Samsatipur : समस्तीपुर . प्रशासनी स्कूल में दोपहर 12 बजे छुट्टी होने के बाद भी शिक्षकों को छुट्टी नहीं मिलेगी. वे प्रतिदिन 12 बजे से 1.30 बजे तक स्कूल में रहकर पाठ टीका तैयार करेंगे. छुट्टी होने के बाद वैसे शिक्षक जो दक्ष क्लास या विशेष क्लास नहीं लेंगे उन्हें पाठ टीका तैयार करना होगा. इसके अलावा शिक्षक स्कूल में छुट्टी के बाद कॉपियों की जांच, कॉपियों का साप्ताहिक और मासिक मूल्यांकन करेंगे. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक अतिरिक्त कार्य जैसे नामांकन एवं अन्य प्रशासनिक कार्य करेंगे. सभी कार्य करने के बाद शिक्षक प्रतिदिन 1.30 बजे घर के लिए प्रस्थान करेंगे. जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने कहा कि शिक्षकों की आठ घंटे की नौकरी है, फिर भी शिक्षकों को आधे घंटे पहले यानी 1.30 बजे छुट्टी दी जा रही है. स्कूलों में सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक पढ़ाई होनी है. इसके अलावे उन्हें स्वयं अध्ययन करना होगा. डीईओ ने बताया कि मध्य विद्यायल मोरसंड का उन्होंने निरीक्षण किया था. सभी शिक्षकों से पाठ टीका अवलोकन करने के लिए मांगा गया. दो शिक्षिका निशा यादव,सुरभि सिंह ने पाठ टीका तैयार नहीं किया था. जब डीईओ ने गहनता से जांच की तो सुरभि सिंह नवम्बर 2024 के बाद पाठ टीका नहीं बनाया गया था. मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए डीईओ ने स्पष्टीकरण पूछा है. शिक्षकों को स्कूल में छुट्टी के बाद पाठ टीका तैयार करने के लिए कहा गया है. पाठ टीका में शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाए जाने वाले चैप्टर के बारे में लिखना होता है. इसकी आधार पर शिक्षकों को अगले दिन पढ़ाना होता है. इसमें यह लिखना होता है कि किस शिक्षक ने कितनी घंटी ली. पाठ टीका का स्पष्ट अर्थ है कि शिक्षक प्रतिदिन कौन से कार्य किए और अगले दिन उन्हें क्या करना है. टीका में ये सारी जानकारी अंकित करते हैं ताकि ये सब बातें उन्हें याद रहे कि अगले दिन क्या करना है. इस तरह से महीने भर का पाठ टीका तैयार किया जा सकता है.
किट इस्तेमाल नहीं होने पर एचएम पर कार्रवाई
कल्याणपुर प्रखंड स्थित उमवि मंजिल मुबारक विद्यालय का निरीक्षण डीपीओ एमडीएम सुमित कुमार सौरभ ने किया. इस दौरान टीएलएम व एफएलएन कीट का प्रयोग नहीं किये जाने का खुलासा हुआ. डीपीओ एमडीएम ने बताया कि नियमित रूप से गृह कार्य भी बच्चों को नहीं दिया जा रहा था. डीपीओ एमडीएम ने एचएम को फटकार लगाते हुए अपने पक्ष रखने के लिए तलब किया है. टीएलएम व एफएलएन स्कूल किट का इस्तेमाल नहीं करने पर स्कूल के प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई होगी. बच्चों के लिए एफएलएन स्कूल किट विद्यालयों को उपलब्ध कराया गया है. स्कूलों के निरीक्षण में ऐसा पाया जा रहा है कि विद्यालयों द्वारा एफएलएन स्कूल किट को सुरक्षित अलमारी में या बांधकर कहीं अन्यत्र रखा गया है. उसका उपयोग बच्चों के बीच नहीं किया जा रहा है. एफएलएन स्कूल किट का प्रयोग बच्चों को पढ़ने में प्रतिदिन किया जाना है. बता दें कि जिला के सभी विद्यालयों में एफएलएन किट का वितरण बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ना के लिए किया गया है. जांच अधिकारियों के निरीक्षण में यह पाया जा रहा है कि स्कूल में किट का इस्तेमाल बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं किया जा रहा है. किट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. जिले के प्रशासनी प्रारंभिक स्कूलों में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को एफएलएन किट उपलब्ध कराया गया है. विभाग ने सभी बच्चों को एफएलएन किट के साथ उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश स्कूलों के एचएम को दिया है. विभाग का कहना है कि निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में शिशु एफएलएन किट के साथ स्कूलों में उपस्थित नहीं देखे गये. जिले में सभी प्रारंभिक स्कूलों के कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के बीच एफएलएन किट का वितरण किया जा चुका है. बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से यह अभिनव पहल किया गया है. इसके तहत सभी प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के बीच स्कूल बैग में रखकर पानी की बोतल, स्लेट, पेंटिंग एवं ड्राइंग की सामग्रियां, पेंसिल बाक्स आदि दी गयी है, ताकि उनकी सह शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके.
डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
The post Samsatipur : पाठ टीका तैयार नहीं करने वाली दो शिक्षिकाओं से डीइओ ने पूछा स्पष्टीकरण appeared first on Naya Vichar.