डॉ अंबेडकर और हासिये के समुदाय व्यक्तित्व विकास का लोकतांत्रिक आधार विषयक परि संवाद
नया विचार मोरवा । बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने समाज के हासिये पर अटके वंचित लोगों को लोकतांत्रिक आधार और अधिकार दिलाया। उक्त बातें कहीं त्रिरत्न बौद्ध महासंघ पुणे के अध्यक्ष, बौद्ध धम्माचारी क्रमबज्र ने प्रखंड के बेनुआ सामुदायिक भवन परिसर में आयोजित परिसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए। दलित विकास अभियान समिति के संरक्षक धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता एवं बबीता कुमारी के संचालन में बौद्ध गुरु धम्माचारी क्रमबज्र ने बाबा साहेब डॉ अंबेडकर और हासिये के समुदाय, व्यक्तित्व विकास का लोकतांत्रिक आधार, विषयक परि संवाद को सम्बोधित करते हुए कहा कि, मन का परिवर्तन ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जब पुरानी जड़ताओं को छोड़कर मन परिवर्तन का संकल्प ले लेता है, तभी जीवन सर्वोत्तम हो जाता है,यही बाबा साहेब डॉ अंबेडकर ने सिखाया। बौद्ध गुरु क्रमबज्र ने बतलाया कि आम लोग , आरक्षण को लेकर भीमराव अंबेडकर को बड़ा नेता मानते हैं, जबकि,डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपना मन परिवर्तन कर जब बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिए तो वे बोधिसत्व की तरह महान बन गए। अध्यक्षता करते हुए धर्मेंद्र कुमार ने बतलाया कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने दलित जाति में जन्म लेकर भी अपनी शिक्षा और कर्म की बदौलत सूरज की तरह चमक कर , हासिये पर के लोगों को आकाश की ऊंचाई देकर गौरवान्वित किया।वक्ताओं ने भीमराव अंबेडकर के संविधान के लोकतांत्रिक आधार के बताए रास्ते से दलित समुदाय के महत्वपूर्ण उत्थान होने को विस्तार से बताया। इसके पूर्व बौद्ध धर्मगुरु धम्माचारी क्रमबज्र, धर्मेन्द्र कुमार,माधुरी कुमारी, बबीता कुमारी ने महात्मा बुद्ध एवं डॉ अंबेडकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया। पंसस धर्मेन्द्र कुमार राम ने अतिथियों का स्वागत किया। मौके पर सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।