घाटशिला. घाटशिला प्रखंड की धरमबहाल पंचायत के ऐदलबेड़ा गांव निवासी आदिवासी परिवार की सृजनशीलता व कलाप्रेम चर्चा व आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. खड़गपुर रेल मंडल में गार्ड के पद पर कार्यरत ऐदलबेड़ा निवासी श्यामा हेंब्रम ने अपने गांव के मकान को ट्रेन की बोगी के अंदाज में डिजाइन किया है और उसका नाम रखा है हेंब्रम एक्सप्रेस. इनका मकान इन दिनों आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मकान की दीवारों पर की गयी पेंटिंग और सजावट उनके घर के पास की सड़क से गुजरने वालों को रुक कर देखने को मजबूर कर रहा है. घर का मुख्य दरवाजा बिल्कुल ट्रेन की बोगी के प्रवेश द्वार जैसा है. खिड़कियों को इमरजेंसी खिड़की की तरह बनाया गया है.
हमेशा कुछ अलग करने की रही है सोच
श्यामा हेंब्रम की मां पानो हेंब्रम ने बताया कि मेरा बेटा खड़गपुर में रेलवे में गार्ड के पद पर कार्यरत है. उसने मिस्त्री व पेंटर को खासतौर से सलाह देकर घर को ट्रेन की बोगी की तर्ज पर तैयार करवाया है. दरवाजे और खिड़कियों को भी उसी शैली में लगाया गया है. श्यामा हेंब्रम की बहन मीनू हेंब्रम ने बताया कि भैया ने अपनी सोच को अपनी मेहनत व लगन से घर का रूप दिया है. रेलवे से जुड़े होने के कारण वे हमेशा कुछ अलग करना चाहते थे. श्यामा हेंब्रम का यह प्रयास न सिर्फ गांव में चर्चा का विषय बना हुआ नहीं है, बल्कि स्थानीय कला और आधुनिक सोच का सुंदर नमूना भी पेश करता है. ऐसे तो इस क्षेत्र के आदिवासी परिवार अपने घरों की दीवारों पर अक्सर तरह-तरह की परंपरागत पेंटिंग करते रहते हैं, खासकर बांदना, सोहराय और टुसू पर्व में यह देखने को मिलता है. लेकिन श्यामा हेंब्रम के मकान की बनावट क्षेत्र के लोगों को खास तौर पर आकर्षित कर रही है.
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