Masan Holi in Hajipur: हाजीपुर. हरि और हर की पावन भूमि हरिहर क्षेत्र के ऐतिहासिक कौनहारा घाट पर रविवार की शाम राग-विराग का अद्भूत उत्सव उठा. एक ओर धधकती चिताएं थी, तो दूसरी ओर श्रद्धा और उल्लास रंग बिखरे. रविवार की देर शाम कौनहारा घाट श्मसान में काशी के महाश्मसान मणिकर्णिका में आयोजित होने वाले मसान होली का अद्भुत दृश्य देखने को मिला. कौनहारा घाट श्मसान में उमड़े शिवभक्तों के सैलाब, साधु-संत, किन्नर आदि ने चिताओं की भस्म से होली स्पोर्ट्सी. नारायण नदी किनारे ऐतिहासिक कौनहारा घाट के श्मसान में मां तारा सेवा निधि, कौनहारा महातीर्थ की ओर से मसान होली का आयोजन किया गया.
खूब लगे बम-बम भोले के जयकारे
धधकती चिता से उठते धुएं के बीच मेघगर्जन उत्पन्न कराती डमरूओं की आवाज, शंखध्वनि व उल्लास के वातावरण के बीच स्पोर्ट्से होली मसाने में दिगंबर की धुन पर दूर-दूर से पहुंचे साधु-संत, अघोरी, तांत्रिक, किन्नर, यक्ष, गंधर्व, भूत-प्रेत बैताल का वेश बनाये शिवभक्तों ने जलती चिताओं का भस्म उड़ा कर एक-दूसरे से होली स्पोर्ट्स रहे थे. हर ओर हर-हर महादेव व बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे थे. इसके पूर्व नारायणी की महाआरती का आयोजन का किया गया. लालगंज विधायक संजय कुमार सिंह व हाजीपुर नगर परिषद की सभापति संगीता कुमारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.
श्मशान होली में स्त्रीएं भी शामिल
कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य के द्वारा शंखनाद से की गई. एक साथ आधे दर्जन शंख बजाए गए, जिसकी ध्वनि श्मशान से लेकर काफी दूर तक गूंजती रही. वहीं कोनहारा घाट पर आयोजित किए गए इस खास होली महोत्सव में शामिल होने बड़ी संख्या में लोग आए थे. वैसे तो यहां स्त्रियों का आना वर्जित माना जाता है, लेकिन इस खास मौके पर बड़ी संख्या में शमशान घाट पर स्त्रीएं और शिशु भी शामिल हुए. श्मशान में मौजूद माता तारा मंदिर के मुख्य पुजारी चरणामृत कुमार ने बताया कि यहां पूरा इलाका मां आदि शक्ति मां तारा का माना जाता है. मुख्य पुजारी चरणामृत कुमार ने कहा, “यहां धार्मिक विधि से श्मशान होली महोत्सव का कार्यक्रम होना बेहद महत्वपूर्ण है. इससे पूरे राज्य में सुख और समृद्धि का संचार होगा. लोग कई प्रकार के बाधाओं से स्वतः मुक्त हो जाएंगे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ही पूर्ण विधि विधान के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.”
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