एसबीआई रिसर्च केंद्रीय योजनाओं से वोट देने वाली स्त्रीओं में इजाफा
नया विचार पटना- दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने महि ने स्त्रीओं को हर महीने 2100 रु. देने की घोषणा की है। कांग्रेस भी 2500 रु. महीना देने की पेशकश कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो भाजपा भी मप्र और महाराष्ट्र की सफलता के बाद दिल्ली के लिए लाडकी बहना जैसी कोई योजना लाने की तैयारी में है। इस बीच, एसबीआई की चुनाव आयोग के डेटा पर की गई रिसर्च में कई चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं।
जिन 19 राज्यों में स्त्रीओं के लिए स्कीम की घोषणा हुई, वहां वोट देने वाली स्त्रीएं कुल 1.5 करोड़ बढ़ गई। वहीं, जिन राज्यों में ऐसी घोषणाएं नहीं हुईं, वहां यह बढ़ोतरी महज 30 लाख रही। यानी स्त्री स्कीम से वोट देने वाली स्त्रीएं अपेक्षाकृत 5 गुना बढ़ गईं। इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 9 करोड़ से अधिक नए मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें से 58% स्त्रीएं थीं। 2024 लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों में 9.6% और जीतने वालों में 13.6% स्त्रीएं थी।
मुद्रा लोन योजना से वोट देने वाली स्त्रीएं 36 लाख बढ़ीं
स्त्री सशक्तिकरण के लिए शुरू हुआ मुद्रा लोन 36 लाख स्त्रीओं के मतदान की वजह बना। आवास योजना के तहत घर मिलने से 20 लाख नई स्त्री वोटर बढ़ीं। 21 लाख स्त्रीओं ने केवल टायलेट बनने के कारण मतदान किया। स्वच्छ पेयजल और बिजली मिलने से भी स्त्रीओं का मतदान बढ़ा है।
महाराष्ट्र की लाडकी बहिन ने सर्वाधिक स्त्री वोटर बढ़ाया
लाडकी बहिन
लक्ष्मी भंडार
लाडली बहना
मंईयां सम्मान
मगालियर उर्मिल
गृह लक्ष्मी योजना
स्त्री उद्यमिता
वोट देने वाली स्त्रीएं बढ़ाने में प. बंगाल की लक्ष्मी भंडार व मप्र की लाडली बहना दूसरे व तीसरे पर रही। महाराष्ट्र की लाडकी बहिन पहले पर।
साक्षरता बढ़ने का भी असर...
स्त्रीओं में केवल एक फीसदी साक्षरता बढ़ने से पुरुषों की तुलना में उनके मतदान के अनुपात में 25% की बढ़ोतरी देखी गई। 2024 में केवल इसी के चलते 45 लाख नई स्त्रीएं मतदान केंद्रों तक पहुंचीं।