Defense: आतंकवाद के खिलाफ हिंदुस्तान की लड़ाई अब सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत का हिस्सा बन गया है. हिंदुस्तान आतंकवाद को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और उसे जड़ से समाप्त करने के अभियान को जारी रखेगा. पहलगाम हमले के बाद हिंदुस्तान ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को नष्ट करने का काम किया. लेकिन हिंदुस्तान की आतंक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान ने तनाव बढ़ाने की कोशिश की. पाकिस्तान की ओर से देश के सैन्य और नागरिकों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया. लेकिन हिंदुस्तानीय सेना ने ना सिर्फ पाकिस्तान के हर हमले को विफल किया, बल्कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया.
हिंदुस्तानीय कार्रवाई के डर से पाकिस्तान की ओर से युद्ध विराम की गुजारिश की गयी. हिंदुस्तान ने शर्तों के साथ युद्ध विराम की गुजारिश को स्वीकार कर लिया. लेकिन यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की भावी कदम पर हिंदुस्तान की कार्रवाई तय होगी. शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयरफोर्स स्टेशन पर वायु सैनिकों को संबोधित करते यह बात कही. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान के व्यवहार में बदलाव आता है तो यह अच्छी बात है, लेकिन आतंकवाद को लेकर उसके रवैये में बदलाव नहीं आया तो हिंदुस्तानीय सेना कड़ी कार्रवाई करेगी. ऑपरेशन सिंदूर को फिलहाल सिर्फ स्थगित किया है. हिंदुस्तानीय सेना की कार्रवाई तो बस एक ट्रेलर थी, अगर जरूरत पड़ी तो पूरी तस्वीर दिखाएंगे.
स्वदेशी हथियार बन रहे हैं देश की ताकत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदुस्तानीय लड़ाकू विमानों ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि सीमा पार किए बिना पाकिस्तान के हर कोने पर हमला करने में सक्षम हैं. हिंदुस्तानीय वायुसेना ने आतंकी शिविरों और बाद में पाकिस्तान के एयरबेस को नष्ट कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हिंदुस्तान ने दुनिया को यह दिखा दिया कि हिंदुस्तान अब सिर्फ विदेश से आयातित हथियारों और प्लेटफार्मों पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि हिंदुस्तान में निर्मित उपकरण सैन्य शक्ति का प्रमुख आधार बन गए हैं. देश में निर्मित हथियार अभेद्य और सटीक निशाना लगाने की क्षमता का प्रदर्शन कर दुनिया को अचंभित कर दिया है. पाकिस्तान ने भी ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को स्वीकार कर लिया. हिंदुस्तान में बनी इस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अंधेरे में दिन की रोशनी दिखायी.
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान और दुनिया को हतप्रभ कर दिया. डीआरडीओ द्वारा बनाए गए आकाश और अन्य रडार सिस्टम ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई. पहले रक्षा उपकरणों के आयात पर हिंदुस्तान की निर्भरता काफी अधिक थी. लेकिन आज आर्टिलरी सिस्टम, रडार सिस्टम, मिसाइल शील्ड, ड्रोन और जवाबी ड्रोन जैसे उपकरणों का निर्माण देश में हो रहा है. हिंदुस्तान रक्षा क्षेत्र में आयातक से निर्यातक बन रहा है और आने वाले समय में रक्षा बाजार में बाजार एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभरेगा.
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