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International Women’s Day 2025 : महिलाओं के लिए 5 मुकम्मल राहें

International Women’s Day 2025 : अंतरिक्ष हो या एयरफोर्स, चिकित्सा हो या देश की सुरक्षा, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हो या बैंकिंग, फिल्म लेखन-निर्देशन हो या फैशन डिजाइनिंग, देश-दुनिया के हर क्षेत्र में स्त्रीएं अपनी काबिलियत के बल पर सफलता की इबारत दर्ज कर चुकी हैं. स्त्रीओं के लिए हर क्षेत्र में अपना परचम लहराने का यह रास्ता आसान नहीं था, लेकिन हौसलों की उड़ान व कड़ी मेहनत उन्हें विपरीत हालात में भी मंजिल तक ले गयी. इस सफलता को देखते हुए समय के साथ समाज और सोच दोनों बदले. परिवारों में लड़कियों की पढ़ाई और करियर को तरजीह मिलने लगी और आज वह बराबरी से कदम-दर-कदम हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ खड़ी हैं. आज भी ग्रामीण व शहरी मध्यवर्गीय घरों में पारिवारिक जिम्मेदारियों व सामाजिक दायरों की वजह से स्त्रीओं के सामने करियर में आगे बढ़ने के दौरान पेश आनेवाली चुनौतियां कम नहीं हुई हैं, लेकिन विकल्पों की बहुलता आपको ऐसे रास्ते देती है, जिसमें आप एक मजबूत करियर बना सकती हैं.

स्त्री प्रधान प्रोफेशन है टीचिंग

टीचिंग प्रोफेशन स्त्रीओं के लिए सबसे मुफीद और बेहद सम्मानजनक माना जाता है. आप प्ले स्कूल, नर्सरी स्कूल, प्राइमरी/ एलिमेंट्री स्कूल, सेकेंडरी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, एजुकेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट, स्पेशल स्कूल में से किसी एक विकल्प को चुनकर शिक्षक के तौर पर आगे बढ़ सकती हैं. बारहवीं के बाद नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कर नर्सरी या प्राइमरी टीचर बन सकती हैं. मिडिल स्कूल टीचर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता 10+2 और टीचर्स ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (टीटीसी) एवं ग्रेजुएशन के साथ बीएड है. वहीं सेकेंडरी स्कूल का शिक्षक बनने के लिए ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ बीएड एवं एमएड होना चाहिए. स्पेशल स्कूल में शारीरिक और मानसिक तौर पर अक्षम बच्चों को पढ़ाने के लिए 10+2 के साथ डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन होना चाहिए. आप ग्रेजुएशन के बाद मास्टर्स करके यूजीसी नेट परीक्षा पास कर लें और पीएचडी कर लें, तो कॉलेज और विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकती हैं.

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डिजाइन में है अच्छा स्कोप

आप में अगर रचनात्मकता है, तो आप डिजाइनर के तौर पर खुद को आगे बढ़ा सकती हैं. इसके लिए बारहवीं के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी से फैशन डिजाइन/ लेदर डिजाइन/ एसेसरीज डिजाइन/ टेक्सटाइल डिजाइन/ निटवेअर डिजाइन/ फैशन कम्युनिकेशन में बैचलर ऑफ डिजाइन कोर्स करना बेहतरीन विकल्प है. आप फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट से भी फुटवियर डिजाइन एवं प्रोडक्शन/लेदर गुड्स एवं एसेसरीज डिजाइन/ फैशन डिजाइन में चार वर्षीय बैचलर ऑफ डिजाइन (बीडेस) कर सकती हैं. इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन भी डिजाइन की पढ़ाई के लिए बेहतरीन संस्थान है. इन सभी संस्थानों में दाखिले के लिए आपको प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी. इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए आप इंटीरियर डिजाइनिंग में डिप्लोमा कर आगे की राह बना सकती हैं.

कर सकती हैं गवर्नमेंट जॉब की तैयारी

निजीकरण के इस दौर में भी प्रशासनी नौकरी की लोकप्रियता बरकरार है और स्त्रीओं के लिए सबसे सही करियर विकल्प मानी जाती है. ग्रेजुएशन के बाद आप संघ लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित हिंदुस्तानीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) परीक्षा एवं राज्यों में आयोजित होनेवाली राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा-पीएससी में सफलता हासिल कर प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम कर सकती हैं. बिहार समेत कई राज्यों में प्रशासनी नौकरी में स्त्रीओं को लगभग 35 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. आईबीपीएस आरआरबी, एसबीआई पीओ, आईबीपीएस पीओ एग्जाम से बैंकिंग सेक्टर में जा सकती हैं. सीडीएस (कॉमन डिफेंस सर्विस एग्जाम) से सेना में बतौर ऑफिसर करियर शुरू करने का रास्ता बनता है. इसके अलावा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से ली जानेवाली परीक्षाएं, जैसे एसएससी सीजीएल में सफलता हासिल कर प्रशासनी विभाग में जॉब हासिल कर सकती हैं.

स्पोर्ट्स में कामयाबी का परचम लहरा रहीं देश की स्त्रीएं

हिंदुस्तानीय स्त्रीओं ने स्पोर्ट्स जगत में एक स्वर्णिम युग का निर्माण किया है. साइना नेहवाल, पीवी सिंधु, मैरी कॉम, गीता फोगाट, सानिया मिर्जा, हरमनप्रीत कौर, मीराबाई चानू, लवलीना बोरगोहेन, मनु भाकर आदि वे नाम हैं, जिन्होंने देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिखाया है. पसंद के स्पोर्ट्स में बेहतर प्रदर्शन कर स्कूल की टीम में अपनी जगह बनाना स्पोर्ट्स के करियर में दाखिल होने की पहली सीढ़ी है. आप क्रिकेट, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, हॉकी, टेबल टेनिस, रेसलिंग, जिम्नास्टिक आदि में से कोई एक स्पोर्ट्स चुन सकती हैं. स्कूल की टीम से राज्य स्तरीय स्पोर्ट्सों में फिर राष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में प्रदर्शन आपको देश के लिए स्पोर्ट्सने का मौका दिलायेगा. एक खिलाड़ी के तौर पर आप किसी कोच या हिंदुस्तानीय स्पोर्ट्स प्राधिकरण के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती हैं. बहुत से प्रशासनी विभागों में स्पोर्ट्स कोटे के तहत कई पदों पर नियुक्ति की जाती है.

बढ़ रही है यूट्यूब ब्लॉगर की पाॅपुलैरिटी

इन दिनों पर्सनल यू-ट्यूब चैनल या ब्लॉग शुरू करके अपनी रचनात्मकता को लोकप्रिय करने का चलन बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है. ट्रैवल ब्लॉग हो या ट्रैवल यूट्यूब चैनल या फिर कुकिंग ब्लॉग या यूट्यूब चैनल इनमें मिले लाइक्स और व्यूअरशिप ने बहुत से लोगों को पहचान और आय का जरिया दिया है. आप में अगर कोई कला है, तो यूट्यूब चैनल के जरिये अपनी अलग पहचान बना सकती हैं.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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