Vodafone Idea: हिंदुस्तानीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने गुरुवार को Vodafone Idea Limited (VIL) के शेयरधारकों के लिए प्रशासन को खुली पेशकश (Open Offer) से छूट दे दी है. यह छूट प्रशासन की ओर से स्पेक्ट्रम बकाया के बदले इक्विटी कन्वर्जन के बाद 34% से अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के प्रस्ताव पर दी गई है.
SEBI के फैसले का क्या मतलब है?
SEBI के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने आदेश में कहा कि हिंदुस्तान प्रशासन द्वारा Vodafone Idea में हिस्सेदारी बढ़ाना सार्वजनिक हित में है. प्रशासन का उद्देश्य VIL को वित्तीय रूप से मजबूत बनाना और देश में दूरसंचार सेवाओं को बनाए रखना है.
Vodafone Idea में प्रशासन की हिस्सेदारी होगी 49%
वर्तमान में प्रशासन के पास Vodafone Idea में 22.6% हिस्सेदारी है, जो इस निर्णय के बाद बढ़कर लगभग 49% हो जाएगी. इससे कंपनी को अपने वित्तीय संकट से उबरने में मदद मिलेगी और ग्राहकों को बेहतर नेटवर्क सेवा जारी रखने में सहूलियत मिलेगी.
खुली पेशकश से छूट क्यों दी गई?
आम तौर पर किसी सूचीबद्ध कंपनी में 25% या उससे अधिक हिस्सेदारी हासिल करने वाली संस्था को शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होती है. लेकिन, SEBI ने प्रशासन को इससे छूट दी है. इसके पीछे कई कारण हैं.
- प्रशासन के इस अधिग्रहण का उद्देश्य VIL के वित्तीय संकट को दूर करना है.
- प्रशासन का प्रबंधन या बोर्ड में हस्तक्षेप का कोई इरादा नहीं है.
- VIL के पास प्रशासन को बकाया राशि चुकाने की जिम्मेदारी है, जिससे उसके वित्तीय हालात प्रभावित हो सकते हैं.
- प्रशासन यदि खुली पेशकश लाती तो बड़ी नकदी निकासी होती, जिससे दूरसंचार क्षेत्र पर असर पड़ सकता था.
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Vodafone Idea को कैसे फायदा होगा?
- 36,950 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया इक्विटी में बदला गया, जिससे कंपनी को राहत मिलेगी.
- निवेशकों को फायदा होगा क्योंकि प्रशासन की हिस्सेदारी पब्लिक इन्वेस्टमेंट की तरह देखी जाएगी.
- कंपनी को फंडिंग जुटाने और सेवाएं सुधारने में मदद मिलेगी.
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