रांची. राज्य प्रशासन ने झारखंड बालू खनन नियमावली-2025 लागू की गयी है. इसके तहत अब बालू घाटों की नीलामी होगी. वहीं, झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को दिये गये बालू घाटों से अधिकार वापस ले लिया गया है. इस पर कई माइंस डेवलपर ऑपरेटर (एमडीओ) ने जेएसएमडीसी के एमडी को पत्र लिखकर पूछा है कि उनका क्या होगा. उनका कहना है कि उन्होंने तो जेएसएमडीसी द्वारा निकाली गयी निविदा भरी थी और उनका चयन खुली निविदा में किया गया था. वर्तमान में 444 बालू घाटों में से 130 घाटों में एमडीओ नियुक्त हो चुके हैं. इन्हें लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआइ) दिया गया था. एमडीओ ने बैंक गारंटी भी जमा की है. 130 घाटों में 60 घाट ऐसे हैं, जिन्हें पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है. शेष घाटों में सीटीओ और सीटीइ की प्रक्रिया चल ही रही है.
एमडीओ ने क्या पूछा
– वैसे बालू घाट जिन्होंने सभी वैधानिक मंजूरी पूरी कर ली है और परिचालन शुरू करने के लिए तैयार हैं, उनका क्या होगा.
– वैसे बालू घाट जो वर्तमान में वैधानिक मंजूरी (टीओआर, इसी, सीटीइ, सीटीओ) आदि प्राप्त करने के विभिन्न चरणों में हैं, उनका क्या होगा.
-वैसे बालू घाट जो स्वीकृत खनन योजना के साथ प्रारंभिक चरण में हैं और इसके लिए आवेदन करने को लेकर ग्रामसभा व अन्य मंजूरी के लिए आगे बढ़ रहे हैं, उनका क्या होगा.
15 अगस्त से समाप्त हो जायेगा जेएसएमडीसी का अधिकार
गौरतलब है कि 10 जून से 15 अक्तूबर तक मॉनसून में एनजीटी द्वारा बालू की निकासी पर रोक लगा दी जाती है. इधर, जेएसएमडीसी के पास 15 अगस्त तक ही बालू घाटों पर अधिकार है. 15 अगस्त के बाद सारे अधिकार खान विभाग के पास वापस आ जायेंगे. फिर खनन विभाग नये सिरे से बालू घाटों की बंदोबस्ती करेगा. फिलहाल खनन विभाग द्वारा नीलामी के लिए मॉडल टेंडर बनाया जा रहा है. इसे जिलों को भेजा जायेगा और जिला स्तर पर डीसी की अध्यक्षता में नीलामी की प्रक्रिया पूरी होगी. खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 10 जून से पहले जो भी घाट चालू थे, वे नीलामी के बाद 15 अक्तूबर से दोबारा चालू हो जायेंगे. जो लोग नीलामी हासिल करेंगे वे तत्काल बालू की निकासी कर सकेंगे. क्योंकि, उस बालू घाट के सारे वैधानिक क्लीयरेंस एमडीओ द्वारा लिये जा चुके हैं.
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