Operation Sindoor: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर से दुनिया के प्रमुख देशों को अवगत कराने के लिए प्रशासन की ओर से सभी दलों के सांसदों की टीम भेजने का फैसला लिया गया है. प्रशासन विदेश में हिंदुस्तान के पक्ष रखने के लिए सांसदों की 8 टीम भेजने की तैयारी कर रही है. सभी टीम में 6-7 सांसद हो सकते हैं. जानकारों के मुताबिक पहले चरण में सांसदों की टीम पांच देशों का दौरा करेगी. दौरा का पहला चरण 22 मई से शुरू होकर 3 जून को खत्म हो सकता है. इस दौरे का मकसद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से हिंदुस्तान पर पड़ने वाले प्रभाव और ऑपरेशन सिंदूर के महत्व से इन देशों को अवगत कराना है. इस दौरान सांसदों का प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर पाकिस्तान के झूठ को सामने रखेगा. साथ ही ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठ से भी अवगत कराएगा.
हिंदुस्तान ने साफ कर दिया है कि अब आतंकवादी हमले को युद्ध के तौर पर लिया जाएगा. ऐसे में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इस बाबत हिंदुस्तान के पक्ष से प्रमुख देशों को अवगत कराएगा और पाकिस्तान के आतंकवाद पर दिखावे की कार्रवाई की भी जानकारी देगा. सूत्रों के मुताबिक प्रशासन विभिन्न देशों की प्रशासन और मीडिया के जरिए आतंकवाद को लेकर मजबूती से अपना पक्ष रखने की योजना पर काम कर रही है. इस बाबत संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से बातचीत कर रहे है. संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सांसदों के दल का समूह बनाने की कवायद शुरू की है.
कांग्रेस भी इस दल में होगी शामिल
कांग्रेस ने सभी दल के सांसदों के समूह में शामिल होने की बात कही है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद हुए दो सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता नहीं की. ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे हालात पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को भी प्रशासन ने स्वीकार नहीं किया. प्रशासन एकता की बात कर रही है, लेकिन भाजपा की ओर से लगातार कांग्रेस को निशाना बनाया जा रहा है. लेकिन अब अचानक प्रशासन ने आतंकवाद और पाकिस्तान पर विदेश में पक्ष रखने के लिए सभी दलों के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला लिया है. कांग्रेस हमेशा से राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में देश के साथ खड़ी रही है और कभी भी इस मुद्दे पर नेतृत्व नहीं की है. लेकिन भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी नेतृत्व करती है. कांग्रेस का मानना है कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए उनकी पार्टी हर स्तर पर और हर मुद्दे पर प्रशासन का समर्थन जारी रखेगी, लेकिन जहां उसे जरूरी लगेगा वहां सवाल पूछने से भी पीछे नहीं हटेगी.
पहले भी प्रशासन ने हिंदुस्तानीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा है विदेश
ऐसी संभावना है कि इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हो सकते हैं. हालांकि शशि थरूर के हाल में दिए बयान से कांग्रेस नाराज बतायी जा रही है. हालांकि प्रशासन उनके कूटनीतिक अनुभव का लाभ लेने के लिए सांसदों की टीम में शामिल करना चाहती है. सांसदों का दल अमेरिका, ब्रिटेन, कतर, यूएई, फ्रांस, रूस सहित विभिन्न देशों का दौरा कर सकते हैं. गौरतलब है कि इससे पहले भी हिंदुस्तानीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाकर पाकिस्तान की कारगुजारियों को बताते रहे हैं. इससे पहले जनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हिंदुस्तान ने अपना पक्ष रखा था.
उस प्रतिनिधिमंडल में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल थे. तब पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार आयोग में जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार का मुद्दा उठाने के लिए प्रयत्नशील था, लेकिन उनकी मंशा पर हिंदुस्तानीय सांसदों के दल ने पानी फेर दिया. 2008 में मुंबई हमलों के बाद भी हिंदुस्तानीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश का दौरा कर हिंदुस्तान का पक्ष रखा था.
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