Environment: हर वर्ष 14 मार्च को नदियों के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर रिवर्स) मनाया जाता है. यह नदियों को बचाने और उनके महत्व के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एकजुटता को समर्पित एक दिवस है. इस अंतरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य, हमारे जीवन में नदियों के महत्व को रेखांकित करना, इस बात के लिए जागरूकता बढ़ाना कि मानवीय गतिविधियों के कारण नदियों जैसे मीठे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र किसी भी तरह प्रदूषित न हों, और स्वच्छ तथा बहते जल को सुरक्षित रखना है. इस दिन दुनियाभर के अलग-अलग समुदाय एक साथ आकर इस बात को दोहराते हैं कि नदियां महत्वपूर्ण हैं और उन्हें बचाने के लिए हमारी आवश्यकता है.
क्या है इस वर्ष की थीम
इसी महीने की 14 तारीख (14 मार्च) को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय नदी कार्रवाई दिवस की 28वीं वर्षगांठ मनायी जायेगी. इस वर्ष इस दिवस की थीम है- आवर रिवर्स, आवर फ्यूचर, यानी मेरी नदियां, मेरा भविष्य.
कब हुई शुरुआत
नदियों के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई दिवस पहली बार 14 मार्च, 1997 को दुनियाभर में आयोजित किया गया था.
इतिहास
सितंबर 1995 में, अंतरराष्ट्रीय नदी नेटवर्क और यूरोपीय नदी नेटवर्क जैसे कई नदी केंद्रित संगठन ब्राजील में एक प्रीपरेटरी मीटिंग में सम्मिलित हुए. उसके बाद एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन समिति का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व उन लोगों ने किया जो ब्राजील के बड़े बांधों से प्रभावित थे. मार्च 1997 में, बांधों से प्रभावित लोगों की पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक कूर्टिबा, ब्राजील में आयोजित की गयी. इस बैठक में बीस से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने बांधों के खिलाफ और नदियों, जल व जीवन के लिए 14 मार्च को अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई दिवस के रूप में घोषित करने पर सहमति व्यक्त की. यह कदम नदियों, जल के अन्य निकायों और जलग्रहण क्षेत्रों के क्षरण के विरोध में एकजुट होने के लिए उठाया गया था. इस तिथि का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि यह बड़े बांधों के खिलाफ ब्राजील की कार्रवाई का दिन था. वर्ष 1997 के बाद से प्रतिवर्ष नदियों के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है.
मीठे पानी में रहने वाले जीवों की संख्या में आयी भारी कमी
हम सभी जानते हैं कि दुनिया की लगभग सभी सभ्यताएं नदियों के किनारे या उसके आसपास विकसित हुई हैं, क्योंकि नदियां पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, क्योंकि वे पीने और सिंचाई के लिए मीठे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं. नदियों का सुरक्षित होना हमारे जीवन का सुरक्षित होना और हमारे आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र का समृद्ध होना है. इसके बाद भी नदियों पर दुनियाभर में सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है. वर्ष 2018 में आयी लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट के अनुसार, मीठे पानी में रहने वाले जीवों की संख्या में 1970 के बाद से 83 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है, जो थलीय और समुद्री जीवों की तुलना में दोगुनी है. यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो जैव-विविधता को बचाना मुश्किल हो जायेगा. विदित हो कि नदियां विश्व की जैव विविधता को बहाल करने और बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ऐसे में नदियों के संरक्षण के लिए सभी के सहयोग से त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है.
मानवीय गतिविधियों से बढ़ा प्रदूषण
अंधाधुंध निर्माण, अतिक्रमण गतिविधियों और नदियों में उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल व कचरों के डंपिंग के कारण नदियां अत्यधिक प्रदूषित हुई हैं. वैश्विक स्तर पर, हर दिन दो मिलियन टन से अधिक सीवेज और औद्योगिक तथा कृषि अपशिष्ट जल में बहाया जाता है. इन सबका असर उन समुदायों पर पड़ रहा है जो अपने अस्तित्व के लिए नदियों पर निर्भर हैं.
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