Girl Education: बिहार में लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए कई गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. लड़कियों को स्पोर्ट्स, समग्र विकास, शिक्षा, लैंगिक असमानता को दूर कर सशक्त बनाने का काम किया जा रहा है. इस काम में प्रशासनी, शैक्षणिक संस्था और सामुदायिक संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है. किशनगंज, अररिया और नवादा जिले ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत शानदार उपलब्धि हासिल की है. पिछले साल 9 अक्टूबर को किशनगंज में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत कबड्डी, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स और अन्य स्पोर्ट्सों का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम में मध्य विद्यालय, हाई स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और अंबेडकर विद्यालय की छात्राओं ने शिरकत की. इस दौरान जिलाधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. अधिकारियों ने शिक्षा के अलावा कला, संस्कृति, स्पोर्ट्स के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए हर क्षेत्र में आगे होना जरूरी है. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का मकसद लड़कियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना है.
समाज के वंचित तबके की लड़कियों को शिक्षित करना है मकसद
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत राज्य के जिलों में लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए एक खास गांव को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, गैर प्रशासनी संगठन और समाज को भागीदार बनाना है. कार्यक्रम संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए लड़कियों के अभिभावकों की काउंसलिंग की जाती है ताकि वे लड़कियों को आगे बढ़ाने में परेशानी पैदा नहीं कर सके. साथ ही अभिभावकों को कार्यक्रम के फायदे के बारे में जानकारी दी जाती है.
भागीदार लड़कियों में भरोसा पैदा करने के लिए हर स्तर पर कदम उठाया जाता है. योजना का मकसद लड़कियों में ड्रॉप आउट रेट को कम करना और लैंगिक असमानता को दूर करना है. कार्यक्रम के तहत बिहार के नवादा में महादलित लड़कियों को कौशल विकास से जोड़ने का काम किया जा रहा है ताकि इस वर्ग की लड़कियों में आत्मविश्वास पैदा हो सके और वे भी शिक्षा के महत्व को समझ कर आगे बढ़ सकें. अररिया में महादलित मिशन लड़कियों की शिक्षा में आने वाली बाधा को पहचान कर दूर करने का काम कर रहा है.
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