है, तो उसे लगातार खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए. आलस्य, भय और असफलता के डर को त्याग कर निरंतर कर्म करते रहना चाहिए.
आज के दौर में भी यह सीख उतनी ही प्रासंगिक है. शिक्षा, करियर या व्यक्तिगत जीवन में सफलता पाने के लिए कर्मशीलता और आत्मविश्वास अनिवार्य हैं.चाणक्य की इस नीति से हम यह सीख सकते हैं कि जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से ही हम अपना भविष्य गढ़ सकते हैं. सही प्रयास, अनुशासन और धैर्य से हर शून्य को पूर्णता में बदला जा सकता है.
Also Read: Jaya Kishori Quotes: अगर आप सच बोलने की हिम्मत रखते हैं तो सच सुनने की भी हिम्मत रखें
Also Read: Chanakya Niti: जीवन में इन 3 चीजों को छोटी समझने की भूल न करें- आचार्य चाणक्य
The post Chanakya Niti: योग्यताएं कर्म से पैदा होती हैं- आचार्य चाणक्य appeared first on Naya Vichar.