sunny deol :पैन इंडिया फिल्म ‘जाट’ सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है. इस फिल्म से अभिनेता सनी देओल ने साउथ की फिल्मों में भी अपनी शुरुआत की है. सनी एक अरसे से साउथ की फिल्मों का हिस्सा बनना चाहते थे. उन्हें खुशी है कि एक्शन-थ्रिलर फिल्म ‘जाट’से यह पूरा हुआ है. इस जॉनर की फिल्मों में दर्शक सबसे ज्यादा उन्हें देखना पसंद करते हैं. उनकी इस फिल्म, करियर और परिवार पर उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
‘जाट’ के निर्माता और निर्देशक साउथ के हैं. साउथ की कई भाषाओं में फिल्में रिलीज हुई हैं. हिंदी फिल्मों से क्या फर्क पाते हैं?
साउथ में डायरेक्टर का बहुत सम्मान है. जैसा डायरेक्टर चाहता है, वैसी ही फिल्म उसको निर्माता बनाने देते हैं, जिससे फिल्म अच्छी बनती है. पहले हमारे यहां भी ऐसा था, लेकिन अब निर्देशन से ज्यादा निर्माता और दूसरे फैक्टर्स फिल्म की मेकिंग पर हावी हो जाते हैं. साउथ में जब किसी निर्माता के पास पर्याप्त बजट होता है और उनके पास अच्छी कहानी और निर्देशक होता है, तो वे किसी स्टार को ढूंढ़ लेते हैं और फिल्म बनाना शुरू कर देते हैं. मैं हमेशा से साउथ की फिल्में करना चाहता था, क्योंकि मुझे उनमें मजा आता था और जब मुझे यह फिल्म मिली तो मुझे फिल्म की पूरी प्रक्रिया इतनी अच्छी लगी कि मैंने मजाक में यहां तक कह दिया कि मुझे यहीं बस जाना चाहिए.
‘जाट’एक एक्शन फिल्म है. इस उम्र में इतना एक्शन क्या शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण था?
मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं यह कर पाऊंगा या नहीं. ये मेरे लिए मुश्किल है. सच कहूं, तो मुझे कभी डर नहीं लगा. मैं उस कहानी और उस किरदार के बारे में सोचता हूं जिसे मैं निभा रहा हूं और उसे पर्दे पर अच्छे से निभाने की मेरी कोशिश होती है. चोटिल भी होता हूं, लेकिन वो एक्टर की जिंदगी का ही हिस्सा है.
क्या साउथ में भी आप अपनी फैन फॉलोइंग बना पायेंगे. सलमान ने अपने हालिया इंटरव्यू में कहा था कि साउथ के दर्शक अपने एक्टर के प्रति बेहद लॉयल हैं ?
मुझे नहीं पता, क्योंकि यह मेरी पहली फिल्म है. मुझे एक बार यह फिल्म रिलीज होने के बाद पता चलेगा. मुझे लगता है कि जब वे आपकी फिल्में देखते रहेंगे तो वे आपके प्रशंसक बन जायेंगे. दर्शक वही हैं, दुर्भाग्य से लंबे समय से हमने इस तरह की फिल्में बनाना बंद कर दिया था. हमने हॉलीवुड की कॉपी के चक्कर में अपनी देशी चीजों की अनदेखी की, जबकि साउथ सिनेमा हमेशा अपनी जड़ों से जुड़ा रहा.
आपके पापा धर्मेंद्र जी अब कैसे हैं ?
वे ठीक हैं और अब मुंबई में हैं. वे लोनावला जाते रहते हैं और उन्हें वहां जाना बहुत पसंद है. आखिरकार हम किसान हैं और धरती मां से बहुत जुड़े हुए हैं. हमें मुंबई में मौका नहीं मिलता, लेकिन जब भी मैं गांवों में शूटिंग करता हूं, तो खेतों के बीच ही घर ढूंढता हूं. जिस मुंबई को हम खूबसूरत मानते थे, अब वह पेड़ों का नहीं बल्कि लोगों का जंगल है, यह बहुत बदल गया है. मैं भीड़ से दूर भागता रहता हूं.
