RTE Jansunwai In Latehar: लातेहार, चंद्रप्रकाश सिंह-लातेहार जिले के मनिका प्रखंड में शुक्रवार को जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रखंड के 40 एकल शिक्षक विद्यालयों पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर जनसुनवाई की गयी. विभिन्न गांवों से आए अभिभावकों ने अपनी पीड़ा साझा की. अम्वाटीकर की सालमानी देवी ने कहा कि बच्चों को मध्याह्न भोजन देने के साथ ही स्कूल बंद कर दिया जाता है. जब वे अधिकारी से पूछती हैं तो वह कहते हैं कि गांव के शिशु क्या पढ़ेंगे? करमाही गांव की कविता देवी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है. वह नहीं चाहती हैं कि उनके शिशु भी उनकी तरह दिहाड़ी मजदूरी करें. चतरा की गीता देवी ने कहा कि हर कोई यह पूछता है कि स्कूल में क्या खाना मिला? लेकिन कोई नहीं पूछता कि बच्चों को क्या पढ़ाया गया? उन्होंने कहा कि सभी लोग निजी ट्यूशन या स्कूल का खर्च नहीं उठा सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि प्रशासनी स्कूलों में सही ढंग से पढ़ाई हो. मायावती देवी ने कहा कि जब वे शिक्षकों से पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल करती हैं तो वे सारी जिम्मेदारी प्रशासन पर डालकर बच निकलते हैं.
150 रुपए नहीं देने पर स्कूल यूनिफॉर्म नहीं मिला-अभिभावक
जमुना गांव की चिंता देवी ने बताया कि उनके स्कूल में सिर्फ दो शिक्षक हैं. एक हमेशा अनुपस्थित ही रहते हैं और दूसरा केवल ऑफिस के कार्यों में ही व्यस्त रहते हैं. चतरा की फुलिया देवी ने कहा कि उनके गांव में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं का कोई असर नहीं दिख रहा है. जनसुनवाई में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के आरोप भी सामने आए. करमाही की स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) की सदस्य कुंती देवी ने बताया कि स्कूल में नियमित बैठक नहीं होती है. मध्याह्न भोजन ठीक से नहीं दिया जाता और प्रधानाध्यापक ने ड्रेस बांटने के लिए हर छात्र से 150 रुपए की मांग की है. रुपए नहीं दे पाने के कारण उनका बच्चा यूनिफॉर्म नहीं पा सका.
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बीईईओ का जवाब था चौंकानेवाला
जब एकल शिक्षक स्कूलों की समस्या प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) राजश्री पुरी के समक्ष रखी गयी तो उन्होंने सुझाव दिया कि गांव का कोई भी इंटरमीडिएट पास व्यक्ति बच्चों को पढ़ा सकता है. भले ही उसे कोई वेतन नहीं मिले. इस पर आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर रीतिका खेड़ा ने सवाल किया कि क्या वे स्वयं अपने बच्चों को ऐसे व्यक्ति से पढ़ाना चाहेंगी? इस पर अधिकारी ने नहीं में उत्तर दिया.
शिक्षकों की नियुक्ति से निकलेगा समाधान- ज्यां द्रेज
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज ने कहा कि यदि प्रशासन उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) द्वारा आदेशित 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति कर देती है तो एकल शिक्षक विद्यालयों की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है, लेकिन आरटीई के अनुसार अभी भी और शिक्षकों की आवश्यकता है.
जनता के साथ है धोखा- प्रो कुमार राणा
इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट के प्रो कुमार राणा ने कहा कि पूरे स्कूल को एक शिक्षक द्वारा चलाया जाना न केवल चौंकाने वाला है बल्कि गैरकानूनी भी है. यह जनता के साथ धोखा है. उन्होंने कहा बैठक में उपस्थित कांग्रेस प्रवक्ता सुनीत शर्मा ने इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि ऐसी जनसुनवाई का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए. यह जनसुनवाई इस बात को साफ तौर पर उजागर करती है कि झारखंड में प्रशासनी स्कूलों की स्थिति को सुधारने की अत्यंत आवश्यकता है. कार्यक्रम का संचालन नरेगा वॉच के जेम्स हेरेंज ने किया.
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