रांची (प्रमुख संवाददाता). विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने गैर प्रशासनी संकल्प के तहत कुटे, आनी, मुड़मा, लाबेद व तिरिल के विस्थापितों के मुद्दों को उठाया. साथ ही जगन्नाथपुर के आनी मौजा में विस्थापितों के लिए बन कर तैयार 393 आवासों के आवंटन कराने और एचइसी के अतिरिक्त अधिग्रहित जमीन को यहां के विस्थपित रैयतों को वापस कराने का आग्रह किया. इस पर प्रभारी मंत्री ने सुदिव्य कुमार ने कहा कि तकनीकी अड़चनों को दूर कर जल्द विस्थापितों के आवास का आवंटन किया जायेगा. जहां तक विस्थापित रैयतों की अधिग्रहित जमीन को यहां के विस्थापित रैयतों को वापस कराने की बात है तो यह राज्य प्रशासन का विषय नहीं है. प्रशासन इसमें सहयोग कर सकती है. उन्होंने कहा कि विस्थापितों की जमीन वापसी के स्टेक होल्डर्स दिल्ली में बैठे हैं. एचइसी हिंदुस्तान प्रशासन के अधीन है. हिंदुस्तान प्रशासन जहां 100 एकड़ जमीन की जरूरत होती है, वहां 500 एकड़ जमीन लेकर बैठ जाती है. राज्य प्रशासन भी चाहती है कि अतिरिक्त अधिग्रहित जमीन विस्थापितों को वापस होना चाहिए. इस पर विधायक ने कहा कि चुनाव से पहले झामुमो व कांग्रेस के विधायक लगातार विस्थापित रैयतों को जमीन वापसी का वादा कर रहे थे. अब गेंद केंद्र प्रशासन के पाले में फेंक रहे हैं. विधायक प्रशासन से इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब को लेकर अड़े थे और उन्होंने गैर प्रशासनी संकल्प वापस लेने से इंकार कर दिया. इसके बाद वोटिंग के माध्यम से विधायक नवीन जायसवाल के गैर प्रशासनी संकल्प को खारिज किया गया.
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