सीवान. गुरुवार को अमरीकी उपराष्ट्रपति के हिंदुस्तान दौरे के विरोध में आइसा व आरवाइए ने आक्रोश मार्च निकाला. आइसा व इंकलाबी नौजवान सभा के सदस्यों ने शहर के ललित बस स्टैंड से बबुनिया मोड़ तक मार्च किया. बबुनिया मोड़ पर आक्रोश मार्च नुक्कड़ सभा में बदल गयी. सभा को संबोधित करते हुए आइसा के जिला सचिव प्रिंस पासवान ने कहा कि अमेरिका में हजारों हिंदुस्तानीय छात्रों का भविष्य संकट में डाल दिया गया है. उनके वीजा को रद्द किये जा रहे हैं. अवैध नागरिकता के नाम पर हिंदुस्तानीय युवाओं को हथकड़ियों व बेड़ियों में जकड़कर गुलामों की तरह वापस भेजा जा रहा है. दूसरी ओर फिलिस्तीन में जारी सदी के सबसे बर्बर जनसंहार में अमेरिका खुलेआम शामिल है. फिलिस्तीन का नामोनिशान मिटाया जा रहा है. मोदी प्रशासन अमेरिका की इस जबरदस्ती और धमकियों के सामने घुटने टेक चुकी है. ट्रंप प्रशासन ने हिंदुस्तान के साथ सबसे अपमानजनक व्यवहार किया है. मोदी प्रशासन ने देश के स्वाभिमान को गिरवी रखने का काम किया है. पहलगाम आतंकी हमले में मारे गये नागरिकों को श्रद्धांजलि देते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के नेता अमित कुमार ने कहा कि बीजेपी चुनाव आते ही नफरत का माहौल बनाने में लग जाती है. कश्मीर में हुए आतंकी हमले को बीजेपी हिंदू-मुस्लिम करने में लगी है. आइसा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में कई लोगों की जान चली गयी व कई घायल हुए हैं. हम इस जघन्य घटना की कड़ी भर्त्सना करते हैं. इस घटना ने कश्मीर में हालात सामान्य होने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में मोदी प्रशासन के खोखले दावों को उजागर कर दिया है. कश्मीर में आम नागरिकों, प्रवासी मजदूरों और अब पर्यटकों पर आतंकी हमले हो रहे हैं. भाजपा के जम्मू एवं कश्मीर में हालात सामान्य होने के दावे पूरी तरह गलत हैं. इस मार्च में आरवाइए के जिलाध्यक्ष उपेंद्र साह, पूर्व जिला पार्षद सुजीत कुशवाहा, राष्ट्रीय परिषद सदस्य विशाल यादव, मुखिया सुनील पासवान, आइसा नेता सुनील यादव, नीरज कुशवाहा, सुशील कुशवाहा, सोनू कुशवाहा, संजीव यादव, दयानंद कुशवाहा सहित कई सदस्य मौजूद रहे.
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