धनबाद.
धनबाद शहरी क्षेत्र की 1110 स्ट्रीट लाइटें बूझी हुई हैं. पिछले छह साल से सुगियाडीह, विनोद नगर, मोदीडीह, गुहीबांध आदि जगहों की इंटीग्रेटेड सड़क की स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही हैं. एसीबी के डर से ना तो नगर निगम इनका मेंटेनेंस कर रहा है और ना संवेदक. नगर निगम ने अब वैसे ग्रुप की इंटीग्रेटेड सड़कों की स्ट्रीट लाइटों का मेंटेनेंस कराने का निर्णय लिया है, जिनका भुगतान हो चुका है. इसके लिए टेंडर निकालने की कवायद शुरू कर दी है. ज्ञात हो कि 14वें वित्त आयोग के 200 करोड़ रुपये के फंड से अलग-अलग 38 ग्रुप में इंटीग्रेटेड सड़कें बनायी गयी थीं. इसमें कुछ ग्रुप का काम पूरा हो गया तो कुछ का 80-90 प्रतिशत तक काम हुआ है. बाद में एसीबी जांच शुरू होने पर निर्माण पर रोक लगा दी गयी थी.
38 करोड़ का रोका गया है काम
एसीबी जांच में 38 करोड़ की योजना फंसी हुई है. वार्ड नंबर 23 में अलग-अलग ग्रुप में 4.91 करोड़, वार्ड 21 में दो करोड़ 31 लाख, वार्ड 39 में चार करोड़ 97 लाख, वार्ड तीन में 4.57 करोड़, वार्ड 22 आदि वार्डों में सड़कों का काम रोका गया है. वहीं मोदीडीह से लेकर गुहीबांध तक 2.39 करोड़ का काम रोका गया है.
पांच साल तक संवेदक को करना था मेंटेनेंस
इंटीग्रेटेड सड़कों के मेंटेनेंस के लिए संवेदक व नगर निगम के बीच पांच साल का करार हुआ था. 2019 में काम पूरा होना था. 2024 तक मेंटेनेंस का पीरियड था. इसी बीच 2019 में एसीबी की जांच शुरू हो गयी. इधर नगर आयुक्त रवि राज शर्मा ने बताया कि जिस ग्रुप की इंटीग्रेटेड सड़क का काम पूरा हो गया है. वैसे ग्रुप की सड़कों की स्ट्रीट लाइट का मेंटेनेंस किया जायेगा. इसकी तैयारी चल रही है. एसीबी को भी काम शुरू करने के लिए पत्र लिखा गया है.
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