Hot News

Hajipur News : लालगंज के शारदा सदन पुस्तकालय में दो बार आये थे राष्ट्रपिता

लालगंज. जीवन में पुस्तक और पुस्तकालयों की अहमियत हमेशा से रही है और लालगंज स्थित शारदा सदन पुस्तकालय इस दिशा में एक मिसाल है. 27 जून, 1914 को स्वतंत्रता सेनानी जगन्नाथ प्रसाद साहू द्वारा स्थापित यह पुस्तकालय आज एक विशाल ज्ञानकोष बन चुका है. इसकी 85 हजार से अधिक पुस्तकों का समृद्ध संग्रह और 1200 से अधिक पंजीकृत पाठकों की सदस्यता इसे खास बनाती है. इसके समृद्ध पुस्तक भंडार ने देश-विदेश के अनेक विद्वानों को आकर्षित किया है, जिन्होंने यहां आकर अध्ययन और शोध कार्य किया. सुबह-शाम यहां स्थानीय पाठकों की चहल-पहल रहती है. कई नेता भी यहां आते रहे हैं, जिससे यह पुस्तकालय हमेशा चर्चा में बना रहा है.

1934 के भूकंप में हो गया था क्षतिग्रस्त

हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम में इस पुस्तकालय की विशेष भूमिका रही है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वयं दो बार यहां आये थे, जो उनके इस पुस्तकालय से गहरे जुड़ाव को दर्शाता है. गांधीजी पहली बार 1917 में चंपारण सत्याग्रह के दौरान यहां आये थे. उस समय यह पुस्तकालय स्वतंत्रता सेनानियों के लिए गुप्त मंत्रणा केंद्र हुआ करता था. उसी वर्ष, उनके सम्मान में यहां गांधी वाचनालय की नींव रखी गयी, जो आज भी रोज खुलता है. इसमें बैठकर पाठक 40 से अधिक पत्र-पत्रिकाएं पढ़ते हैं. गांधीजी दूसरी बार 1934 में बिहार में आये विनाशकारी भूकंप के बाद यहां आये. उस समय भूकंप में पुस्तकालय भवन क्षतिग्रस्त हो गया था. अपने दौरे के दौरान गांधीजी ने पुस्तकालय की विजिटर बुक में लिखा था- ””मकान तो गिरा, लेकिन विद्या का नाश नहीं हो सकता. इसलिए पुस्तकालय से विद्या धन प्राप्त करें”” इसके बाद उन्होंने पुस्तकालय के जीर्णोद्धार के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद से आग्रह कर रिलीफ फंड से 400 रुपये स्वीकृत करवाये थे.

स्वतंत्रता संग्राम से रहा है गहरा संबंध

शारदा सदन पुस्तकालय ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. वर्ष 1925-26 के दौरान यह स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख केंद्रों में से एक था. अंग्रेजी हुकूमत को इसकी गतिविधियां खटकती थीं, इसलिए इसे कई बार बंद कराने के प्रयास किये गये, लेकिन वे नाकाम रहे. सन् 1942 के हिंदुस्तान छोड़ो आंदोलन में भी इस पुस्तकालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही. उस दौरान पुस्तकालय के संरक्षक जगन्नाथ प्रसाद साहू और इससे जुड़े कई लोग जेल गये थे. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से यह पुस्तकालय निरंतर ज्ञान और सेवा का केंद्र बना हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

The post Hajipur News : लालगंज के शारदा सदन पुस्तकालय में दो बार आये थे राष्ट्रपिता appeared first on Naya Vichar.

Spread the love

विनोद झा
संपादक नया विचार

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top