भूली.
श्रद्धा और आस्था के आगे विपरीत परिस्थितियां भी हार मान लेती हैं. इसका उदाहरण भूली बी ब्लॉक सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति ने पेश किया. शुक्रवार को तेज बारिश के कारण 110 फीट ऊंचा तिरुपति बालाजी मंदिर की अनुकृति पर आधारित भव्य पंडाल धराशायी हो गया था. यह क्षण समिति और स्थानीय लोगों के लिए बेहद निराशाजनक था, लेकिन पूजा समिति ने हार नहीं मानी.
पंडाल गिरा, पर अडिग रहा समिति व कारीगरों का हौसला
पंडाल गिरने के बाद भी समिति और कारीगरों का हौसला अडिग रहा. टूटे हुए ढांचे को हटाकर उसी रात से नया पंडाल खड़ा करने का काम शुरू कर दिया गया. महज 24 घंटे के अंदर कारीगरों के अथक परिश्रम और स्थानीय लोगों के सहयोग से 50 फीट ऊंचा और 45 फीट चौड़ा नया पंडाल खड़ा कर दिया.
तिरुपति बालाजी मंदिर की अनुकृति ही बनेगी आकर्षण का केंद्र
पूजा समिति के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि भले ही 110 फीट का पंडाल गिर गया, लेकिन आस्था अडिग रही. श्रद्धालुओं को अब भी तिरुपति बालाजी मंदिर की अनुकृति का ही दर्शन मिलेगा. अंतर सिर्फ इतना है कि पंडाल थोड़ा छोटा होगा.
लेजर लाइट शो से सजेगा नया पंडाल
कारीगरों ने दिन-रात मेहनत कर पंडाल का ढांचा तैयार कर दिया है. सोमवार तक इसे पूरी तरह सजा दिया जाएगा. इस बार पंडाल का खास आकर्षण लेजर लाइट शो होगा, जो भक्तों को मंत्रमुग्ध करेगा.
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