Dhanbad News: सिंदरी के शहरपुरा के मीरा मोहन धाम स्थित राधा कृष्ण मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान सह श्री श्री 108 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दूसरे दिन के दौरान मध्य प्रदेश के रीवा की कथावाचिका अमृता कर्णेश्वरी ने राजा परीक्षित प्रसंग सुना कर श्रोताओ को मंत्र मुग्ध कर दिया. आयोजन गौरव वक्ष उर्फ लक्की सिंह ने किया है. अमृता कर्णेश्वरी ने श्री सुकदेव जी और राजा परीक्षित के जन्म की कथा सुनायी. माता कुंती का चरित्र एवं अन्य प्रसंग सुनाया. कथा वाचिका ने सुकदेव परीक्षित संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार महाराज परीक्षित वन चले गए. इस दौरान उन्हें प्यास लगी, तो समीक ऋषि से पानी मांगा. ऋषि समाधि में थे. इसलिए पानी नहीं पिला पाये. राजा परीक्षित ने इसे अपना अपमान समझा. समीक ऋषि को पुत्र ने शाप की जानकारी दी. उन्होंने दिव्य दृष्टि से देखा कि यह तो महान धर्मात्मा राजा परीक्षित हैं और उन्होंने यह अपराध कलियुग से वशीभूत होकर किया है. तो वह अपना राज्य अपने पुत्र को सौंपकर नदी तट पर पहुंचे. वहां ऋषि, महात्मा मुनी देवता आ पहुंचे थे. अंत में व्यास नंदन सुकदेव वहां पहुंचे और राजा परीक्षित जी को भागवत कथा सुनाना प्रारंभ किया. कथा सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये.
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