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Jal Jeevan Mission: झारखंड में जल जीवन मिशन की रफ्तार है धीमी

Jal Jeevan Mission: केंद्र प्रशासन देश के सभी ग्रामीण परिवारों को गुणवत्तापूर्ण पेयजल नल के जरिये मुहैया कराने की दिशा में काम कर रही है. अगस्त 2019 में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर नल से जल मुहैया कराने के लिए जल जीवन मिशन  शुरू किया. इस योजना के तहत केंद्र प्रशासन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता मुहैया कराती है. शहरी क्षेत्रों के लिए यह योजना 25 जून 2015 को शुरू की गयी. अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (एएमआरयूटी) पानी तक सार्वभौमिक घरेलू पहुंच सुनिश्चित करने और सीवेज उपचार बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए शुरू किया गया. जल जीवन मिशन (शहरी) को बाद में एक अक्टूबर 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए शहरों को आत्मनिर्भर और जल-सुरक्षित बनाने के लिए लागू किया गया. 

इसके अलावा प्रशासन की ओर से स्वच्छ हिंदुस्तान मिशन 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य 2 अक्टूबर, 2019 तक ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच को समाप्त करना था. इस योजना के पहले चरण के तहत 10 करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण किया गया और देश के सभी गांवों ने 2 अक्टूबर, 2019 तक खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया. ओडीएफ का दर्जा हासिल करने के बाद, दूसरे चरण की शुरुआत हुई, जिसके तहत 2025-26 तक ओडीएफ का दर्जा बनाए रखने व कचरा प्रबंधन के उपाय लागू करने पर जोर दिया गया.  

झारखंड के आधे से कुछ अधिक ग्रामीण आबादी तक ही पहुंचा है लाभ

राज्य द्वारा मुहैया की गयी जानकारी के अनुसार 13 मार्च 2025 तक झारखंड में कुल 62.55 लाख ग्रामीण परिवारों में से 34.25 लाख (54.76 फीसदी) ग्रामीण परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत नल से जल की सुविधा मिल रही है. राज्य के 29322 गांवों में से 26577 गांवों को अब तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) प्लस (आकांक्षी 18964, उभरते 514, आदर्श 7099) गांव घोषित किया जा चुका है. साथ ही झारखंड में अब तक 8878 गांवों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) और 26487 गांवों को ग्रे वाटर मैनेजमेंट (जीडब्ल्यूएम) के तहत कवर किया जा चुका है. यह जानकारी जल शक्ति राज्य मंत्री वी सोमन्ना ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.

वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने का काम 

गंभीर जल संकट का सामना करने वाले क्षेत्रों में केंद्र प्रशासन ने जल शक्ति अभियान: कैच द रेन और अटल भूजल योजना जैसे कार्यक्रमों के जरिये वर्षा जल संचयन और कृत्रिम भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने का काम किया है. इसके अतिरिक्त टिकाऊ जल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कृषि में जल-बचत तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिस्टम को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए गए हैं. 

भूजल स्रोतों की पहचान के लिए हाइड्रो जियो-मॉर्फोलॉजिकल (एचजीएम) मानचित्रों का उपयोग, मौजूदा जल स्रोतों का पता लगाने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तकनीक और जल वितरण को व्यवस्थित करने के लिए आईओटी-आधारित निगरानी प्रणाली सहित कई उपाय लागू किए गए हैं. 

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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