Success Story of Aamir Qutub: यूपी के छोटे से शहर अलीगढ़ के रहने वाले आमिर ने MBA की पढ़ाई की है. आमिर ने करीब 170 कंपनियों में नौकरी के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उनको रिजेक्ट कर दिया गया. ऑस्ट्रेलिया के एयरपोर्ट पर सफाई का काम करने के साथ-साथ आमिर ने हिम्मत नहीं हारी. टेक कंपनी में काम करते हुए आमिर ने खुद की कंपनी शुरू करने का फैसला किया. आमिर ने 2014 में अपनी कंपनी एंटरप्राइज मंकी प्रोपराइटर लिमिटेड की स्थापना की.
Success Story of Aamir Qutub: शुरुआत में संघर्ष
उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर अलीगढ़ में जन्मे आमिर ने MBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने करियर की शुरुआत के लिए कड़ी मेहनत की. उन्होंने करीब 170 कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन हर बार उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा.
इतने प्रयासों के बाद भी जब कोई नौकरी नहीं मिली, तो आमिर ने हार मानने की बजाय खुद को मजबूत किया. अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का रुख किया और वहां एयरपोर्ट पर सफाई कर्मचारी के रूप में काम शुरू किया.
टेक कंपनी से सीखी काम की बारीकियां
एयरपोर्ट की नौकरी के साथ-साथ आमिर ने ऑस्ट्रेलिया की एक टेक कंपनी में भी काम करना शुरू किया. यहां उन्होंने टेक्नोलॉजी की दुनिया की बारीकियों को समझा और इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की ठान ली. यह काम उनके लिए केवल आय का जरिया नहीं था, बल्कि सीखने और खुद को साबित करने का अवसर भी था.
टेक कंपनी में काम करते हुए आमिर ने देखा कि कैसे एक मजबूत विजन और मेहनत से कंपनियां खड़ी की जाती हैं. यहीं से उन्हें अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का विचार आया. उन्होंने तय कर लिया था कि अब वे केवल नौकरी के लिए आवेदन नहीं करेंगे, बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे.
स्टार्टअप से अरबों के मालिक
साल 2014 आमिर के जीवन में एक नया अध्याय लेकर आया. उन्होंने सिर्फ 2,000 ऑस्ट्रेलियन डॉलर की छोटी सी रकम से अपनी कंपनी एंटरप्राइज मंकी प्रोपराइटर लिमिटेड की स्थापना की. यह फैसला उनके लिए जोखिम भरा जरूर था, लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास और योजना के साथ कदम उठाया.
आज उनकी कंपनी डिजिटल सॉल्यूशन, वेब डेवलपमेंट और सॉफ्टवेयर सर्विसेस के क्षेत्र में काम कर रही है. आमिर की सफलता इस बात का प्रमाण है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादे मजबूत हों तो मंजिल जरूर मिलती है.
आमिर की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो असफलताओं से हार मान लेता है. 300 रिजेक्शन के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई है. उनका जीवन यह सिखाता है कि सपनों को पाने के लिए लगन, धैर्य और मेहनत सबसे जरूरी हथियार हैं.
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