बॉबी के मौजूदा करियर को किस तरह से आप देखते हैं ?
मैं बॉबी के लिए बहुत खुश हूं, जिस तरह का उसे काम मिल रहा है. मुझे गुस्सा आता था, जब उसे काम नहीं दिया जा रहा था. वह हमेशा से एक बेहतरीन अभिनेता रहा है और अब लोग उसे नकारात्मक भूमिका में देखना पसंद करने लगे हैं. आखिरकार वह एक एक्टर है, जो एक किरदार को निभा रहा है, बिल्कुल अमरीश पुरी की तरह. हमारी इंडस्ट्री में जो हमें लेबल कर दिया जाता है, जिससे हमें कोई और रोल नहीं मिलता है. वह दिखने में बहुत अच्छा लड़का है, वह कद में भी लंबा है. उसका स्वैग बहुत बढ़िया है. एक अभिनेता के तौर पर उसकी क्षमता बहुत अधिक है, वह अच्छा डांस भी करता है. मुझे गुस्सा आता है कि उसकी क्षमताओं का अब तक पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया है.
आपको अपने पिता की प्रतिभा विरासत में मिली है. आपके बेटों के बारे में आपका क्या कहना है ?
मेरे पिता हमेशा से मेरे आदर्श रहे हैं. मैं उन्हें करीब से देखता आया हूं. मैंने उनसे बहुत-सी चीजें सीखी हैं और उनसे बहुत कुछ विरासत में पाया है. यह अगली पीढ़ी को भी मिला है. पापा एक बहुमुखी अभिनेता रहे हैं. उन्होंने अलग-अलग तरह की भूमिकाएं निभाई हैं. वह एक समय में बहुत सारी फिल्में करते थे, जबकि मैं एक समय में एक ही फिल्म कर रहा हूं. हम उनके सामने कहीं नहीं टिकते हैं. अपने बड़े बेटे की फिल्म को देखने के बाद मुझे लगा कि रोमांटिक की बजाय मुझे उसे एक्शन फिल्म से लांच करना था. वह एक्शन में अच्छा है. फिल्म के एक एक्शन सीक्वेंस को शूट करते हुए मैंने ये महसूस किया था.
सोशल मीडिया पर आपकी क्या राय है और आप इसमें कितना दिलचस्पी रखते हैं?
आपको इसके साथ चलना होगा, आप इससे बच नहीं सकते हैं, इसलिए अपने तरीके से इसे एन्जॉय करें, बजाय इसके कि हम इसके बारे में शिकायत करें. जहां तक मेरी दिलचस्पी की बात है, शुरू में मुझे यह समझ में नहीं आया था. इसे सीखने में मेरा बहुत समय गया. वैसे मैं इससे दूर ही रहना पसंद करता हूं, क्योंकि यह रियल नहीं, बल्कि आभासी दुनिया है. मैं ज्यादातर बाहर घूमने वाला व्यक्ति हूं. मैं घर पर बैठकर फिल्में या टीवी नहीं देख सकता, मैं प्रकृति के बीच में रहना पसंद करता हूं. कोई स्पोर्ट्स स्पोर्ट्सता हूं, ड्राइव पर जाता हूं या संगीत सुनता हूं. पहले हम संगीत फील करते थे. हम उसे रिकॉर्ड करते थे, संगीत घर लाते थे और रिकॉर्ड सुनते थे. मौजूदा दौर के संगीत में अब वह आकर्षण नहीं रहा.
आप किस तरह का म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं ?
