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New Research: डायबिटीज की दवा ब्लड शुगर को ही कम नहीं करती, हमारे ब्रेन को प्रोटेक्ट भी कर सकती है, जानिए क्या कहती है रिसर्च

New Research: मधुमेह, यानी डायबिटीज और वजन घटाने वाली दवा ब्लड शुगर कंट्रोल करने से कहीं अधिक कारगर साबित हो सकती है. यह हमारे मस्तिष्क, यानी ब्रेन की सुरक्षा भी कर सकती है. चौंक गये न आप, पर यही सच है. हाल में हुए एक रिसर्च से यह बात सामने आयी है.

रिसर्च की फाइंडिंग

अमेरिका के ओहियो स्थित केस वेस्टर्न रिजर्व स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के दौरान पाया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीज, जो सेमाग्लूटाइड (ओजेंपिक और वेगोवी दवाओं में पाये जाने वाले घटक) लेते हैं, उनमें मनोभ्रंश (डिमेंशिया) विकसित होने का जोखिम काफी कम हो सकता है. विशेष रूप से स्त्रीओं और वृद्ध लोगों को इस दवा से अधिक लाभ हो सकता है. यह रिसर्च जर्नल ऑफ अल्जाइमर्स डिजीज में 24 जून को प्रकाशित हुई है. अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि सेमाग्लूटाइड लेने वाले टाइप 2 डायबिटीज रोगियों में अन्य एंटीडायबिटिक दवाओं की तुलना में डिमेंशिया विकसित होने का खतरा काफी कम था.

क्या है डिमेंशिया

डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है, जो धीरे-धीरे लोगों के लिए चीजों को याद रखना और स्पष्ट रूप से सोचना कठिन बना देती है. यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इस कारण ये कोशिकाएं आपस में ठीक से संवाद नहीं कर पाती हैं. कोशिकाओं में होने वाली यह क्षति, समय के साथ और बढ़ती जाती है. मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग, मस्तिष्क में लगी गंभीर चोट और स्ट्रोक जैसी स्थितियों में हमारे ब्रेन सेल्स डैमेज होने लग जाते हैं.

वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अध्ययन से यह संकेत भी मिलता है कि उपरोक्त बीमारियों को रोकने के उपाय करके डिमेंशिया के 45 प्रतिशत मामलों को रोका जा सकता है. सेमाग्लूटाइड भूख को कम करता है और टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायता करता है. यह वजन घटाने वाली दवा वेगोवी और टाइप टु डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने तथा किडनी फंक्शन को प्रोटेक्ट करने वाली दवा ओजेंपिक का एक्टिव इंग्रेडिएंट है.

क्या कहते हैं रिसर्चर

विदित हो कि बायोमेडिकल इनफॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर रोंग जू के नेतृत्व में रिसर्च टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 17 लाख टाइप 2 डायबिटीज रोगियों के तीन वर्ष के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का विश्लेषण किया, उसके बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं. वर्तमान में डिमेंशिया का कोई प्रभाव उपचार नहीं है. ऐसे में यह नया अध्ययन उच्च जोखिम वाली जनसंख्या के बीच डिमेंशिया के विकास को रोकने या धीमा करने को लेकर उम्मीद की किरण के रूप में सामने आया है. रोंग जू का कहना है कि हालांकि उनके निष्कर्ष संभावित रूप से इस विचार का समर्थन करते हैं कि सेमाग्लूटाइड डिमेंशिया को रोक सकता है, पर इस अध्ययन की सीमाएं शोधकर्ताओं को ठोस निष्कर्ष निकालने से रोकती हैं.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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