हाजीपुर. शहर के औद्योगिक क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाइपर) की नयी निदेशक प्रो रुक्मिणी कंदासामी ने अपना पदभार संभाला. डॉ रुक्मिणी ने विगत तीन दशकों से औषधीय विज्ञान और ट्रांसलेशन संबंधी शोध में प्रभावशाली योगदान दिया है. नाइपर, हाजीपुर में कार्यभार ग्रहण करने से पहले अन्ना विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली में औषधीय प्रौद्योगिकी की प्राध्यापक और नैनोबायो ट्रांशलेशनल शोध में उत्कृष्टता केंद्र के निदेशक के रुप में कार्यरत थीं. प्रो रूक्मणी ने दो सौ से अधिक शोध रिपोर्ट लिखे हैं. एक शोध लीडर के रूप में प्रो रुक्मिणी ने अवसंरचना विकास और शोध परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्राप्त की है. उनके प्रयासों से उन्नत अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और इनक्यूबेशन केंद्रों की स्थापना हुई है, जिससे शैक्षणिक उत्कृष्टता और उद्यमशीलता विकास, दोनों को बढ़ावा मिला है. नाइपर, हाजीपुर में निदेशक का कार्यभार संभालते हुए प्रो रुक्मिणी ने कहा कि औषधीय शिक्षा, अत्याधुनिक शोध और नवाचार में राष्ट्रीय और वैश्विक नेतृत्व के रूप में संस्थान की भूमिका और इसकी महत्ता को स्थापित के लिए प्रतिबद्ध हूं. औषधीय क्षेत्र में अंतर-विषयक सहयोग को मजबूत करने, ट्रांशलेशनल विज्ञान को बढ़ावा देने का प्रयास किया जायेगा. निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने पर नाइपर के अधिकारियों और कर्मियों ने प्रो रुक्मिणी का स्वागत करते हुए उनके दूरदर्शी नेतृत्व में संस्थान के विकास की आशा जतायी.
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