Motihari: मोतिहारी.बच्चों की संख्या फर्जी ढंग से बढ़ाने की बात तो समझ में आती है, लेकिन उन्हीं बच्चों की फर्जी उपस्थिति दिखाकर बगैर वेंडर भाउचर सात लाख 25 हजार रुपये निकासी का मामला सामने आया है. यह मामला कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय चंद्रहिया मोतिहारी की है. इसको लेकर विभाग ने कहा कि कमेटी बनाकर जांच की जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार उक्त विद्यालय से प्रधानाध्यापक, लेखापाल व वार्डेन को 10 मार्च 2025 को विभागीय निर्देश के आलोक में हटा दिया गया, जहां नये प्रधान के रूप में सुधीर कुमार ने योगदान दिया, जिन्हें अपने मेल में लेकर हटाये गये वार्डन व लेखापाल ने उक्त राशि की निकासी कर ली.
दस-पंद्रह छात्राओं की जगह भुगतान में संख्या बढ़ा दिया गया, जबकि आज भी जांच हो तो यह संख्या उसी के आस-पास होगी. भुगतान में वेंडर का बिल भी नहीं है. जबकि सूत्रों की माने वेंडर का भुगतान भी बकाया है. नियमानुसार कस्तूरबा विद्यालय में 100 छात्राओं को आवासीय सुविधा देने का नियम है, लेकिन ऐसा इस विद्यालय में नहीं देखा जा रहा है. अगर जांच हो तो कई मामले सामने आयेंगे. पूर्व प्रधानाध्यापक राजेश्वर यादव ने राज्य परियोजना निदेशक, डीएम, डीइओ व डीपीओ को भेजे पत्र में इसका खुलासा किया है. कहा है कि जनवरी 2025 तक का निकासी कर लिया गया था, तो फरवरी व मार्च में छात्राओं की संख्या 10-15 होते हुए भी 7.25 लाख की निकासी कैसे हुई.
क्या कहते हैं अधिकारी
मामला गंभीर है. इसके लिए कमेटी बनाकर जांच करायी जाएगी. दोषी कोई हो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. हटाये जाने के बाद वार्डन व लेखापाल की मिली भगत की बात सामने आती है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हेमचंद्र, डीपीओ, मोतिहारी
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