Health : गर्मी की तेज धूप में सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा के साथ-साथ आंखों पर भी बुरा असर डालती हैं. इन किरणों के संपर्क में आने से कॉर्निया और रेटिना को भी नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप हानिकारक यूवी किरणों से आंखों को सुरक्षा प्रदान करें…
- 94% लोग नहीं जानते कि अल्ट्रावायलेट (यूवी) एक्सपोजर उनकी आंखों के लिए हानिकारक है.
- 40% यूवी किरणें तब भी आंखों को प्रभावित करती हैं, जब आप पूरी तरह से सूरज की रोशनी में नहीं होते.
- 92% आंखों के आसपास उम्र बढ़ने की रेखाएं यूवी किरणों के दुष्प्रभाव के कारण उभरती हैं.
- 5-10% त्वचा कैंसर पलकों पर होता है.
- 365 दिन यानी हर रोज आंखों को यूवी किरणों का सामना करना होता है.
- मात्र आंखों में आंतरिक ऊतक होते हैं, जो सीधे यूवी किरणों के संपर्क में आते हैं.
यूवी एक्सपोजर बढ़ा देता है इन समस्याओं का जोखिम
- टेरिजियम (कॉर्निया को ढकने वाली एक झिल्ली)
- मोतियाबिंद
- मैकुलर डिजनरेशन
- फोटोकरेटाइटिस (आंखों का सनबर्न)
- आंखों के आसपास त्वचा का कैंसर
करें यूवी प्रोटेक्शन सनग्लासेस का प्रयोग
यूवी किरणों से आंखों की सुरक्षा के लिए यूवी प्रोटेक्शन सनग्लासेस का प्रयोग करें. लगभग 41 प्रतिशत उपभोक्ता सनग्लासेस खरीदते समय यूवी सुरक्षा स्तर की जांच नहीं करते. मात्र 30 प्रतिशत उपभोक्ता ही यूवी प्रोटेक्शन को महत्वपूर्ण मानते हैं.
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ऐसे करें सही सनग्लासेस का चयन
- सनग्लासेस के लेंस यूवी-ए और यूवी-बी दोनों किरणों के 99 से 100 प्रतिशत अवरोधक हों.
- एक समान टिंट वाले लेंस को प्राथमिकता दें. यदि संभव हो तो ग्रेडिएंट लेंस वाले सनग्लासेस का प्रयोग करें.
- लेंस के साथ-साथ चश्मे के फ्रेम पर भी ध्यान दें. आंखों के करीब फिट बैठने वाले फ्रेम का चयन करें.
बच्चों के लिए भी जरूरी
वयस्कों की तुलना में शिशु यूवी किरणों के संपर्क में 3 गुना अधिक आते हैं. पढ़ाई, स्पोर्ट्स व अन्य गतिविधियों के चलते 20 वर्ष की आयु तक युवाओं को यूवी किरणों का अधिक सामना करना पड़ता है.
ऐसे करें आंखों की सुरक्षा
- आंखों को सूरज की तेज किरणों से बचाने के लिए सनग्लासेस, कैप या स्कार्फ का इस्तेमाल करें.
- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें, इससे आंखों को सामान्य रूप से काम करने में सहायता मिलती है.
- गर्मियों में पसीना अधिक आता है, इसलिए रोगाणुओं और बैक्टीरिया के संपर्क का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गंदे हाथों से आंखों को न रगड़ें.
- आंखों को स्वस्थ रखने में हमारा खानपान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आंखों की कोशिकाओं और रेटिना को मजबूती प्रदान करने में ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन नामक दो तत्वों की अहम भूमिका है. हरी सब्जियों और फलों में यह तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं.
- छह से आठ घंटे की आरामदायक नींद लें. पर्याप्त नींद आंखों को प्राकृतिक तरीके से तरोताजा रखने में सहायता करती है.
इन बातों पर दें ध्यान
- बिना डॉक्टर की सलाह के किसी आई ड्रॉप का इस्तेमाल न करें.
- आप अगर स्विमिंग करते हैं, तो सनग्लासेस पहनें. ताकि क्लोरीन एलर्जी से बचाव हाे सके.
- ज्यादा देर एसी में बैठने से आंखों में सूखापन आ जाता है. आंखों की पेशियां सिकुड़ने से उनमें खुजली होने लगती है. ऐसे में कभी भी एसी के ठीक सामने न बैठें.
- रोजाना आंखों का व्यायाम करें, इससे आंखों की रोशनी में सुधार होता है और बीमारी व संक्रमण का खतरा कम होता है.
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