Liquor Scam: रांची-झारखंड शराब घोटाले में अधिकारियों की गिरफ्तारी पर आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनौती दी है कि अगर उनकी प्रशासन शराब घोटाले में शामिल नहीं है तो घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करें. उन्होंने कहा कि एक ही दिन में प्राथमिकी दर्ज कर और अफसरों को गिरफ्तार कर एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने इतिहास रच दिया. इस बात पर विश्वास करना असंभव है कि मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री की सहमति के बगैर अफसरों ने नीतिगत बदलाव कर लिया ताकि घोटाला किया जा सके.
अधिकारियों को बना दिया बलि का बकरा-सुदेश महतो
सीबीआई जांच होगी तो मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री भी लपेटे में आएंगे. इसी कारण आईएएस विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को बलि का बकरा बनाया गया है ताकि मुख्यमंत्री और मंत्री को बचाया जा सके. इस प्रशासन की असलियत अब जनता के सामने आनी शुरू हो गई है और इसका हाल भी दिल्ली की केजरीवाल प्रशासन की तरह ही होने वाला है.
जनता की आंखों में धूल झोंकना चाहती है प्रशासन-सुदेश महतो
सुदेश महतो ने कहा कि विपक्ष द्वारा लगातार इस मुद्दे पर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया जाता रहा कि अधिकारियों द्वारा झारखंड राज्य विवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा अप्रैल 2022 में निकाली गई निविदा की शर्तों का उल्लंघन कर छत्तीसगढ़ की कंपनी को काम दिया गया ताकि झारखंड और छत्तीसगढ़ के संगठित सिंडिकेट को अवैध कारोबार का मौका दिया जा सके. सितंबर 2024 में छत्तीसगढ़ में झारखंड कैडर के आईएएस विनय चौबे पर मुकदमा दर्ज होने के बाद झारखंड में हड़बड़ी में प्राइमरी इंक्वायरी गठित की गई, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. 20 मई 2025 को आनन-फानन में प्राथमिकी दर्ज कर अफसरों को गिरफ्तार कर लिया गया. इससे स्पष्ट है कि राज्य प्रशासन जनता की आंखों में धूल झोंक कर स्वयं को पाक साफ साबित करना चाहती है. इस बाबत आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है.
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