समस्तीपुर . शिक्षा विभाग की तरफ से किए गए शिक्षकों के स्थानांतरण में गड़बड़ी का मामला सामने आ रहा है. मुख्यालय से जारी निर्देश में कहा गया था कि सभी स्थानांतरण छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर ही होंगे, ताकि जरूरत के अनुसार शिक्षकों की तैनाती हो सके, लेकिन जिले के प्रशासनी विद्यालयों में हाल में हुए शिक्षक तबादले को लेकर तमाम तरह की विसंगतियां उजागर होने लगी हैं. एक तरफ तबादले के बाद विद्यालयों में शिक्षक योगदान कर रहे हैं तो दूसरी तरफ शिक्षकों के अजीबोगरीब तबादले को लेकर कुछ शिक्षक शिक्षा विभाग की चक्कर काटने लगे हैं. कई शिक्षकों का मांगे गए ऑप्शन में से एक विद्यालय में भी पोस्टिंग नहीं किया गया है, बल्कि दूरी वाले विद्यालय आवंटित कर दिये गए हैं, जिसके कारण शिक्षक आक्रोश व्यक्त करते हुए परेशान हैं. शिक्षकों को मनचाही पोस्टिंग देने के लिए 10 च्वाइस वाले विद्यालय देने थे, जिसमें बीमारी, पति-पत्नी की पोस्टिंग और च्वाइस के आधार पर होनी थी. डीपीओ स्थापना कुमार सत्यम ने बताया कि विभाग द्वारा विभिन्न चरणों में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है. यह भी देखा गया है कि शिक्षकों का 100 से अधिक किलोमीटर की दूरी से 30 किलोमीटर की दूरी पर पदस्थापन होने के बावजूद वे संतुष्ट नहीं हैं और उनके द्वारा विभिन्न स्तर पर शिकायत दर्ज कराई जा रही है. साथ-ही-साथ जिस विद्यालय से कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया परन्तु वहां कोई शिक्षक पदस्थापित नहीं हो सके, वहां शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है. स्थानांतरण के वजह से विद्यालयों में रिक्त हुए पदों को भरने की चुनौती राज्य प्रशासन की हो गयी है. विभिन्न समस्याओं के समाधान के दौरान समीक्षोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि सभी स्तर के शिक्षकगण को अपना स्थानान्तरण कर विद्यालय का चयन स्वयं करने का मौका दिया जाय. एक ही प्रकार के शिक्षक दो या दो से अधिक अधिकतम दस शिक्षकों का अपना समूह बना कर अपने बीच उन विद्यालयों में परस्पर स्थानान्तरण कर सकेंगे. सभी समूह के शिक्षक एक ही केटेगरी यथा नियमित से नियमित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक से विशिष्ट शिक्षक एवं विद्यालय अध्यापक से विद्यालय अध्यापक एवं एक ही विषय यथा गणित से गणित, भौतिक शास्त्र से भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र से रसायन शास्त्र इत्यादि के होंगे तथा अपना परस्पर पदस्थापन उनके वर्त्तमान में पदस्थापित विद्यालयों के बीच कर सकेंगे. जो भी शिक्षक स्थानान्तरण चाहते हैं वे ई-शिक्षा कोष में लॉगिन कर एवं उनके जिले में स्थानान्तरण के इच्छुक शिक्षकों की सूची देख सकेंगे. वे अपने विषय और केटेगरी के ट्रांसफर के इच्छुक पूरे पंचायत/प्रखंड/अनुमंडल/जिला की सूची भी देख सकेंगे. इस प्रक्रिया में कोई शिक्षक दो या दो से अधिक अधिनस्थ दस वैसे शिक्षकों तक का चयन कर सकते हैं, जो पारस्परिक स्थानान्तरण के इच्छुक हैं. ओटीपी के माध्यम से सम्बन्धित शिक्षकों का मोबाइल नंबर प्राप्त हो सकेगा, जिनसे संपर्क कर वे अपने इच्छित विद्यालय का चयन कर सकेंगे. स्थानांतरण का आवेदन ई-शिक्षाकोष के माध्यम से दिया जायेगा. ई-शिक्षाकोष में ओटीपी के माध्यम से सत्यापन होने के तीन दिन में स्थानांतरण आदेश निर्गत हो जायेगा. स्थानांतरण आदेश निर्गत होने के पश्चात् 7 दिनों के अंदर अपने चयनित विद्यालय में योगदान करना अनिवार्य होगा. यदि पूरे समूह में एक भी शिक्षक अपना योगदान देने से इन्कार कर देते हैं, तो सभी स्थानान्तरित शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया जाएगा. इस प्रक्रिया का विस्तृत अनुदेश अलग से निर्गत किया जायेगा. इस वर्ष चूंकि जून महीने में विभिन्न तिथियों को स्थानांतरण किया गया है इसलिए विशेष स्थिति में यह व्यवस्था 10 जुलाई से पूरे जुलाई माह के लिए उपलब्ध रहेगी. इस व्यवस्था में राज्य मुख्यालय अथवा जिला स्थापना समिति की कोई भूमिका अथवा कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा. राज्य के सभी शिक्षक / शिक्षक समूह अपने स्तर से ई-शिक्षाकोष के माध्यम से परस्पर स्थानांतरण आदेश प्राप्त कर सकेंगे.
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