Dhanbad News: स्कूल रूआर-2025 को लेकर बुधवार को न्यू टाउन हॉल में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. उपायुक्त माधवी मिश्रा ने कहा कि जिले के 5 से 18 वर्ष के शत-प्रतिशत बच्चों को शिक्षित करना, विद्यालयों में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करना तथा ड्रॉप आउट कम करना स्कूल रूआर 2025 का उद्देश्य है. स्कूलों में छात्रों की कम उपस्थिति और आठवीं से बच्चियों का ड्रॉप आउट चिंता का विषय है. हर साल अभियान चलने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र में बच्चियां नामांकन से वंचित रह जा रही हैं. बच्चों व उनके अभिभावकों में जागरूकता लाने के लिए स्कूल प्रबंधन, प्रधानाचार्य, जनप्रतिनिधि व अभिभावकों का योगदान तथा भागीदारी महत्वपूर्ण है. इसे चुनौती के रूप में लेना है.
नामांकन की संख्या बढ़ी है, पर शत प्रतिशत नहीं :
उन्होंने कहा कि जिले में नामांकन लेने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी आयी है, लेकिन आज भी शतप्रतिशत नामांकन नहीं हो पाया है. आठवीं के बाद बच्चियों के ड्रॉप आउट की संख्या अधिक है. बच्चों को किताब, बैग, जूते, ड्रैस, साइकिल, एमडीएम समेत अन्य सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. राज्य प्रशासन ने सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना भी शुरू की है. स्कूल रूआर 2025 के तहत आगामी 10 मई तक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा.
जिला शिक्षा अधीक्षक सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आयुष कुमार ने कार्यक्रम की महत्व एवं राज्य कार्यालय द्वारा प्राप्त निर्देश व बच्चों के नामांकन आवश्यक क्यों है, इन सभी बिंदुओं से अवगत कराया. अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आशीष कुमार ने पीपीटी के माध्यम से महत्वपूर्ण बिंदुओं को प्रदर्शित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा ने स्कूल रूआर 2025 अभियान के सफल बनाने में बीपीओ सीआरपी एवं बीआरपी के योगदान को महत्वपूर्ण बताया. मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीता कुजूर, टुंडी विधायक प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद चौधरी, झरिया विधायक के प्रतिनिधि केडी पांडेय, विभिन्न प्रखंड के बीडीओ सहित अन्य लोग मौजूद थे.
छह से 14 वर्ष तक के 268 शिशु स्कूल से बाहर
छह से 14 साल उम्र के आउट ऑफ स्कूल की बात करें तो 50 सेंटर में 268 शिशु हैं. सबसे अधिक झरिया के छह केंद्र में 57 शिशु हैं, बलियापुर के पांच सेंटर में 45, गोविंदपुर के 16 सेंटर में 44, बाघमारा के आठ सेंटर में 40, धनबाद के तीन सेंटर में 37, टुंडी के चार में 23, निरसा के तीन में आठ, केलियासोल के एक में छह, पूर्वी टुंडी के तीन में पांच व तोपचांची के एक के तीन है.
14 से 18 साल तक के 519 विद्यार्थी ड्रॉप आउट
14 साल से 18 साल के आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या 519 है. इसमें सबसे अधिक धनबाद के 97 हैं. इसमें गोविंदपुर के 69, बलियापुर के 64, टुंडी के 49, बाघमारा के 41, निरसा के 39, एग्यारकुंड के 37, झरिया के 36, केलियासोल के 32, पूर्वी टुंडी के 30, तोपचांची के 25 विद्यार्थी शामिल है.
नामांकन की स्थिति : प्राइमरी में 78.53, तो हायर सेकेंडरी में 67.58 प्रतिशत
बालक व बालिका के अलग-अलग आंकड़ों पर गौर करें तो नामांकन की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इसमें सुधार की दिशा में काम हो रहा है. आंकड़ों के अनुसार कक्षाओं में नामांकन के दौरान शिशु पढ़ाई छोड़ते हैं. सबसे खराब स्थिति हायर सेकेंडरी में होती है.
प्राइमरी :
बालक के 80.67 प्रतिशत व बालिका का 76.26 प्रतिशत है. कुल 78.53 प्रतिशत है. अपर प्राइमरी: बालक के 83.10 और बालिका के 79.09 है. कुल नामांकन 81.13 प्रतिशत है.
सेकेंडरी :
बालक 72.87 व बालिका का 69.35 प्रतिशत है. जिले में कुल नामांकन का प्रतिशत 71.14 है.
हायर सेकेंडरी :
बालक 69.22 और बालिका के नामांकन का प्रतिशत 65.88 प्रतिशत है. इसका कुल प्रतिशत 67.58 है.
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