इस संबंध में कंपनी के प्रबंधक परशुराम तिवारी के लिखित आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. श्री तिवारी ने आरोप लगाया है कि झारखंड प्रशासन के जल संसाधन विभाग व दामोदर घाटी निगम के पत्र के आलोक में औद्योगिक उपयोग हेतु उसरी नदी से पानी निकालने की अनुमति उन्हें मिली हुई है. इसी क्रम में उसरी नदी के तट पर एक इंटेक वेल बनाने के लिए पोकलेन मशीन निर्माण स्थल पर भेजी गयी थी.
40-50 लोग पहुंचे और रंगदारी की मांग की
आरोप लगाते हुए कहा कि काम चल ही रहा था कि शुभांकर गुप्ता, राजेश कांदो, विजय राय आदि के नेतृत्व में लगभग 40-50 अज्ञात लोग पहुंचे और पोकलेन को क्षतिग्रस्त कर दिया. साथ ही धमकी दी गयी और रंगदारी की मांग की गयी. गिरिडीह मुफस्सिल थाना में बीएनएस की धारा 191(2), 190, 324(3), 303(2), 351(2), 352, 308(2), 308(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
आंदोलन को रोकने की हो रही है कोशिश : शुभांकर
इधर, गादी श्रीरामपुर के शुभांकर गुप्ता ने कहा कि मोहनपुर और चतरो के इलाके में कई फैक्ट्रियां संचालित है जो इलाके में प्रदूषण फैला रही है और इससे गांव के लोग तरह-तरह की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. इस प्रदूषण के खिलाफ एक लंबे समय से ग्रामीणों ने एकजुट अभियान चला रखा है. उनके आंदोलन को कुचलने के लिए उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है.
प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे लोगों पर झूठी प्राथमिकी दर्ज करायी
शुभांकर गुप्ता ने कहा कि फैक्ट्री के संचालक ने उनके और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अन्य लोगों पर झूठी प्राथमिकी दर्ज करायी है. शुभांकर ने कहा कि 8 अप्रैल को ग्रामीणों की सूचना पर 40-50 ग्रामीणों के साथ गंगापुर गांव पहुंचे थे जहां इनटेक वेल बनाया जा रहा था. इस दौरान उनलोगों ने इनटेक वेल बनाने की अनुमति पत्र की मांग की और इसकी सूचना वन विभाग को देने के बाद वे लोग वापस लौट गये. ना ही पोकलेन को क्षतिग्रस्त किया गया है, ना ही चोरी की गयी है. रंगदारी भी नहीं मांगी गयी है.
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