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JEE Success Story: 15 घंटे पढ़ाई…मेहनत और समर्पण की मिसाल, किसान का बेटा ऐसे बना IIT JEE मेन टॉपर

JEE Success Story of Nilkrishna Gajare in Hindi: सफलता की कहानियां अक्सर हमें प्रेरणा देती हैं और हमारे लक्ष्यों को पाने के लिए और भी मेहनत करने की ताकत देती हैं. हर वर्ष हजारों छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे IIT JEE, NEET, और UPSC में भाग लेते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करते हैं. हालांकि, कुछ कैंडिडेट्स सुविधाओं के अभाव और कठिनाइयों के बाद भी सही दिशा में मेहनत करके सफलता प्राप्त करते हैं. ऐसे ही एक किसान के बेटे के बारे में हम यहां बता रहे हैं जिन्होंने IIT JEE Main 2024 में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की और अपनी सफलता का उजाला बिखेरा. उनका संघर्ष और समर्पण उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य को पाने की चाह रखते हैं. इसलिए आप नीलकृष्ण गजरे (Nilkrishna Gajare) की सफलता की कहानी (JEE Success Story in Hindi) पढ़ें.

महाराष्ट्र के रहने वाले हैं नीलकृष्ण गजरे (JEE Success Story in Hindi)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के वाशिम जिले के एक किसान के बेटे नीलकृष्ण गजरे ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स 2024 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 हासिल की. ​​उन्होंने पेपर 1 (बी.ई./बी.टेक.) में 100 (एनटीए स्कोर) स्कोर किया. आपको बता दें कि ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है. यह हिंदुस्तान की कठिन परीक्षाओं में से एक है.

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हर दिन 10-15 घंटे पढ़ाई से पाई सफलता (JEE Success Story in Hindi)

इंटरव्यू में नीलकृष्ण के पिता निर्मल गजरे ने बताया कि बेटे ने कठिन दिनचर्या का पालन किया. वे रोज सुबह 4-5 बजे उठकर अपनी दिनचर्या की शुरुआत प्राणायाम और व्यायाम से करते थे, जिससे उनका मन और शरीर तरोताजा रहता था. हर दिन परीक्षा की तैयारी के लिए 10 से 15 घंटे तक समय दिया. 

सफलता के लिए मॉक टेस्ट और रिवीजन जरूरी

गजरे की ढ़ाई की रणनीति बहुत स्पष्ट थी, हर सवाल को तब तक समझना, जब तक उसका कॉन्सेप्ट पूरी तरह से क्लियर न हो जाए. अपनी कमजोरियों पर काम करने के लिए नियमित रूप से मॉक टेस्ट और रिवीजन करते थे. 

सोशल मीडिया से बनाई थी दूरी

एक और महत्वपूर्ण बात यह थी कि उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाई हुई थी। उनके पास केवल व्हॉट्सएप था, लेकिन वह भी सिर्फ अपने टीचर्स से संवाद के लिए। इस तरह, अपनी पूरी मेहनत और फोकस को पढ़ाई में लगाकर नीलकृष्ण ने IIT JEE Main 2024 में AIR 1 हासिल किया.

साधारण किसान पृष्ठभूमि से आते हैं नीलकृष्ण

नीलकृष्ण एक साधारण किसान पृष्ठभूमि से आते हैं और उनके पिता सोयाबीन किसान के रूप में काम करते हैं और उनकी मां योगिता घर का काम संभालती हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उनके माता-पिता ने केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की, लेकिन हमेशा अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का सपना देखा. नीलकृष्ण अपने परिवार में कॉलेज की डिग्री हासिल करने वाले पहले व्यक्ति हैं.

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प्रेरणादायी है नीलकृष्ण की सफलता (Nilkrishna Gajare Success Story in Hindi)

नीलकृष्ण गजरे की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि कड़ी मेहनत और स्मार्ट तरीके से की गई तैयारी ही मंजिल तक पहुंचाती है. नीलकृष्ण की कहानी एक प्रेरणा है और अन्य तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उनके जुनून, साहस और आगे बढ़ने के जज्बे को देखना चाहिए और सफलता के लिए सही दिशा और लगन से तैयार रहना चाहिए.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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