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Coal Ministry: झारखंड में  ‘नन्हा सा दिल’ पहल के तहत होगी 45 हजार बच्चों की जांच 

Coal Ministry : कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनियों सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने ‘नन्हा सा दिल’ पहल के तहत जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) से पीड़ित बच्चों के लिए जीवन रक्षक सर्जरी प्रदान करने के लिए श्री सत्य साईं स्वास्थ्य एवं शिक्षा ट्रस्ट (एसएसएसएचईटी) के साथ अलग-अलग समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर नयी दिल्ली में हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत जन्मजात ह्दय रोग से पीड़ित बच्चों की जांच, सर्जरी और स्क्रीनिंग की जायेगी. इन सहमति पत्रों पर कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त, कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव रूपिंदर बरार, कोयला मंत्रालय की उप महानिदेशक संतोष, एसएसएसएचईटी के अध्यक्ष डॉ. सी. श्रीनिवास और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए. 

सीसीएल के जीएम (सीएसआर) एसएस लाल और एनसीएल के जीएम (सीएसआर) राजीव रंजन ने अपनी-अपनी कंपनियों की ओर से हस्ताक्षर किए, जबकि एसएसएसएचईटी की ओर से ट्रस्टी श्री विवेक गौर ने हस्ताक्षर किए. कोयला मंत्रालय (एमओसी) के तत्वावधान में सीआईएल और इसकी सहायक कंपनियां अपने परिचालन क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों की सहायता करने वाली प्रभावशाली सीएसआर पहलों के माध्यम से हिंदुस्तान के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस अवसर पर कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने कहा, “इन सहमति पत्रों से आने वाले वर्षों में कोल इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों को सद्भावना इक्विटी मिलेगी.

वह इस आयोजन से वास्तव में अभिभूत है, जो समाज को बदलने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने विशेष रूप से खनन राज्यों में टिकाऊ और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाली प्रभावशाली सीएसआर परियोजनाएं शुरू करने के लिए सीआईएल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. कार्यक्रम के दौरान सीआईएल के अध्यक्ष पीएम प्रसाद, सीआईएल के निदेशक (पी एंड आईआर) डॉ. विनय रंजन, कार्यकारी निदेशक (सीडी) ओपी मिश्रा और सीआईएल की सहायक कंपनियों के सीएमडी और निदेशक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.

 
झारखंड में 45 हजार बच्चों की होगी जांच 

नन्हा सा दिल एसएसएसएचईटी के सहयोग से सीआईएल द्वारा एक अनूठी सीएसआर पहल है, जो बाल चिकित्सा हृदय शल्य चिकित्सा में ट्रस्ट की विशेषज्ञता का लाभ उठाती है. इस पहल के तहत सीसीएल झारखंड में 45,000 बच्चों की जांच करेगा, जिसमें सीएचडी से पीड़ित 500 बच्चों की सर्जरी की योजना है और एनसीएल 17,250 बच्चों के लिए 345 जमीनी स्तर के स्क्रीनिंग शिविर आयोजित करेगा यह पहल अब सीसीएल, एनसीएल और एसईसीएल के माध्यम से और अधिक राज्यों में लाभार्थियों को कवर करने के लिए विस्तारित हो रही है. सीआईएल और इसकी सहायक कंपनियां अगले तीन वर्षों में 2,000 से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो हिंदुस्तान में किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा. 

स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास में  1673 करोड़ निवेश

कोयला मंत्रालय के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में, सीआईएल और इसकी सहायक कंपनियों ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और ग्रामीण विकास में 1,673 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उल्लेखनीय रूप से, कुल सीएसआर व्यय का 90 फीसदी परिचालन राज्यों को समर्पित है, जबकि 10 फीसदी वंचित समुदायों के उत्थान के उद्देश्य से प्रभावशाली पैन-इंडिया परियोजनाओं का समर्थन करता है. हिंदुस्तान में सीएचडी के साथ पैदा होने वाले 2.40 लाख बच्चों में से केवल 5 फीसदी ही उच्च लागत के कारण सर्जरी करवाते हैं. नन्हा सा दिल के माध्यम से, सीआईएल इस अंतर को पाटने और अनगिनत परिवारों को आशा देने के लिए समर्पित है. निश्चित रूप से कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियां न केवल राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रही हैं, बल्कि नए लोगों के जीवन को भी प्रभावित कर रही हैं और उन्हें जीवन का अनमोल उपहार दे रही हैं.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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