Samastipur News: रोसड़ा. मिथिला मंडन मंच रोसड़ा के सौजन्य से महाकवि आचार्य सुरेंद्र झा सुमन की 115वीं जयंती पर अवर निबंधन कार्यालय परिसर में परिचर्चा सह काव्य गोष्ठी का आयोजनकिया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ महाकवि के तैलचित्र पर पुष्पार्चन व दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. कुमारी प्रेरणा ने अपने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर समारोह की शुरुआत की. कार्यक्रम के संरक्षक अवर निबंधन पदाधिकारी डॉ भास्कर ज्योति ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि महाकवि सुमन की रचना धर्मिता मानवता व नैतिकता की गहरी सीख देती है. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ परमानंद मिश्र ने सुमनजी के सान्निध्य में बिताये गये समय के संस्मरण साझा किये. अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ प्रवीण कुमार प्रभंजन ने महाकवि के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सुमनजी की लेखनी मिथिला की सांस्कृतिक चेतना का पर्याय थी. काव्य गोष्ठी में नमिता झा, नृपेशचंद्र झा, डॉ तृप्तिनारायण झा, मिथिला विश्वविद्यालय सीनेट सदस्य गोपालजी चौधरी, सत्यनारायण यादव, चंद्रभूषण कुमार, मनोज कुमार यादवेंदु, अरविंद ठाकुर व छात्रा मनस्वी ने अपने प्रभावशाली काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. मंच संचालन करते हुए संस्था के सचिव आचार्य विजयव्रत कंठ ने अपनी कविता के माध्यम से दीपावली की शुभकामनाएं भी दी. कार्यक्रम के दौरान छात्राओं कुमारी प्रेरणा व मनस्वी को उनके उत्कृष्ट मैथिली कविता पाठ के लिए पांच सौ रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया. समारोह का समापन शांति मंत्र के साथ हुआ. पूरे आयोजन में साहित्यिक गरिमा व सांस्कृतिक उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला.
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