Chandra Grahan 2025: साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर (शनिवार) को पड़ने जा रहा है. हिंदू धर्म में ग्रहण को केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से विशेष समय माना जाता है. चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूजा-पाठ, खानपान, यात्रा, गर्भवती स्त्रीओं, और धार्मिक अनुष्ठानों पर सीधा पड़ता है. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तब पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है.
ग्रहण की तिथि व समय
- तारीख: 7 सितंबर 2025, शनिवार (भाद्रपद मास की पूर्णिमा)
- ग्रहण आरंभ: रात 9:58 बजे
- ग्रहण समाप्ति: रात 1:26 बजे
क्या हिंदुस्तान में दिखेगा यह ग्रहण?
हां, यह चंद्र ग्रहण हिंदुस्तान सहित एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका और अमेरिका के कुछ हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा, इसलिए हिंदुस्तान में इसका धार्मिक प्रभाव भी मान्य होगा.
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सूतक काल कब से शुरू होगा?
- हिंदू मान्यता के अनुसार, ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है.
- सूतक काल आरंभ: दोपहर 12:58 बजे
- सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और किसी भी प्रकार का पूजा-पाठ वर्जित होता है.
ग्रहण के समय क्या न करें?
- मूर्तियों को स्पर्श न करें
- धारदार वस्तुओं जैसे कैंची, सुई का प्रयोग न करें
- यात्रा और किसी भी शुभ कार्य से बचें
- ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें
- गर्भवती स्त्रीएं घर में रहें, सुरक्षा के लिए पेट पर धागा बांधें
- श्रृंगार, बाल कटवाना, नाखून काटना वर्जित
- पहले से बना भोजन ग्रहण के बाद न खाएं
ग्रहण के दौरान क्या करें?
- मंत्र जाप, ध्यान, और ईश्वर स्तुति करें
- ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें
- ईश्वर से क्षमा याचना करें और पूजा करें
- भोजन को दूषित होने से बचाने के लिए उसमें तुलसी पत्र डालें
ज्योतिष और परामर्श के लिए संपर्क करें:
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
(ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ)
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