Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने गोपालगंज जिले में जब्त वाहन के अनुचित उपयोग के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया है. अदालत ने प्रशासन को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, जो संबंधित अधिकारियों से वसूला जाएगा. साथ ही, छह महीने के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई पूरी करने का निर्देश दिया गया है.
कोर्ट की सख्ती और मामला
याचिकाकर्ता हर्ष अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस पी. बी. बजनथरी और जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता के वकील कुमार हर्षवर्धन ने अदालत को बताया कि यदुपुर थाना पुलिस ने 25 जुलाई 2024 को उनकी XUV-700 गाड़ी को शराबबंदी कानून के तहत जब्त किया था, लेकिन बाद में यह सामने आया कि 19 सितंबर 2024 तक वाहन का अवैध रूप से उपयोग किया गया.
जुर्माने पर सवाल और कोर्ट का रुख
याचिकाकर्ता पर बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसे उन्होंने पक्षपातपूर्ण बताया. अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि यदि याचिकाकर्ता एक सप्ताह के भीतर 3 लाख रुपये जमा करता है, तो प्रशासन को तीन दिनों के भीतर वाहन लौटाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
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आगे की कार्रवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च 2025 को निर्धारित की गई है. हाईकोर्ट का यह फैसला दर्शाता है कि जब्त वाहनों के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे.
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