मैं हमेशा से चाहता था कि मैं गा सकूं और संगीत बना सकूं. मेरे पास एल्बमों का एक बड़ा कलेक्शन है, क्योंकि मुझे म्यूजिक का शौक है. मैं शास्त्रीय संगीत को छोड़कर सभी तरह का संगीत सुनता हूं. वैसे मैं रैप भी नहीं समझता हूं. मुझे उनकी धुनें अच्छी लगती हैं, लेकिन शब्द समझ में नहीं आते. हमारे समय में हमारे पास रॉक म्यूजिक, एसिड म्यूजिक और अंडरग्राउंड म्यूजिक था. नयी चीजें आयीं और जैसे-जैसे पीढ़ी आगे बढ़ती है, वे नयी चीजों से जुड़ने लगती है. मैं इन दिनों सतिंदर सरताज को सुनता हूं. वह अपने गाने खुद लिखते हैं, गाते हैं और उन्हें कंपोज करते हैं. उन्होंने संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री ली है. म्यूजिक से मेरा लगाव कुछ इस कदर है कि मैं हमेशा से चाहता रहा हूं कि काश मैं प्लेबैक सिंगिंग कर पाता. मैं म्यूजिक कंपोज भी करना चाहता हूं.
2023 में आयी गदर-2 हिट रही. बॉबी की एनिमल भी हिट रही और आपके पिता की रॉकी और रानी भी बड़ी हिट रही. इस सफलता को आप कैसे देखते हैं ?
हम सभी बहुत खुश हैं और हम हमेशा खुशी के पलों के बारे में सोचते हैं और उन पलों के बारे में नहीं सोचते, जब हमें तकलीफ हुई थी. हमारे घर में एक बेटी भी आ गयी है. मेरे लिए मेरी बहू मुस्कान बेटी है और वह परिवार के लिए भाग्यशाली रही है. वैसे उसके आने से घर में एक अलग ही रौनक आ गयी है. बहनों की शादी बहुत जल्दी हो गयी थी. घर में लड़के ही थे. मेरे भी दो बेटे हुए और बॉबी के भी दो बेटे ही हुए. अब घर में बेटी आयी है, तो एक अलग ही माहौल घर का होता है.
आपके पास अभी फिल्मों की एक बेहतरीन लाइनअप है. लाहौर 1947 और बॉर्डर 2 आने वाली हैं?
हां, मुझे गदर के बाद अच्छा काम मिलना लगभग बंद हो गया था, लेकिन गदर-2 रिलीज होने के बाद मुझे ऑफर मिलने लगे. सौभाग्य से मुझे बेहतरीन भूमिकाएं ऑफर की जा रही हैं और मैं इसके लिए उत्साहित हूं. मैं ओटीटी पर काम करने के लिए उत्सुक हूं. ऐसी बहुत सी भूमिकाएं होती हैं, जो हम सिल्वर स्क्रीन के लिए नहीं कर सकते.
क्या अपने पापा की कोई फिल्म रीमेक करना चाहेंगे?
पापा की एक फिल्म थी आंखें. यह एक स्पाई थ्रिलर फिल्म थी. बहुत ही बेहतरीन फिल्म थी. आजकल जासूसी फिल्मों में वह आकर्षण नहीं है.
आप फिल्मों के निर्देशन से भी जुड़े रहे हैं. क्या आगे किसी फिल्म के निर्देशन की प्लानिंग है?
मैं हमेशा से फिल्मों को डायरेक्ट और प्रोड्यूस करना चाहता था, लेकिन किसी तरह मुझे एहसास हुआ कि मैं इसके लिए उपयुक्त नहीं हूं, क्योंकि मैं चीजों को अच्छी तरह से मैनेज नहीं कर पाता हूं. अपने बेटे की आखिरी फिल्म का निर्देशन करने के बाद मैंने फैसला किया कि मैं निर्देशन नहीं करूंगा. एक अभिनेता के रूप में मैं सफल रहा हूं. लोग मुझे एक अभिनेता के रूप में देखना चाहते हैं, इसलिए मैं उस पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं.
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