रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया अभी भी जारी है. लेकिन इससे पहले ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के प्रस्तावित नाम सामने आ गये. उपाध्यक्ष पद के लिए भरत बड़ाईक का नाम सामने आ रहा है. लेकिन इसके पहले उनके नाम का विरोध शुरू हो गया है. विभिन्न शिक्षण संस्थान से जुड़े लोगों ने उनके नाम पर आपत्ति जतायी है. लोगों का कहना है कि वह नियमानुसार उस पद के लिए फिट नहीं बैठते हैं.
डुमरी कॉलेज डुमरी कॉलेज के प्रोफसर हैं भरत बड़ाईक
शैक्षणिक कार्यों से जुड़े लोगों को कहना है कि जैक उपाध्यक्ष पद के लिए आए प्रस्तावित नाम भरत बड़ाईक पर लोगों का कहना है कि वह डुमरी कॉलेज डुमरी गुमला के प्रोफसर है. वह न तो प्रशासनी है और न ही मान्यता प्राप्त कॉलेज है. वह रांची विश्वविद्यालय के अधीन एफिलिएटिड कॉलेज है जहां पर अनुदान की राशि प्रशासन से मिलती है.
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क्या कहता है नियम
प्रशासनी नियम अनुसार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए कुलपति के समकक्ष प्रशासनी वेतनमान पर कार्यरत का व्यक्ति का अनुभव होना चाहिए. जबकि उपाध्यक्ष पद के प्रस्तावित नाम भरत बड़ाईक एक प्राइवेट शिक्षक के रूप में कार्यरत है. जिसका प्रशासनिक और शैक्षणिक अनुभव उपाध्यक्ष पद के योग्य नहीं है. इसके बावजूद उसका नाम प्रशासन के प्रस्तावित सूची में भेजा गया है.
क्या कहते हैं डुमरी के स्थानीय लोग
डुमरी के रहने वाले प्रेम कुमार भरत बड़ाईक के बारे में बताते हैं वह कॉलेज में कभी नियमित ड्यूटी पर नहीं रहे हैं. गुमला निवासी रविंद्र अहीर का भी यही कहना है. वह कहते हैं कि जिसका नाम उपाध्यक्षक पद के लिए प्रस्तावित वह हमेशा रांची में रहते हैं और कॉलेज के शैक्षणिक कार्यों से हमेशा दूर रहते हैं. चैनपुर के रहने वाले सैनिका मुंडा कहते हैं ऐसे पदों पर अनुभवी शिक्षक को ही रख रखा जाना चाहिए. प्रदेश के कई शिक्षाविद इंटर कॉलेज के शिक्षकों और कर्मचारियों ने उनके नाम पर आपत्ति जताई है.
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