Parle-G: हिंदुस्तान में Parle-G बिस्किट खूब खाया जाता है. चाय के साथ इसकी जोड़ी सबसे ज्यादा पसंद की जाती है. अभी यह बिस्किट गाजा में बिक्री को लेकर चर्चा में है क्योंकि वह इसकी कीमत काफी बढ़ गई है. 5 रुपये का पैकेट 2,000 रुपये से भी ऊपर बिक रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मशहूर बिस्किट के नाम में जो ‘G’ है, उसका मतलब क्या है? अगर नहीं तो जानते हैं इस लेख में इसकी असली कहानी, जो ज्यादातर लोग नहीं जानते.
Parle-G: एक बिस्किट, लाखों यादें
Parle Products Ltd. के ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक, Parle-G की शुरुआत 1939 में हुई थी. इसे आज भी हिंदुस्तान का सबसे भरोसेमंद बिस्किट ब्रांड माना जाता है. 5 रुपये की कीमत में मिलने वाला यह बिस्किट बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर वर्ग के लोगों की पसंद है.
‘G’ का मतलब क्या है Parle-G में?
Parle-G में ‘G’ का मतलब है “Gluco”. जी हां, शुरुआत में इसका नाम था Parle Gluco Biscuit, क्योंकि यह ग्लूकोज से बना बिस्किट था जो एनर्जी देता था. बाद में कंपनी ने नाम को छोटा और यादगार बनाने के लिए इसे Parle-G कर दिया, जिसमें ‘G’ Glucose को रिप्रेजेंट करता है. कुछ लोग इसे ‘Genius’ भी मानते हैं, लेकिन कंपनी के अनुसार ‘G’ का असली मतलब Glucose ही है.
पैकेट पर बच्ची की कहानी (Parle-G)
Parle-G के पैकेट पर जो बच्ची बनी है वह एक आर्टिस्ट द्वारा बनाई गई काल्पनिक बच्ची है, जिसका कोई असली चेहरा नहीं है. इसे 1960 के दशक में डिजाइनर Maganlal Daiya ने बनाया था.
Parle-G की लोकप्रियता (Parle-G)
Parle-G दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट रहा है. 2003 में इसे Guinness Book of World Records में भी शामिल किया गया था.
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