भभुआ सदर. नगर पर्षद भभुआ शहर में हर वर्ष साफ सफाई के लिए विभिन्न उपकरण व वाहन की खरीद करती है. नप प्रशासन का फोकस भी नयी खरीद पर रहता है, जिसके चलते पूर्व में खरीदे गये उपकरण समुचित देखरेख के अभाव जर्जर या खराब हो जा रहे हैं, जिससे एक तरह से जनता की गाढ़ी कमाई कबाड़ के रूप में नप प्रशासन की उदासीनता से बर्बाद हो रही है, यह कहना गलत नहीं होगा. वहीं, इसकी पुष्टि भी नप के कम्पाउंड में मौजूद वाहन के कलपुर्जे से लेकर कबाड़ का ढेर बयां कर रहे हैं. नप में कुछ मशीनें ऐसी भी है जिसकी खरीदी तो कर ली गयी, लेकिन आज तक कभी उपयोग में नहीं लाया गया है. इससे लाखों रुपये खर्च कर खरीदी गयी मशीनें अनुपयोगी होकर पड़े-पड़े कबाड़ के ढेर के रूप में शोभा बढ़ा रहे है. नगर पर्षद प्रशासन द्वारा सफाई, प्रकाश, पानी की व्यवस्था के लिए हर साल महंगी से महंगी मशीनरी की खरीद तो की जाती है, लेकिन थोड़े समय में ही पुराने होने के बाद ही शहर में साफ सफाई सहित अन्य प्रयोजन में खरीदी गयी सफाई मशीन, कचरा कंटेनर, वाहन आदि देखरेख के अभाव में कबाड़ में तब्दील हो जा रहे हैं, जिसकी कभी उचित रखरखाव व मरम्मत नहीं की जाती. मशीनरी को खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया है, जिससे पानी बरसात व धूप में पड़े-पड़े कई मशीनें खराब हो रही है. पुराने कबाड़ वाहनों व सामान के कारण नगर पर्षद परिसर कबाड़खाना नजर आ रहा है. इसके बावजूद मशीनों के रखरखाव पर नगर पर्षद के अधिकारी का भी ध्यान नहीं जा रहा है. गौरतलब है नगर प्रशासन द्वारा शहर में हर वर्ष साफ सफाई के लिए विभिन्न उपकरण व वाहन की खरीदी करती है. हाल फिलहाल,नगर पर्षद ने एक छोटा जेसीबी, दो छोटा ट्रैक्टर, एक सक्शन मशीन और 50 हैंड ट्रॉली की खरीद की गयी है. खरीदारी के संबंध में कुछ पार्षदों का कहना था कि खरीदारी के नाम पर मिलीभगत से जनता के पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है. = कई वाहन खड़े-खड़े हो रहे कबाड़ दरअसल, नप का फोकस भी नयी खरीद पर ही रहता है व पूर्व में खरीद किये गये उपकरण समुचित देखरेख के अभाव में जर्जर हो जाते हैं. इसकी पुष्टि नप कम्पाउंड में मौजूद वाहन के कलपुर्जे से लेकर कबाड़ का ढेर बया करते नजर आ रहे है. निगम में कुछ मशीन ऐसी है जिसकी खरीदी तो कर ली गयी, लेकिन आज तक कभी उपयोग में नहीं लाया गया और पड़े-पड़े कबाड़ के ढेर के रूप में नप की शोभा बढ़ा रहे है. यहां नगर प्रशासन द्वारा खरीदे गये सफाई मशीन, कचरा कंटेनर व वाहन देखरेख के अभाव में कबाड़ में तब्दील हो गये हैं, लेकिन उचित रखरखाव व मरम्मत नहीं की जाती. मशीनरी को खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया है, जिससे पानी बरसात व धूप में पड़े-पड़े खराब हो रही मशीनों के कारण नगर परिसर कबाड़खाना बना हुआ है. = 22 लाख के इ-रिक्शे पिंजरे में हुए बंद उधर, नगर पर्षद द्वारा किस प्रकार से जनता के दिये टैक्स के पैसे को उड़ाया जाता है, इसकी बानगी नगर पर्षद में 2021 में 22 लाख की राशि से खरीदे गये आठ इ-रिक्शा बयान कर रहे हैं. दरअसल, शहर के सकरी गलियों और सड़कों से कूड़े के उठाव के लिए नगर पर्षद ने 2021 में आठ इ-रिक्शा खरीदे गये थे, लेकिन दो चार दिन चलने के बाद सभी इ-रिक्शा आज नगर पर्षद परिसर में खड़े खड़े बर्बाद हो रहे हैं, यानी खरीदे गये सभी इ-रिक्शा से नगर पर्षद द्वारा कूड़ा उठाव कराने की जगह आज उन्हें लोहे के पिंजरे में कैद कर दिया गया है.
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