मधुबनी.
जिला भीषण गर्मी की आगोश में है. शुक्रवार को पारा लगभग 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया है. दुर्गा पूजा के कारण शहर में लोगों का आना जाना तो हो रहा है, लेकिन गर्मी से राहत नहीं मिल रही है. गर्मी से परेशान होकर बच्चों का समूह तालाब में स्नान के बहाने मस्ती कर रहे हैं. गर्मी से राहत पाने के लिए मजदूर भी कुछ देर कार्य करने के बाद छांव तलाशते दिख रहे हैं. गर्मी में डायरिया व डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो गया है. माडल सदर अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में वायरल फीवर एवं डायरिया के 8 शिशु को भर्ती कर इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. चाइल्ड वार्ड की प्रभारी जीएनएम ने कहा कि चाइल्ड वार्ड में प्रतिदिन फीवर एवं डायरिया के 5 से 7 बच्चों को भर्ती कर इलाज किय जाता है. वहीं इमरजेंसी में भी डायरिया का मरीज आ रहा है. हालांकि इलाज के 1-2 घंटे बाद मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया जाता है.
भीषण गर्मी से निजात के लिए विभाग अलर्ट
भीषण गर्मी से उत्पन्न लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. मौसम विभाग पूसा से मिली जानकारी अनुसार आने वाले दो तीन दिनों में तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है. पिछले 7 दिनों के तापमान पर गौर करें तो 19 सितंबर को 34.5, 20 को 33, 21 को 33.6, 22 को 35.4, 23 को 34.7, 24 को 34.6, 25 को 35 एवं 26 सितंबर को 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जिसके कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार की मानें तो आने वाले तीन चार दिनों में तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है. वहीं भीषण गर्मी के संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी से आमजनों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती-धात्री माताओं एवं विभिन्न कार्यों के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी काफी समस्याएं हो सकती है.
स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश
भीषण गर्मी को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा गर्मी से बचाव व इससे उत्पन्न विभिन्न तरह की स्वास्थ संबंधी बीमारियों के चिकित्सकीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक व्यवस्था की गई है. प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा कि जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भीषण गर्मी एवं लू से प्रभावित व्यक्तियों के अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है. प्रशासनी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों तथा मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित किया गया है. लू से प्रभावित व्यक्तियों का हर्ट रेट, रिस्पायरेट्री रेट, ब्लड प्रेशर, रेक्टल टेंपरेचर एवं मेंटल स्टेट का लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया है. लू से ग्रसित गंभीर मरीजों के लिए सदर अस्पताल में 12 बेड का डेडिकेटेड वार्ड तैयार किया गया है. सीएस ने कहा कि लू से ग्रस्त मरीजों का कंपलीट ब्लड काउंट, इलेक्ट्रोलाइ, ईसीजी, अदर मेटाबॉलिक एब्नार्मेलिटीज, लिवर फंक्शन टेस्ट एवं किडनी फंक्शन टेस्ट कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. एंबुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है. सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल सहित जिला के प्रभावित क्षेत्रों के निकटतम प्रशासनी स्वास्थ्य संस्थानों में रोस्टर संधारित कर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की 24 घंटे तैनाती आवश्यक औषधियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. इसके अलाव सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष चिकित्सकों को ऑन कॉल ड्यूटी पर 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है. ताकि आकस्मिक स्थिति में सूचित किए जाने पर वे शीघ्र संबंधित अस्पताल में उपस्थित होकर मरीज की देखभाल कर सके.
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