Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम में एकेडमिक वर्ष 2025-26 से सात नये कोर्स शुरू हो रहे हैं. शुरू होने वाले नये कोर्सस में बीटेक के पांच वर्षीय दो कोर्स व एमटेक प्रोग्राम में सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा चार नये कोर्स शुरू समेत कुल सात प्रोग्राम शुरू हो रहे हैं. सातवें प्रोग्राम के तहत आइआइटी आइएसएम ने आइआइएम मुंबई के साथ मिलकर एकीकृत बीटेक-एमबीए कार्यक्रम भी शुरू करने जा रहा है. इस कार्यक्रम में माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक और लॉजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन मैनेजमेंट में एमबीए डिग्री का संयोजन किया गया है. शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू होने वाला यह कार्यक्रम प्रारंभ में आइआइटी (आइएसएम) धनबाद और आइआइएम मुंबई के मुंबई परिसर में संचालित होगा. 60 छात्रों की क्षमता वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी इंजीनियरिंग शिक्षा और प्रबंधन प्रशिक्षण के बीच की खाई को पाटना है. यह पहल वैश्विक स्तर पर विकसित हो रहे माइनिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के अनुरूप नई पीढ़ी के पेशेवरों को तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
दो बीएस-एमएस प्रोग्राम
संस्थान ने दो पांच वर्षीय एकीकृत बीएस-एमएस कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. इसमें बीएस-एमएस फिजिक्स और बीएस एमएस कमेस्ट्री शुरू किया जा रहा है. बीएस-एमएस फिजिक्स कोर्स छात्रों को गहन सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा. इसमें प्रवेश जेइइ (एडवांस्ड) परीक्षा के माध्यम से होगा. इस कोर्स में क्वांटम मैकेनिक्स, ठोस अवस्था भौतिकी, इलेक्ट्रोडायनामिक्स, लेजर भौतिकी जैसे विषय शामिल हैं, साथ ही छात्रों को शोध और उद्योग से जुड़ने के अवसर भी मिलेंगे. इसके अलावा, कमेस्ट्री विभाग ने भी एक अभिनव बीएस-एमएस एकीकृत कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. यह कार्यक्रम चार साल के स्नातक अध्ययन और एक वर्ष के स्नातकोत्तर विशेषीकरण के साथ तैयार किया गया है. इच्छुक छात्र चार वर्षों के बाद बीएस की डिग्री लेकर भी बाहर जा सकते हैं. कोर्स में आधुनिक प्रयोगशालाएं, अनुसंधान परियोजनाएं और उद्योग से इंटर्नशिप के अवसर शामिल हैं.
सिविल इंजीनियरिंग विभाग चार एमटेक कोर्स शुरू कर रहा हैआइआइटी आइएसएम का सिविल इंजीनियरिंग विभाग सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में चार नये एमटेक कार्यक्रम शुरू शुरू कर रहा है. इन कोर्स में नामांकन प्रक्रिया जारी है. सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा जिन क्षेत्रों में एमटेक कोर्स शुरू किया गया है इनमें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग, जल संसाधन इंजीनियरिंग और परिवहन इंजीनियरिंग शामिल हैं. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को उद्योग-उन्मुख तकनीकी ज्ञान और अनुसंधान कौशल प्रदान करना है. प्रवेश गेट परीक्षा के माध्यम से लिया जा रहा है.
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