Mahakumbha Mela: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 न सिर्फ धार्मिक आयोजन था, बल्कि एक आर्थिक महाकुंभ भी साबित हुआ. वैश्विक कंपनी ‘डन एंड ब्रैडस्ट्रीट’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस मेले में 2.8 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियां हुईं, जो इसे हिंदुस्तान के सबसे बड़े आर्थिक इवेंट्स में से एक बनाती है.
आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण
रिपोर्ट में बताया गया है कि महाकुंभ से प्रत्यक्ष खर्च 90,000 करोड़ रुपये रहा, जिसमें परिवहन, आवास, भोजन और पर्यटन शामिल हैं. अप्रत्यक्ष प्रभाव 80,000 करोड़ रुपये का रहा, जो सप्लाई चेन की बढ़ती मांग से आया. वहीं, प्रेरित प्रभाव 1.1 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित है, जो स्थानीय श्रमिकों द्वारा आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य पर पुनर्निवेश से पैदा हुआ.
कहां कितना हुआ खर्च
महाकुंभ के कुल खर्च में 2.3 लाख करोड़ रुपये उपभोग व्यय और 50,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के रूप में दर्ज किए गए. परिवहन ने अकेले 37,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जिसमें रेलवे ने 17,700 करोड़ रुपये कमाए. तीर्थयात्रियों ने हेलिकॉप्टर राइड, हॉट एयर बैलून, और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी मनोरंजक गतिविधियों पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए.
स्थानीय कारोबार को बढ़ावा
लगभग दो लाख खुदरा विक्रेताओं ने 7,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जबकि खाद्य सेवाओं से 6,500 करोड़ रुपये की कमाई हुई. चाय की दुकानों ने प्रतिदिन 30,000 रुपये तक कमाए, और पूड़ी की दुकानों की औसत आय 1,500 रुपये प्रतिदिन रही.
इसे भी पढ़ें: मार्च 2025 में जीएसटी कलेक्शन 10% बढ़ा, अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर
डेटा आधारित अनुमान
‘डन एंड ब्रैडस्ट्रीट’ ने मालिकाना आर्थिक मॉडलिंग और डेस्क रिसर्च के जरिए यह आंकड़ा तैयार किया. पहले के अनुमानों में 2 लाख करोड़ रुपये की बात थी, लेकिन नई रिपोर्ट ने इसे 2.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाया.
इसे भी पढ़ें: काम-धाम कुछ नहीं, संपत्ति 8 लाख करोड़? डेली की कमाई 730 करोड़
The post Mahakumbha Mela: प्रयागराज महाकुंभ में 2.8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार, बन गया आर्थिक महाशक्ति appeared first on Naya Vichar.