DU: दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी. शुक्रवार को ईसी की बैठक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक के आरंभ में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर कुलपति ने कहा कि आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए हिंदुस्तान प्रशासन द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाया जा रहा है. ऐसी कठिन हालात में दिल्ली विश्वविद्यालय हिंदुस्तान प्रशासन को हर संभव समर्थन और सहयोग प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि डीयू को 10 साल में हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी(हेफा) लोन का केवल 10 फीसदी ही वापस करना है. यह एक अच्छी योजना है.
डीयू में हेफा से मिली राशि से नए भवनों और ढांचागत सुविधाओं का निर्माण हो रहा है जिससे छात्रों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. डीयू कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार के मामले में जानकारी देते हुए कुलपति ने बताया कि दिल्ली स्थित रेलवे अस्पताल के साथ डीयू का एक एमओयू हुआ है. इसके तहत डीयू के कर्मचारियों को भी सीजीएचएस रेट पर वहां इलाज की सुविधा उपलब्ध कारवाई गई है जिसका बहुत से कर्मचारी लाभ उठा रहे हैं. एनईपी 2020 के तहत स्नातक (यूजी) में चौथे वर्ष को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए कुलसचिव डॉ विकास गुप्ता ने बताया कि एनईपी 2020 में हर स्नातक (यूजी) कोर्स 4 साल का ही है, लेकिन इसमें छात्रों के पास मल्टीपल एक्जिट और मल्टीपल एंट्री का विकल्प उपलब्ध है.
वो जब चाहें छोड़ कर जा सकते हैं. पहले की एजुकेशन पॉलिसी में 3 वर्ष के कोर्स को बीच में छोडने पर छात्रों को कुछ नहीं मिलता था, लेकिन एनईपी 2020 में अच्छा प्रावधान यह है कि बीच में कोर्स छोडने पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री तक मिलने का प्रावधान है.
डीयू के हिंदी और अंग्रेजी विभाग में भी होगी पत्रकारिता में एमए की पढ़ाई
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी और अंग्रेजी विभागों में भी अब पत्रकारिता में एमए की पढ़ाई होगी. पिछले दिनों डीयू के दक्षिणी परिसर के पत्रकारिता विभाग में स्टूडियो का उद्घाटन करते हुए कुलपति ने घोषणा की थी कि डीयू पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा के अलावा स्नातकोत्तर का पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा. इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है. दक्षिण परिसर के हिंदी विभाग में ‘दो वर्षीय स्नातकोत्तर हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम’ के शुभारंभ के मौके पर डीयू के दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रोफेसर प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है. इसके अलावा डीयू के अंग्रेजी विभाग के तहत ‘अंग्रेजी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर’ नामक एक नया कार्यक्रम शुरू करने के लिए भी समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की गयी है.
शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारित करने का बना नियम
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों और संबंधित कॉलेजों, संस्थानों के विभागों में शिक्षकों (सहायक प्रोफेसर/लेक्चरर) की वरिष्ठता के लिए नियमों को डीयू ईसी ने पारित कर दिया. इसके तहत शिक्षकों की वरिष्ठता आयु, जन्म तिथि के आधार पर निर्धारित की जा सकती है. गौरतलब है कि डीयू के डीन ऑफ कॉलेज प्रोफेसर बलराम पाणी की अध्यक्षता में इस विषय पर एक समिति गठित की गई थी. समिति की विस्तृत रिपोर्ट पर विचार करने के बाद यह नियम पारित किया गया. मिति ने इस मुद्दे पर हितधारकों की चिंताओं का विश्लेषण करते हुए पाया कि कॉलेजों के बीच अस्पष्टता रही है कि विभाग के भीतर शिक्षकों की वरिष्ठता और किसी भी संबंधित कॉलेज के विभागों में वरिष्ठता निर्धारित करते समय कौन सी पद्धति अपनाई जाए. सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद समिति ने राय दी कि यदि सभी सापेक्ष योग्यता समान हैं, तो सभी उद्देश्यों के लिए शिक्षकों की वरिष्ठता आयु, जन्म तिथि के आधार पर निर्धारित की जा सकती है, जो शिक्षक उम्र में बड़ा है उसे उस शिक्षक से वरिष्ठ माना जाएगा जो उम्र में छोटा है और यदि उम्र भी समान है, तो वरिष्ठता एपीआई स्कोर के आधार पर निर्धारित की जाएगी.
आर्मी हॉस्पिटल में शुरू होगा बीएससी (न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी) कोर्स
डीयू के चिकित्सा विज्ञान संकाय के तहत आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) दिल्ली कैंट में एक नया कोर्स, बीएससी (न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी), इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू किया जाएगा. रेडियोलॉजी विभाग के तहत इस कोर्स की अवधि तीन साल और एक साल का इंटर्नशिप (वैकल्पिक) होगी. इस कोर्स में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी हिंदुस्तानीय सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) में कार्यरत होना चाहिए और 6 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो. सेवा रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए. अभ्यर्थियों को केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई), हिंदुस्तानीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (आईसीएसई) या किसी अन्य मान्यता प्राप्त समकक्ष राज्य बोर्ड परीक्षा द्वारा आयोजित उच्चतर माध्यमिक परीक्षा (शैक्षणिक) उत्तीर्ण होना चाहिए, जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान/वनस्पति विज्ञान और प्राणी विज्ञान विषयों में न्यूनतम 50 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए और अंग्रेजी एक विषय के रूप में होनी चाहिए. तय मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने वाले सेना के अपर्याप्त उम्मीदवारों के कारण रिक्त रह जाने वाली सीटों पर संबंधित चिकित्सा सेवाओं में समकक्ष मानदंडों के आधार पर हिंदुस्तानीय वायु सेना और हिंदुस्तानीय नौसेना के चिकित्सा सहायकों को नियुक्ति की पेशकश की जाएगी.
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