Mithun Sankranti 2025: आज 16 जून 2025 को मिथुन संक्रांति का शुभ दिन है. हिंदू ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उसे संक्रांति कहा जाता है. इस दिन सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं. मिथुन संक्रांति का दिन सूर्यदेव की उपासना और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
सूर्य पूजा का महत्व मिथुन संक्रांति पर
सूर्यदेव को शक्ति, स्वास्थ्य, आत्मबल और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. मिथुन संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा करने से जीवन में नई ऊर्जा का प्रवाह होता है, मानसिक स्पष्टता आती है और ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है. इस दिन जप, तप और दान-पुण्य करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं.
आज 16 जून 2025 का मेष से लेकर मीन राशि का राशिफल
ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा
प्रातः स्नान और शुद्धता का पालन करें
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. यदि संभव हो तो पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें, अन्यथा गंगाजल मिलाकर घर पर ही स्नान करें.
सूर्य को अर्घ्य दें
तांबे के लोटे में जल भरें, उसमें लाल फूल, अक्षत (चावल), कुमकुम और थोड़ा गुड़ डालें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें और जप करें:
“ॐ घृणि सूर्याय नमः”
सूर्य मंत्रों का जाप करें
इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्य अष्टक, गायत्री मंत्र या सूर्य सहस्रनाम का पाठ करें. इससे मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धि होती है.
धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें
सूर्य प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं, धूप दिखाएं और फल या मीठा भोग अर्पित करें.
दान-पुण्य करें
लाल वस्त्र, तांबा, गुड़, गेहूं, मिश्री, घी और जल से भरे कलश का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है.
इस दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से की गई सूर्य पूजा न केवल आपके जीवन में सकारात्मकता लाती है, बल्कि स्वास्थ्य और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है.
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